शिशु मृत्यु

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं शिशु मृत्यु

मत्ती 18 : 2 – 10
2 इस पर उस ने एक बालक को पास बुलाकर उन के बीच में खड़ा किया।
3 और कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, यदि तुम न फिरो और बालकों के समान न बनो, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने नहीं पाओगे।
4 जो कोई अपने आप को इस बालक के समान छोटा करेगा, वह स्वर्ग के राज्य में बड़ा होगा।
5 और जो कोई मेरे नाम से एक ऐसे बालक को ग्रहण करता है वह मुझे ग्रहण करता है।
6 पर जो कोई इन छोटों में से जो मुझ पर विश्वास करते हैं एक को ठोकर खिलाए, उसके लिये भला होता, कि बड़ी चक्की का पाट उसके गले में लटकाया जाता, और वह गहिरे समुद्र में डुबाया जाता।
7 ठोकरों के कारण संसार पर हाय! ठोकरों का लगना अवश्य है; पर हाय उस मनुष्य पर जिस के द्वारा ठोकर लगती है।
8 यदि तेरा हाथ या तेरा पांव तुझे ठोकर खिलाए, तो काटकर फेंक दे; टुण्डा या लंगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इस से भला है, कि दो हाथ या दो पांव रहते हुए तू अनन्त आग में डाला जाए।
9 और यदि तेरी आंख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर फेंक दे।
10 काना होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इस से भला है, कि दो आंख रहते हुए तू नरक की आग में डाला जाए।

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