ज़िंदगी

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं ज़िंदगी

रोमियो 6 : 23
23 क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है॥

इफिसियों 2 : 8 – 9
8 क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है।
9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे।

यूहन्ना 14 : 6
6 यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।

सभोपदेशक 7 : 1 – 29
1 अच्छा नाम अनमोल इत्र से और मृत्यु का दिन जन्म के दिन से उत्तम है।
2 जेवनार के घर जाने से शोक ही के घर जाना उत्तम है; क्योंकि सब मनुष्यों का अन्त यही है, और जो जीवित है वह मन लगाकर इस पर सोचेगा।
3 हंसी से खेद उत्तम है, क्योंकि मुंह पर के शोक से मन सुधरता है।
4 बुद्धिमानों का मन शोक करने वालों के घर की ओर लगा रहता है परन्तु मूर्खों का मन आनन्द करने वालों के घर लगा रहता है।
5 मूर्खों के गीत सुनने से बुद्धिमान की घुड़की सुनना उत्तम है।
6 क्योंकि मूर्ख की हंसी हांडी के नीचे जलते हुए कांटो ही चरचराहट के समान होती है; यह भी व्यर्थ है।
7 निश्चय अन्धेर से बुद्धिमान बावला हो जाता है; और घूस से बुद्धि नाश होती है।
8 किसी काम के आरम्भ से उसका अन्त उत्तम है; और धीरजवन्त पुरूष गर्वी से उत्तम है।
9 अपने मन में उतावली से क्रोधित न हो, क्योंकि क्रोध मूर्खों ही के हृदय में रहता है।
10 यह न कहना, बीते दिन इन से क्यों उत्तम थे? क्योंकि यह तू बुद्धिमानी से नहीं पूछता।
11 बुद्धि बपौती के साथ अच्छी होती है, वरन जीवित रहने वालों के लिये लाभकारी है।
12 क्योंकि बुद्धि की आड़ रूपये की आड़ का काम देता है; परन्तु ज्ञान की श्रेष्टता यह है कि बुद्धि से उसके रखने वालों के प्राण की रक्षा होती है।
13 परमेश्वर के काम पर दृष्टि कर; जिस वस्तु को उसने टेढ़ा किया हो उसे कौन सीधा कर सकता है?
14 सुख के दिन सुख मान, और दु:ख के दिन सोच; क्योंकि परमेश्वर ने दोनों को एक ही संग रखा है, जिस से मनुष्य अपने बाद होने वाली किसी बात को न बूझ सके।
15 अपने व्यर्थ जीवन में मैं ने यह सब कुछ देखा है; कोई धर्मी अपने धर्म का काम करते हुए नाश हो जाता है, और दुष्ट बुराई करते हुए दीर्घायु होता है।
16 अपने को बहुत धर्मी न बना, और न अपने को अधिक बुद्धिमान बना; तू क्यों अपने ही नाश का कारण हो?
17 अत्यन्त दुष्ट भी न बन, और न मूर्ख हो; तू क्यों अपने समय से पहिले मरे?
18 यह अच्छा है कि तू इस बात को पकड़े रहे; ओर उस बात पर से भी हाथ न उठाए; क्योंकि जो परमेश्वर का भय मानता है वह इन सब कठिनाइयों से पार जो जाएगा॥
19 बुद्धि ही से नगर के दस हाकिमों की अपेक्षा बुद्धिमान को अधिक सामर्थ प्राप्त होती है।
20 नि:सन्देह पृथ्वी पर कोई ऐसा धर्मी मनुष्य नहीं जो भलाई ही करे और जिस से पाप न हुआ हो॥
21 जितनी बातें कही जाएं सब पर कान न लगाना, ऐसा न हो कि तू सुने कि तेरा दास तुझी को शाप देता है;
22 क्योंकि तू आप जानता है कि तू ने भी बहुत बेर औरों को शाप दिया है॥
23 यह सब मैं ने बुद्धि से जांच लिया है; मैं ने कहा, मैं बुद्धिमान हो जाऊंगा; परन्तु यह मुझ से दूर रहा।
24 वह जो दूर और अत्यन्त गहिरा है, उसका भेद कौन पा सकता है?
25 मैं ने अपना मन लगाया कि बुद्धि के विषय में जान लूं; कि खोज निकालूं और उसका भेद जानूं, और कि दुष्टता की मूर्खता और मूर्खता जो निरा बावलापन है जानूं।
26 और मैं ने मृत्यु से भी अधिक दृ:खदाई एक वस्तु पाई, अर्थात वह स्त्री जिसका मन फन्दा और जाल है और जिसके हाथ हथकडिय़ां है; (जिस पुरूष से परमेश्वर प्रसन्न है वही उस से बचेगा, परन्तु पापी उसका शिकार होगा)
27 देख, उपदेशक कहता है, मैं ने ज्ञान के लिये अलग अलग बातें मिला कर जांचीं, और यह बात निकाली,
28 जिसे मेरा मन अब तक ढूंढ़ रहा है, परन्तु नहीं पाया। हजार में से मैं ने एक पुरूष को पाया, परन्तु उन में एक भी स्त्री नहीं पाई।
29 देखो, मैं ने केवल यह बात पाई है, कि परमेश्वर ने मनुष्य को सीधा बनाया, परन्तु उन्होंने बहुत सी युक्तियां निकाली हैं॥

उत्पत्ति 2 : 7
7 और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया; और आदम जीवता प्राणी बन गया।

इफिसियों 3 : 8 – 12
8 मुझ पर जो सब पवित्र लोगों में से छोटे से भी छोटा हूं, यह अनुग्रह हुआ, कि मैं अन्यजातियों को मसीह के अगम्य धन का सुसमाचार सुनाऊं।
9 और सब पर यह बात प्रकाशित करूं, कि उस भेद का प्रबन्ध क्या है, जो सब के सृजनहार परमेश्वर में आदि से गुप्त था।
10 ताकि अब कलीसिया के द्वारा, परमेश्वर का नाना प्रकार का ज्ञान, उन प्रधानों और अधिकारियों पर, जो स्वर्गीय स्थानों में हैं प्रगट किया जाए।
11 उस सनातन मनसा के अनुसार, जो उस ने हमारे प्रभु मसीह यीशु में की थी।
12 जिस में हम को उस पर विश्वास रखने से हियाव और भरोसे से निकट आने का अधिकार है।

प्रेरितों के काम 2 : 38
38 पतरस ने उन से कहा, मन फिराओ, और तुम में से हर एक अपने अपने पापों की क्षमा के लिये यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले; तो तुम पवित्र आत्मा का दान पाओगे।

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