ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं कई पत्नियाँ
1 तीमुथियुस 3 : 2
2 सो चाहिए, कि अध्यक्ष निर्दोष, और एक ही पत्नी का पति, संयमी, सुशील, सभ्य, पहुनाई करने वाला, और सिखाने में निपुण हो।
व्यवस्थाविवरण 17 : 17
17 और वह बहुत स्त्रियां भी न रखे, ऐसा न हो कि उसका मन यहोवा की ओर से पलट जाए; और न वह अपना सोना रूपा बहुत बढ़ाए।
1 कुरिन्थियों 7 : 2
2 परन्तु व्यभिचार के डर से हर एक पुरूष की पत्नी, और हर एक स्त्री का पति हो।
1 राजा 11 : 3
3 और उसके सात सौ रानियां, और तीन सौ रखेलियां हो गई थीं और उसकी इन स्त्रियों ने उसका मन बहका दिया।
1 तीमुथियुस 3 : 12
12 सेवक एक ही पत्नी के पति हों और लड़के बालों और अपने घरों का अच्छा प्रबन्ध करना जानते हों।
मत्ती 19 : 3 – 20
3 तब फरीसी उस की परीक्षा करने के लिये पास आकर कहने लगे, क्या हर एक कारण से अपनी पत्नी को त्यागना उचित है?
4 उस ने उत्तर दिया, क्या तुम ने नहीं पढ़ा, कि जिस ने उन्हें बनाया, उस ने आरम्भ से नर और नारी बनाकर कहा।
5 कि इस कारण मनुष्य अपने माता पिता से अलग होकर अपनी पत्नी के साथ रहेगा और वे दोनों एक तन होंगे?
6 सो व अब दो नहीं, परन्तु एक तन हैं: इसलिये जिसे परमेश्वर ने जोड़ा है, उसे मनुष्य अलग न करे।
7 उन्होंने उस से कहा, फिर मूसा ने क्यों यह ठहराया, कि त्यागपत्र देकर उसे छोड़ दे?
8 उस ने उन से कहा, मूसा ने तुम्हारे मन की कठोरता के कारण तुम्हें अपनी अपनी पत्नी को छोड़ देने की आज्ञा दी, परन्तु आरम्भ में ऐसा नहीं था।
9 और मैं तुम से कहता हूं, कि जो कोई व्यभिचार को छोड़ और किसी कारण से अपनी पत्नी को त्यागकर, दूसरी से ब्याह करे, वह व्यभिचार करता है: और जो उस छोड़ी हुई को ब्याह करे, वह भी व्यभिचार करता है।
10 चेलों ने उस से कहा, यदि पुरूष का स्त्री के साथ ऐसा सम्बन्ध है, तो ब्याह करना अच्छा नहीं।
11 उस ने उन से कहा, सब यह वचन ग्रहण नहीं कर सकते, केवल वे जिन को यह दान दिया गया है।
12 क्योंकि कुछ नपुंसक ऐसे हैं जो माता के गर्भ ही से ऐसे जन्मे; और कुछ नंपुसक ऐसे हैं, जिन्हें मनुष्य ने नपुंसक बनाया: और कुछ नपुंसक ऐसे हैं, जिन्हों ने स्वर्ग के राज्य के लिये अपने आप को नपुंसक बनाया है, जो इस को ग्रहण कर सकता है, वह ग्रहण करे।
13 तब लोग बालकों को उसके पास लाए, कि वह उन पर हाथ रखे और प्रार्थना करे; पर चेलों ने उन्हें डांटा।
14 यीशु ने कहा, बालकों को मेरे पास आने दो: और उन्हें मना न करो, क्योंकि स्वर्ग का राज्य ऐसों ही का है।
15 और वह उन पर हाथ रखकर, वहां से चला गया।
16 और देखो, एक मनुष्य ने पास आकर उस से कहा, हे गुरू; मैं कौन सा भला काम करूं, कि अनन्त जीवन पाऊं?
17 उस ने उस से कहा, तू मुझ से भलाई के विषय में क्यों पूछता है? भला तो एक ही है; पर यदि तू जीवन में प्रवेश करना चाहता है, तो आज्ञाओं को माना कर।
18 उस ने उस से कहा, कौन सी आज्ञाएं? यीशु ने कहा, यह कि हत्या न करना, व्यभिचार न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना।
19 अपने पिता और अपनी माता का आदर करना, और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना।
20 उस जवान ने उस से कहा, इन सब को तो मैं ने माना है अब मुझ में किस बात की घटी है?
मत्ती 5 : 32
32 परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं कि जो कोई अपनी पत्नी को व्यभिचार के सिवा किसी और कारण से छोड़ दे, तो वह उस से व्यभिचार करवाता है; और जो कोई उस त्यागी हुई से ब्याह करे, वह व्यभिचार करता है॥
निर्गमन 21 : 10
10 चाहे वह दूसरी पत्नी कर ले, तौभी वह उसका भोजन, वस्त्र, और संगति न घटाए।
मत्ती 19 : 3 – 9
3 तब फरीसी उस की परीक्षा करने के लिये पास आकर कहने लगे, क्या हर एक कारण से अपनी पत्नी को त्यागना उचित है?
