मेरी

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं मेरी

मत्ती 1 : 16
16 और याकूब से यूसुफ उत्पन्न हुआ; जो मरियम का पति था जिस से यीशु जो मसीह कहलाता है उत्पन्न हुआ॥

लूका 1 : 38
38 मरियम ने कहा, देख, मैं प्रभु की दासी हूं, मुझे तेरे वचन के अनुसार हो: तब स्वर्गदूत उसके पास से चला गया॥

लूका 2 : 19
19 परन्तु मरियम ये सब बातें अपने मन में रखकर सोचती रही।

लूका 1 : 56
56 मरियम लगभग तीन महीने उसके साथ रहकर अपने घर लौट गई॥

लूका 2 : 51
51 तब वह उन के साथ गया, और नासरत में आया, और उन के वश में रहा; और उस की माता ने ये सब बातें अपने मन में रखीं॥

यूहन्ना 2 : 10
10 हर एक मनुष्य पहिले अच्छा दाखरस देता है और जब लोग पीकर छक जाते हैं, तब मध्यम देता है; परन्तु तू ने अच्छा दाखरस अब तक रख छोड़ा है।

मत्ती 12 : 47
47 किसी ने उस से कहा; देख तेरी माता और तेरे भाई बाहर खड़े हैं, और तुझ से बातें करना चाहते हैं।

मरकुस 3 : 31
31 और उस की माता और उसके भाई आए, और बाहर खड़े होकर उसे बुलवा भेजा।

लूका 8 : 19
19 उस की माता और भाई उसके पास आए, पर भीड़ के कारण उस से भेंट न कर सके।

यूहन्ना 19 : 27
27 तब उस चेले से कहा, यह तेरी माता है, और उसी समय से वह चेला, उसे अपने घर ले गया॥

यूहन्ना 19 : 27
27 तब उस चेले से कहा, यह तेरी माता है, और उसी समय से वह चेला, उसे अपने घर ले गया॥

प्रेरितों के काम 1 : 14
14 ये सब कई स्त्रियों और यीशु की माता मरियम और उसके भाइयों के साथ एक चित्त होकर प्रार्थना में लगे रहे॥

यशायाह 7 : 14
14 इस कारण प्रभु आप ही तुम को एक चिन्ह देगा। सुनो, एक कुमारी गर्भवती होगी और पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानूएल रखेगी।

लूका 2 : 35
35 वरन तेरा प्राण भी तलवार से वार पार छिद जाएगा– इस से बहुत हृदयों के विचार प्रगट होंगे।

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