बच्चे की बलि

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं बच्चे की बलि

लैव्यवस्था 18 : 21
21 और अपने सन्तान में से किसी को मोलेक के लिये होम करके न चढ़ाना, और न अपने परमेश्वर के नाम को अपवित्र ठहराना; मैं यहोवा हूं।

व्यवस्थाविवरण 12 : 31
31 तू अपने परमेश्वर यहोवा से ऐसा व्यवहार न करना; क्योंकि जितने प्रकार के कामों से यहोवा घृणा करता है और बैर-भाव रखता है, उन सभों को उन्होंने अपने देवताओं के लिये किया है, यहां तक कि अपने बेटे बेटियों को भी वे अपने देवताओं के लिये अग्नि में डालकर जला देते हैं॥

लैव्यवस्था 20 : 1 – 5
1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 इस्त्राएलियों से कह, कि इस्त्राएलियों में से, वा इस्त्राएलियों के बीच रहने वाले परदेशियों में से, कोई क्यों न हो जो अपनी कोई सन्तान मोलेक को बलिदान करे वह निश्चय मार डाला जाए; और जनता उसको पत्थरवाह करे।
3 और मैं भी उस मनुष्य के विरुद्ध हो कर उसको उसके लोगों में से इस कारण नाश करूंगा, कि उसने अपनी सन्तान मोलेक को देकर मेरे पवित्रस्थान को अशुद्ध किया, और मेरे पवित्र नाम को अपवित्र ठहराया।
4 और यदि कोई अपनी सन्तान मोलेक को बलिदान करे, और जनता उसके विषय में आनाकानी करे, और उसको मार न डाले,
5 तब तो मैं स्वयं उस मनुष्य और उसके घराने के विरुद्ध हो कर उसको और जितने उसके पीछे हो कर मोलेक के साथ व्यभिचार करें उन सभों को भी उनके लोगों के बीच में से नाश करूंगा।

यहेजकेल 16 : 20 – 21
20 फिर तू ने अपने पुत्र-पुत्रियां ले कर जिन्हें तू ने मेरे लिये जन्म दिया, उन मूरतों को नैवेद्य कर के चढ़ाई। क्या तेरा व्यभिचार ऐसी छोटी बात थी;
21 कि तू ने मेरे लड़के-बाले उन मूरतों के आगे आग में चढ़ा कर घात किए हैं?

2 राजा 17 : 17 – 18
17 और अपने बेटे-बेटियों को आग में होम कर के चढाया; और भावी कहने वालों से पूछने, और टोना करने लगे; और जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था जिस से वह क्रोधित भी होता है, उसके करने को अपनी इच्छा से बिक गए।
18 इस कारण यहोवा इस्राएल से अति क्रोधित हुआ, और उन्हें अपने साम्हने से दूर कर दिया; यहूदा का गोत्र छोड़ और कोई बचा न रहा।

2 राजा 21 : 2 – 6
2 उसने उन जातियों के घिनौने कामों के अनुसार, जिन को यहोवा ने इस्राएलियों के साम्हने देश से निकाल दिया था, वह किया, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था।
3 उसने उन ऊंचे स्थानों को जिन को उसके पिता हिजकिय्याह ने नाश किया था, फिर बनाया, और इस्राएल के राजा अहाब की नाईं बाल के लिये वेदियां और एक अशेरा बनवाई, और आकाश के कुल गण को दण्डवत और उनकी उपासना करता रहा।
4 और उसने यहोवा के उस भवन में वेदियां बनाईं जिसके विषय यहोवा ने कहा था, कि यरूशलेम में मैं अपना नाम रखूंगा।
5 वरन यहोवा के भवन के दोनों आंगनों में भी उसने आकाश के कुल गण के लिये वेदियां बनाईं।
6 फिर उसने अपने बेटे को आग में होम कर के चढ़ाया; और शुभ-अशुभ मुहुर्तों को मानता, और टोना करता, और ओझों और भूत सिद्धि वालों से व्यवहार करता था; वरन उसने ऐसे बहुत से काम किए जो यहोवा की दृष्टि में बुरे हैं, और जिन से वह क्रोधित होता है।

भजन संहिता 106 : 37 – 38
37 वरन उन्होंने अपने बेटे- बेटियों को पिशाचों के लिये बलिदान किया;
38 और अपने निर्दोष बेटे- बेटियों का लोहू बहाया जिन्हें उन्होंने कनान की मूर्तियों पर बलि किया, इसलिये देश खून से अपवित्र हो गया।

यिर्मयाह 7 : 30 – 34
30 यहोवा की यह वाणी है, इसका कारण यह है कि यहूदियों ने वह काम किया है, जो मेरी दृष्टि में बुरा है; उन्होंने उस भवन में जो मेरा कहलाता है, अपनी घृणित वस्तुएं रखकर उसे अशुद्ध कर दिया है।
31 और उन्होंने हिन्नोमवंशियों की तराई में तोपेत नाम ऊंचे स्थान बनाकर, अपने बेटे-बेटियों को आग में जलाया है; जिसकी आज्ञा मैं ने कभी नहीं दी और न मेरे मन में वह कभी आया।
32 यहोवा की यह वाणी है, इसलिये ऐसे दिन आते हैं कि वह तराई फिर न तो तोपेत की और न हिन्नोमवंशियों की कहलाएगी, वरन घात की तराई कहलाएगी; और तोपेत में इतनी क़ब्रें होंगी कि और स्थान न रहेगा।
33 इसलिये इन लोगों की लोथें आकाश के पक्षियों और पृथ्वी के पशुओं का आहार होंगी, और उन को भगाने वाला कोई न रहेगा।
34 उस समय मैं ऐसा करूंगा कि यहूदा के नगरों और यरूशलेम की सड़कों में न तो हर्ष और आनन्द का शब्द सुन पड़ेगा, और न दुल्हे वा दुल्हिन का; क्योंकि देश उजाड़ ही उजाड़ हो जाएगा।

