ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं इश्माएल
उत्पत्ति 28 : 9
9 इब्राहीम के पुत्र इश्माएल के पास गया, और इश्माएल की बेटी महलत को, जो नबायोत की बहिन थी, ब्याह कर अपनी पत्नियों में मिला लिया॥
उत्पत्ति 17 : 20
20 और इश्माएल के विषय में भी मैं ने तेरी सुनी है: मैं उसको भी आशीष दूंगा, और उसे फुलाऊं फलाऊंगा और अत्यन्त ही बढ़ा दूंगा; उससे बारह प्रधान उत्पन्न होंगे, और मैं उससे एक बड़ी जाति बनाऊंगा।
व्यवस्थाविवरण 21 : 15 – 17
15 यदि किसी पुरूष की दो पत्नियां हों, और उसे एक प्रिय और दूसरी अप्रिय हो, और प्रिया और अप्रिया दोनों स्त्रियां बेटे जने, परन्तु जेठा अप्रिया का हो,
16 तो जब वह अपने पुत्रों को सम्पत्ति का बटवारा करे, तब यदि अप्रिया का बेटा जो सचमुच जेठा है यदि जीवित हो, तो वह प्रिया के बेटे को जेठांस न दे सकेगा;
17 वह यह जान कर कि अप्रिया का बेटा मेरे पौरूष का पहिला फल है, और जेठे का अधिकार उसी का है, उसी को अपनी सारी सम्पत्ति में से दो भाग देकर जेठांसी माने॥
उत्पत्ति 16 : 11 – 12
11 और यहोवा के दूत ने उससे कहा, देख तू गर्भवती है, और पुत्र जनेगी, सो उसका नाम इश्माएल रखना; क्योंकि यहोवा ने तेरे दु:ख का हाल सुन लिया है।
12 और वह मनुष्य बनैले गदहे के समान होगा उसका हाथ सबके विरुद्ध उठेगा, और सब के हाथ उसके विरुद्ध उठेंगे; और वह अपने सब भाई बन्धुओं के मध्य में बसा रहेगा।
उत्पत्ति 21 : 13
13 दासी के पुत्र से भी मैं एक जाति उत्पन्न करूंगा इसलिये कि वह तेरा वंश है।
उत्पत्ति 16 : 12
12 और वह मनुष्य बनैले गदहे के समान होगा उसका हाथ सबके विरुद्ध उठेगा, और सब के हाथ उसके विरुद्ध उठेंगे; और वह अपने सब भाई बन्धुओं के मध्य में बसा रहेगा।
उत्पत्ति 36 : 3
3 फिर उसने इश्माएल की बेटी बासमत को भी, जो नबायोत की बहिन थी, ब्याह लिया।
उत्पत्ति 17 : 25
25 और जब उसके पुत्र इश्माएल की खलड़ी का खतना हुआ तब वह तेरह वर्ष का था।
उत्पत्ति 16 : 15
15 सो हाजिरा अब्राम के द्वारा एक पुत्र जनी: और अब्राम ने अपने पुत्र का नाम, जिसे हाजिरा जनी, इश्माएल रखा।
उत्पत्ति 16 : 11
11 और यहोवा के दूत ने उससे कहा, देख तू गर्भवती है, और पुत्र जनेगी, सो उसका नाम इश्माएल रखना; क्योंकि यहोवा ने तेरे दु:ख का हाल सुन लिया है।
उत्पत्ति 25 : 18
18 और उसके वंश हवीला से शूर तक, जो मिस्र के सम्मुख अश्शूर् के मार्ग में है, बस गए। और उनका भाग उनके सब भाई बन्धुओं के सम्मुख पड़ा॥
उत्पत्ति 21 : 18
18 उठ, अपने लड़के को उठा और अपने हाथ से सम्भाल क्योंकि मैं उसके द्वारा एक बड़ी जाति बनाऊंगा।
यूहन्ना 5 : 30
30 मैं अपने आप से कुछ नहीं कर सकता; जैसा सुनता हूं, वैसा न्याय करता हूं, और मेरा न्याय सच्चा है; क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, परन्तु अपने भेजने वाले की इच्छा चाहता हूं।
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