ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं मिशनरी कार्य
मरकुस 16 : 15
15 और उस ने उन से कहा, तुम सारे जगत में जाकर सारी सृष्टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो।
मत्ती 28 : 19 – 20
19 इसलिये तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो।
20 और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं॥
प्रेरितों के काम 6 : 4
4 परन्तु हम तो प्रार्थना में और वचन की सेवा में लगे रहेंगे।
1 तीमुथियुस 4 : 12
12 कोई तेरी जवानी को तुच्छ न समझने पाए; पर वचन, और चाल चलन, और प्रेम, और विश्वास, और पवित्रता में विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा।
प्रेरितों के काम 1 : 8
8 परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे।
रोमियो 10 : 14
14 फिर जिस पर उन्होंने विश्वास नहीं किया, वे उसका नाम क्योंकर लें? और जिस की नहीं सुनी उस पर क्योंकर विश्वास करें?
भजन संहिता 96 : 3
3 अन्य जातियों में उसकी महिमा का, और देश देश के लोगों में उसके आश्चर्यकर्मों का वर्णन करो।
मरकुस 16 : 15 – 16
15 और उस ने उन से कहा, तुम सारे जगत में जाकर सारी सृष्टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो।
16 जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा, परन्तु जो विश्वास न करेगा वह दोषी ठहराया जाएगा।
1 पतरस 3 : 15
15 पर मसीह को प्रभु जान कर अपने अपने मन में पवित्र समझो, और जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ।
फिलिप्पियों 4 : 6 – 7
6 किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं।
7 तब परमेश्वर की शान्ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी॥
यूहन्ना 20 : 19 – 24
19 उसी दिन जो सप्ताह का पहिला दिन था, सन्ध्या के समय जब वहां के द्वार जहां चेले थे, यहूदियों के डर के मारे बन्द थे, तब यीशु आया और बीच में खड़ा होकर उन से कहा, तुम्हें शान्ति मिले।
20 और यह कहकर उस ने अपना हाथ और अपना पंजर उन को दिखाए: तब चेले प्रभु को देखकर आनन्दित हुए।
21 यीशु ने फिर उन से कहा, तुम्हें शान्ति मिले; जैसे पिता ने मुझे भेजा है, वैसे ही मैं भी तुम्हें भेजता हूं।
22 यह कहकर उस ने उन पर फूंका और उन से कहा, पवित्र आत्मा लो।
23 जिन के पाप तुम क्षमा करो वे उन के लिये क्षमा किए गए हैं जिन के तुम रखो, वे रखे गए हैं॥
24 परन्तु बारहों में से एक व्यक्ति अर्थात थोमा जो दिदुमुस कहलाता है, जब यीशु आया तो उन के साथ न था।
1 कुरिन्थियों 11 : 1 – 2
1 तुम मेरी सी चाल चलो जैसा मैं मसीह की सी चाल चलता हूं॥
2 हे भाइयों, मैं तुम्हें सराहता हूं, कि सब बातों में तुम मुझे स्मरण करते हो: और जो व्यवहार मैं ने तुम्हें सौंप दिए हैं, उन्हें धारण करते हो।
लूका 18 : 29 – 30
29 उस ने उन से कहा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि ऐसा कोई नहीं जिस ने परमेश्वर के राज्य के लिये घर या पत्नी या भाइयों या माता पिता या लड़के-बालों को छोड़ दिया हो।
30 और इस समय कई गुणा अधिक न पाए; और परलोक में अनन्त जीवन॥
प्रेरितों के काम 2 : 38 – 39
38 पतरस ने उन से कहा, मन फिराओ, और तुम में से हर एक अपने अपने पापों की क्षमा के लिये यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले; तो तुम पवित्र आत्मा का दान पाओगे।
39 क्योंकि यह प्रतिज्ञा तुम, और तुम्हारी सन्तानों, और उन सब दूर दूर के लोगों के लिये भी है जिन को प्रभु हमारा परमेश्वर अपने पास बुलाएगा।
मत्ती 16 : 15 – 19
15 उस ने उन से कहा; परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो?
