इसके बारे में बाइबल क्या कहता है अच्छे कर्म करना – बाइबल की सभी आयतें अच्छे कर्म करना

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं अच्छे कर्म करना

मत्ती 6 : 1 – 4
1 सावधान रहो! तुम मनुष्यों को दिखाने के लिये अपने धर्म के काम न करो, नहीं तो अपने स्वर्गीय पिता से कुछ भी फल न पाओगे।
2 इसलिये जब तू दान करे, तो अपने आगे तुरही न बजवा, जैसा कपटी, सभाओं और गलियों में करते हैं, ताकि लोग उन की बड़ाई करें, मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना फल पा चुके।
3 परन्तु जब तू दान करे, तो जो तेरा दाहिना हाथ करता है, उसे तेरा बांया हाथ न जानने पाए।
4 ताकि तेरा दान गुप्त रहे; और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा॥

कुलुस्सियों 3 : 17
17 और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो॥

गलातियों 6 : 9
9 हम भले काम करने में हियाव न छोड़े, क्योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे।

याकूब 4 : 17
17 इसलिये जो कोई भलाई करना जानता है और नहीं करता, उसके लिये यह पाप है॥

इब्रानियों 10 : 24
24 और प्रेम, और भले कामों में उक्साने के लिये एक दूसरे की चिन्ता किया करें।

याकूब 2 : 26
26 निदान, जैसे देह आत्मा बिना मरी हुई है वैसा ही विश्वास भी कर्म बिना मरा हुआ है॥

मत्ती 7 : 21 – 23
21 जो मुझ से, हे प्रभु, हे प्रभु कहता है, उन में से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है।
22 उस दिन बहुतेरे मुझ से कहेंगे; हे प्रभु, हे प्रभु, क्या हम ने तेरे नाम से भविष्यद्वाणी नहीं की, और तेरे नाम से दुष्टात्माओं को नहीं निकाला, और तेरे नाम से बहुत अचम्भे के काम नहीं किए?
23 तब मैं उन से खुलकर कह दूंगा कि मैं ने तुम को कभी नहीं जाना, हे कुकर्म करने वालों, मेरे पास से चले जाओ।

फिलिप्पियों 2 : 13
13 क्योंकि परमेश्वर ही है, जिस न अपनी सुइच्छा निमित्त तुम्हारे मन में इच्छा और काम, दोनों बातों के करने का प्रभाव डाला है।

तीतुस 2 : 7 – 9
7 सब बातों में अपने आप को भले कामों का नमूना बना: तेरे उपदेश में सफाई, गम्भीरता
8 और ऐसी खराई पाई जाए, कि कोई उसे बुरा न कह सके; जिस से विरोधी हम पर कोई दोष लगाने का अवसर न पाकर लज्ज़ित हों।
9 दासों को समझा, कि अपने अपने स्वामी के आधीन रहें, और सब बातों में उन्हें प्रसन्न रखें, और उलट कर जवाब न दें।

2 तीमुथियुस 3 : 17
17 ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्पर हो जाए॥

याकूब 1 : 27
27 हमारे परमेश्वर और पिता के निकट शुद्ध और निर्मल भक्ति यह है, कि अनाथों और विधवाओं के क्लेश में उन की सुधि लें, और अपने आप को संसार से निष्कलंक रखें॥

गलातियों 5 : 19 – 26
19 शरीर के काम तो प्रगट हैं, अर्थात व्यभिचार, गन्दे काम, लुचपन।
20 मूर्ति पूजा, टोना, बैर, झगड़ा, ईर्ष्या, क्रोध, विरोध, फूट, विधर्म।
21 डाह, मतवालापन, लीलाक्रीड़ा, और इन के जैसे और और काम हैं, इन के विषय में मैं तुम को पहिले से कह देता हूं जैसा पहिले कह भी चुका हूं, कि ऐसे ऐसे काम करने वाले परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे।
22 पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज,
23 और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं।
24 और जो मसीह यीशु के हैं, उन्होंने शरीर को उस की लालसाओं और अभिलाषाओं समेत क्रूस पर चढ़ा दिया है॥
25 यदि हम आत्मा के द्वारा जीवित हैं, तो आत्मा के अनुसार चलें भी।
26 हम घमण्डी होकर न एक दूसरे को छेड़ें, और न एक दूसरे से डाह करें।

मीका 6 : 8
8 हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है; और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले?