4 उस ने उत्तर दिया, क्या तुम ने नहीं पढ़ा, कि जिस ने उन्हें बनाया, उस ने आरम्भ से नर और नारी बनाकर कहा।
5 कि इस कारण मनुष्य अपने माता पिता से अलग होकर अपनी पत्नी के साथ रहेगा और वे दोनों एक तन होंगे?
6 सो व अब दो नहीं, परन्तु एक तन हैं: इसलिये जिसे परमेश्वर ने जोड़ा है, उसे मनुष्य अलग न करे।
7 उन्होंने उस से कहा, फिर मूसा ने क्यों यह ठहराया, कि त्यागपत्र देकर उसे छोड़ दे?
8 उस ने उन से कहा, मूसा ने तुम्हारे मन की कठोरता के कारण तुम्हें अपनी अपनी पत्नी को छोड़ देने की आज्ञा दी, परन्तु आरम्भ में ऐसा नहीं था।
9 और मैं तुम से कहता हूं, कि जो कोई व्यभिचार को छोड़ और किसी कारण से अपनी पत्नी को त्यागकर, दूसरी से ब्याह करे, वह व्यभिचार करता है: और जो उस छोड़ी हुई को ब्याह करे, वह भी व्यभिचार करता है।
इफिसियों 5 : 31
31 इस कारण मनुष्य माता पिता को छोड़कर अपनी पत्नी से मिला रहेगा, और वे दोनों एक तन होंगे।
उत्पत्ति 4 : 19
19 और लेमेक ने दो स्त्रियां ब्याह ली: जिन में से एक का नाम आदा, और दूसरी को सिल्ला है।
इफिसियों 5 : 33
33 पर तुम में से हर एक अपनी पत्नी से अपने समान प्रेम रखे, और पत्नी भी अपने पति का भय माने॥
व्यवस्थाविवरण 21 : 15 – 17
15 यदि किसी पुरूष की दो पत्नियां हों, और उसे एक प्रिय और दूसरी अप्रिय हो, और प्रिया और अप्रिया दोनों स्त्रियां बेटे जने, परन्तु जेठा अप्रिया का हो,
16 तो जब वह अपने पुत्रों को सम्पत्ति का बटवारा करे, तब यदि अप्रिया का बेटा जो सचमुच जेठा है यदि जीवित हो, तो वह प्रिया के बेटे को जेठांस न दे सकेगा;
17 वह यह जान कर कि अप्रिया का बेटा मेरे पौरूष का पहिला फल है, और जेठे का अधिकार उसी का है, उसी को अपनी सारी सम्पत्ति में से दो भाग देकर जेठांसी माने॥
लूका 16 : 18
18 जो कोई अपनी पत्नी को त्यागकर दूसरी से ब्याह करता है, वह व्यभिचार करता है, और जो कोई ऐसी त्यागी हुई स्त्री से ब्याह करता है, वह भी व्यभिचार करता है।
नीतिवचन 18 : 22
22 जिस ने स्त्री ब्याह ली, उस ने उत्तम पदार्थ पाया, और यहोवा का अनुग्रह उस पर हुआ है।
उत्पत्ति 2 : 24
24 इस कारण पुरूष अपने माता पिता को छोड़कर अपनी पत्नी से मिला रहेगा और वे एक तन बने रहेंगे।
1 पतरस 3 : 1
1 हे पत्नियों, तुम भी अपने पति के आधीन रहो।
तीतुस 1 : 6
6 जो निर्दोष और एक ही पत्नी के पति हों, जिन के लड़के बाले विश्वासी हो, और जिन्हें लुचपन और निरंकुशता का दोष नहीं।
उत्पत्ति 35 : 23 – 26
23 याकूब के बारह पुत्र हुए। उन में से लिआ: के पुत्र ये थे; अर्थात याकूब का जेठा, रूबेन, फिर शिमोन, लेवी, यहूदा, इस्साकार, और जबूलून।
24 और राहेल के पुत्र ये थे; अर्थात यूसुफ, और बिन्यामीन।
25 और राहेल की लौन्डी बिल्हा के पुत्र ये थे; अर्थात दान, और नप्ताली।
26 और लिआ: की लौन्डी जिल्पा के पुत्र ये थे: अर्थात गाद, और आशेर; याकूब के ये ही पुत्र हुए, जो उससे पद्दनराम में उत्पन्न हुए॥
2 शमूएल 12 : 8
8 फिर मैं ने तेरे स्वामी का भवन तुझे दिया, और तेरे स्वामी की पत्नियां तेरे भोग के लिये दीं; और मैं ने इस्राएल और यहूदा का घराना तुझे दिया था; और यदि यह थोड़ा था, तो मैं तुझे और भी बहुत कुछ देने वाला था।
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