16 शमौन पतरस ने उत्तर दिया, कि तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है।
17 यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि हे शमौन योना के पुत्र, तू धन्य है; क्योंकि मांस और लोहू ने नहीं, परन्तु मेरे पिता ने जो स्वर्ग में है, यह बात तुझ पर प्रगट की है।
18 और मैं भी तुझ से कहता हूं, कि तू पतरस है; और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊंगा: और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे।
19 मैं तुझे स्वर्ग के राज्य की कुंजियां दूंगा: और जो कुछ तू पृथ्वी पर बान्धेगा, वह स्वर्ग में बन्धेगा; और जो कुछ तू पृथ्वी पर खोलेगा, वह स्वर्ग में खुलेगा।
इफिसियों 5 : 1
1 इसलिये प्रिय, बालकों की नाईं परमेश्वर के सदृश बनो।
याकूब 2 : 26
26 निदान, जैसे देह आत्मा बिना मरी हुई है वैसा ही विश्वास भी कर्म बिना मरा हुआ है॥
रोमियो 2 : 6 – 16
6 वह हर एक को उसके कामों के अनुसार बदला देगा।
7 जो सुकर्म में स्थिर रहकर महिमा, और आदर, और अमरता की खोज में है, उन्हें वह अनन्त जीवन देगा।
8 पर जो विवादी हैं, और सत्य को नहीं मानते, वरन अधर्म को मानते हैं, उन पर क्रोध और कोप पड़ेगा।
9 और क्लेश और संकट हर एक मनुष्य के प्राण पर जो बुरा करता है आएगा, पहिले यहूदी पर फिर यूनानी पर।
10 पर महिमा और आदर ओर कल्याण हर एक को मिलेगा, जो भला करता है, पहिले यहूदी को फिर यूनानी को।
11 क्योंकि परमेश्वर किसी का पक्ष नहीं करता।
12 इसलिये कि जिन्हों ने बिना व्यवस्था पाए पाप किया, वे बिना व्यवस्था के नाश भी होंगे, और जिन्हों ने व्यवस्था पाकर पाप किया, उन का दण्ड व्यवस्था के अनुसार होगा।
13 क्योंकि परमेश्वर के यहां व्यवस्था के सुनने वाले धर्मी नहीं, पर व्यवस्था पर चलने वाले धर्मी ठहराए जाएंगे।
14 फिर जब अन्यजाति लोग जिन के पास व्यवस्था नहीं, स्वभाव ही से व्यवस्था की बातों पर चलते हैं, तो व्यवस्था उन के पास न होने पर भी वे अपने लिये आप ही व्यवस्था हैं।
15 वे व्यवस्था की बातें अपने अपने हृदयों में लिखी हुई दिखते हैं और उन के विवेक भी गवाही देते हैं, और उन की चिन्ताएं परस्पर दोष लगाती, या उन्हें निर्दोष ठहराती है।
16 जिस दिन परमेश्वर मेरे सुसमाचार के अनुसार यीशु मसीह के द्वारा मनुष्यों की गुप्त बातों का न्याय करेगा॥
प्रेरितों के काम 1 : 1 – 26
1 हे थियुफिलुस, मैं ने पहिली पुस्तिका उन सब बातों के विषय में लिखी, जो यीशु ने आरम्भ में किया और करता और सिखाता रहा।
2 उस दिन तक जब वह उन प्रेरितों को जिन्हें उस ने चुना था, पवित्र आत्मा के द्वारा आज्ञा देकर ऊपर उठाया न गया।
3 और उस ने दु:ख उठाने के बाद बहुत से पड़े प्रमाणों से अपने आप को उन्हें जीवित दिखाया, और चालीस दिन तक वह उन्हें दिखाई देता रहा: और परमेश्वर के राज्य की बातें करता रहा।
4 ओर उन से मिलकर उन्हें आज्ञा दी, कि यरूशलेम को न छोड़ो, परन्तु पिता की उस प्रतिज्ञा के पूरे होने की बाट जोहते रहो, जिस की चर्चा तुम मुझ से सुन चुके हो।
5 क्योंकि यूहन्ना ने तो पानी में बपतिस्मा दिया है परन्तु थोड़े दिनों के बाद तुम पवित्रात्मा से बपतिस्मा पाओगे।
6 सो उन्हों ने इकट्ठे होकर उस से पूछा, कि हे प्रभु, क्या तू इसी समय इस्त्राएल को राज्य फेर देगा?