मत्ती 7 : 21
21 जो मुझ से, हे प्रभु, हे प्रभु कहता है, उन में से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है।

सभोपदेशक 12 : 13 – 14
13 सब कुछ सुना गया; अन्त की बात यह है कि परमेश्वर का भय मान और उसकी आज्ञाओं का पालन कर; क्योंकि मनुष्य का सम्पूर्ण कर्त्तव्य यही है।
14 क्योंकि परमेश्वर सब कामों और सब गुप्त बातों का, चाहे वे भली हों या बुरी, न्याय करेगा॥

इफिसियों 2 : 8 – 9
8 क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है।
9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे।

रोमियो 10 : 9
9 कि यदि तू अपने मुंह से यीशु को प्रभु जानकर अंगीकार करे और अपने मन से विश्वास करे, कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा।

लूका 16 : 19 – 31
19 एक धनवान मनुष्य था जो बैंजनी कपड़े और मलमल पहिनता और प्रति दिन सुख-विलास और धूम-धाम के साथ रहता था।
20 और लाजर नाम का एक कंगाल घावों से भरा हुआ उस की डेवढ़ी पर छोड़ दिया जाता था।
21 और वह चाहता था, कि धनवान की मेज पर की जूठन से अपना पेट भरे; वरन कुत्ते भी आकर उसके घावों को चाटते थे।
22 और ऐसा हुआ कि वह कंगाल मर गया, और स्वर्गदूतों ने उसे लेकर इब्राहीम की गोद में पहुंचाया; और वह धनवान भी मरा; और गाड़ा गया।
23 और अधोलोक में उस ने पीड़ा में पड़े हुए अपनी आंखें उठाई, और दूर से इब्राहीम की गोद में लाजर को देखा।
24 और उस ने पुकार कर कहा, हे पिता इब्राहीम, मुझ पर दया करके लाजर को भेज दे, ताकि वह अपनी उंगुली का सिरा पानी में भिगो कर मेरी जीभ को ठंडी करे, क्योंकि मैं इस ज्वाला में तड़प रहा हूं।
25 परन्तु इब्राहीम ने कहा; हे पुत्र स्मरण कर, कि तू अपने जीवन में अच्छी वस्तुएं ले चुका है, और वैसे ही लाजर बुरी वस्तुएं: परन्तु अब वह यहां शान्ति पा रहा है, और तू तड़प रहा है।
26 और इन सब बातों को छोड़ हमारे और तुम्हारे बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया है कि जो यहां से उस पार तुम्हारे पास जाना चाहें, वे न जा सकें, और न कोई वहां से इस पार हमारे पास आ सके।
27 उस ने कहा; तो हे पिता मैं तुझ से बिनती करता हूं, कि तू उसे मेरे पिता के घर भेज।
28 क्योंकि मेरे पांच भाई हैं, वह उन के साम्हने इन बातों की गवाही दे, ऐसा न हो कि वे भी इस पीड़ा की जगह में आएं।
29 इब्राहीम ने उस से कहा, उन के पास तो मूसा और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकें हैं, वे उन की सुनें।
30 उस ने कहा; नहीं, हे पिता इब्राहीम; पर यदि कोई मरे हुओं में से उन के पास जाए, तो वे मन फिराएंगे।
31 उस ने उस से कहा, कि जब वे मूसा और भविष्यद्वक्ताओं की नहीं सुनते, तो यदि मरे हुओं में से कोई भी जी उठे तौभी उस की नहीं मानेंगे॥

यशायाह 41 : 17
17 जब दीन और दरिद्र लोग जल ढूंढ़ने पर भी न पाएं और उनका तालू प्यास के मारे सूख जाए; मैं यहोवा उनकी बिनती सुनूंगा, मैं इस्राएल का परमेश्वर उन को त्याग न दूंगां

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