भजन संहिता 127 : 3
3 देखे, लड़के यहोवा के दिए हुए भाग हैं, गर्भ का फल उसकी ओर से प्रतिफल है।

यिर्मयाह 7 : 31
31 और उन्होंने हिन्नोमवंशियों की तराई में तोपेत नाम ऊंचे स्थान बनाकर, अपने बेटे-बेटियों को आग में जलाया है; जिसकी आज्ञा मैं ने कभी नहीं दी और न मेरे मन में वह कभी आया।

आमोस 1 : 13
13 यहोवा यों कहता है, अम्मोन के तीन क्या, वरन चार अपराधों के कारण मैं उसका दण्ड न छोडूंगा, क्योंकि उन्होंने अपने सिवाने को बढ़ा लेने के लिये गिलाद की गभिर्णी स्त्रियों का पेट चीर डाला।

भजन संहिता 139 : 13 – 16
13 मेरे मन का स्वामी तो तू है; तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा।
14 मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं।
15 जब मैं गुप्त में बनाया जाता, और पृथ्वी के नीचे स्थानों में रचा जाता था, तब मेरी हडि्डयां तुझ से छिपी न थीं।
16 तेरी आंखों ने मेरे बेडौल तत्व को देखा; और मेरे सब अंग जो दिन दिन बनते जाते थे वे रचे जाने से पहिले तेरी पुस्तक में लिखे हुए थे।

यिर्मयाह 1 : 5
5 गर्भ में रचने से पहिले ही मैं ने तुझ पर चित्त लगाया, और उत्पन्न होने से पहिले ही मैं ने तुझे अभिषेक किया; मैं ने तुझे जातियों का भविष्यद्वक्ता ठहराया।

व्यवस्थाविवरण 18 : 10
10 तुझ में कोई ऐसा न हो जो अपने बेटे वा बेटी को आग में होम करके चढ़ाने वाला, वा भावी कहने वाला, वा शुभ अशुभ मुहूर्तों का मानने वाला, वा टोन्हा, वा तान्त्रिक,

यहेजकेल 16 : 36 – 38
36 प्रभु यहोवा यों कहता है, कि तू ने जो व्यभिचार में अति निर्लज्ज हो कर, अपनी देह अपने मित्रों को दिखाई, और अपनी मूरतों से घृणित काम किए, और अपने लड़के-बालों का लोहू बहा कर उन्हें बलि चढ़ाया है,
37 इस कारण देख, मैं तेरे सब मित्रों को जो तेरे प्रेमी हैं और जितनों से तू ने प्रीति लगाई, और जितनों से तू ने बैर रखा, उन सभों को चारों ओर से तेरे विरुद्ध इकट्ठा कर के उन को तेरी देह नंगी कर के दिखाऊंगा, और वे तेरा तन देखेंगे।
38 तब मैं तुझ को ऐसा दण्ड दूंगा, जैसा व्यभिचारिणियों और लोहू बहाने वाली स्त्रियों को दिया जाता है; और क्रोध और जलन के साथ तेरा लोहू बहाऊंगा।

यहेजकेल 20 : 31
31 आज तक जब जब तुम अपनी भेंटें चढ़ाते और अपने लड़के-बालों को होम कर के आग में चढ़ाते हो, तब तब तुम अपनी मूरतों के निमित्त अशुद्ध ठहरते हो। हे इस्राएल के घराने, क्या तुम मुझ से पूछने पाओगे? प्रभु यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की शपथ तुम मुझ से पूछने न पाओगे।

यिर्मयाह 22 : 17
17 परन्तु तू केवल अपना ही लाभ देखता है, और निर्दोषों की हत्या करने और अन्धेर और उपद्रव करने में अपना मन और दृष्टि लगाता है।

भजन संहिता 127 : 3 – 5
3 देखे, लड़के यहोवा के दिए हुए भाग हैं, गर्भ का फल उसकी ओर से प्रतिफल है।
4 जैसे वीर के हाथ में तीर, वैसे ही जवानी के लड़के होते हैं।
5 क्या ही धन्य है वह पुरूष जिसने अपने तर्कश को उन से भर लिया हो! वह फाटक के पास शत्रुओं से बातें करते संकोच न करेगा॥

निर्गमन 21 : 22 – 25
22 यदि मनुष्य आपस में मारपीट करके किसी गभिर्णी स्त्री को ऐसी चोट पहुचाए, कि उसका गर्भ गिर जाए, परन्तु और कुछ हानि न हो, तो मारने वाले से उतना दण्ड लिया जाए जितना उस स्त्री का पति पंच की सम्मति से ठहराए।
23 परन्तु यदि उसको और कुछ हानि पहुंचे, तो प्राण की सन्ती प्राण का,
24 और आंख की सन्ती आंख का, और दांत की सन्ती दांत का, और हाथ की सन्ती हाथ का, और पांव की सन्ती पांव का,
25 और दाग की सन्ती दाग का, और घाव की सन्ती घाव का, और मार की सन्ती मार का दण्ड हो॥

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