7 उस ने उन से कहा; उन समयों या कालों को जानना, जिन को पिता ने अपने ही अधिकार में रखा है, तुम्हारा काम नहीं।
8 परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे।
9 यह कहकर वह उन के देखते देखते ऊपर उठा लिया गया; और बादल ने उसे उन की आंखों से छिपा लिया।
10 और उसके जाते समय जब वे आकाश की ओर ताक रहे थे, तो देखो, दो पुरूष श्वेत वस्त्र पहिने हुए उन के पास आ खड़े हुए।
11 और कहने लगे; हे गलीली पुरूषों, तुम क्यों खड़े स्वर्ग की ओर देख रहे हो? यही यीशु, जो तुम्हारे पास से स्वर्ग पर उठा लिया गया है, जिस रीति से तुम ने उसे स्वर्ग को जाते देखा है उसी रीति से वह फिर आएगा॥
12 तब वे जैतून नाम के पहाड़ से जो यरूशलेम के निकट एक सब्त के दिन की दूरी पर है, यरूशलेम को लौटे।
13 और जब वहां पहुंचे तो वे उस अटारी पर गए, जहां पतरस और यूहन्ना और याकूब और अन्द्रियास और फिलेप्पुस और थोमा और बरतुलमाई और मत्ती और हलफई का पुत्र याकूब और शमौन जेलोतेस और याकूब का पुत्र यहूदा रहते थे।
14 ये सब कई स्त्रियों और यीशु की माता मरियम और उसके भाइयों के साथ एक चित्त होकर प्रार्थना में लगे रहे॥
15 और उन्हीं दिनों में पतरस भाइयों के बीच में जो एक सौ बीस व्यक्ति के लगभग इकट्ठे थे, खड़ा होकर कहने लगा।
16 हे भाइयों, अवश्य था कि पवित्र शास्त्र का वह लेख पूरा हो, जो पवित्र आत्मा ने दाऊद के मुख से यहूदा के विषय में जो यीशु के पकड़ने वालों का अगुवा था, पहिले से कही थीं।
17 क्योंकि वह तो हम में गिना गया, और इस सेवकाई में सहभागी हुआ।
18 (उस ने अधर्म की कमाई से एक खेत मोल लिया; और सिर के बल गिरा, और उसका पेट फट गया, और उस की सब अन्तडिय़ां निकल पड़ी।
19 और इस बात को यरूशलेम के सब रहने वाले जान गए, यहां तक कि उस खेत का नाम उन की भाषा में हकलदमा अर्थात लोहू का खेत पड़ गया।)
20 क्योंकि भजन सहिंता में लिखा है, कि उसका घर उजड़ जाए, और उस में कोई न बसे और उसका पद कोई दूसरा ले ले।
21 इसलिये जितने दिन तक प्रभु यीशु हमारे साथ आता जाता रहा, अर्थात यूहन्ना के बपतिस्मा से लेकर उसके हमारे पास से उठाए जाने तक, जो लोग बराबर हमारे साथ रहे।
22 उचित है कि उन में से एक व्यक्ति हमारे साथ उसके जी उठने का गवाह हो जाए।
23 तब उन्होंने दो को खड़ा किया, एक युसुफ को, जो बर-सबा कहलाता है, जिस का उपनाम यूसतुस है, दूसरा मत्तिय्याह को।
24 और यह कहकर प्रार्थना की; कि हे प्रभु, तू जो सब के मन जानता है, यह प्रगट कर कि इन दानों में से तू ने किस को चुना है।
25 कि वह इस सेवकाई और प्रेरिताई का पद ले जिसे यहूदा छोड़ कर अपने स्थान को गया।
26 तब उन्होंने उन के बारे में चिट्ठियां डालीं, और चिट्ठी मत्तिय्याह के नाम पर निकली, सो वह उन ग्यारह प्रेरितों के साथ गिना गया॥
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