संभावना

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं संभावना

फिलिप्पियों 4 : 13
13 जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं।

इफिसियों 3 : 20
20 अब जो ऐसा सामर्थी है, कि हमारी बिनती और समझ से कहीं अधिक काम कर सकता है, उस सामर्थ के अनुसार जो हम में कार्य करता है,

भजन संहिता 139 : 13 – 16
13 मेरे मन का स्वामी तो तू है; तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा।
14 मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं।
15 जब मैं गुप्त में बनाया जाता, और पृथ्वी के नीचे स्थानों में रचा जाता था, तब मेरी हडि्डयां तुझ से छिपी न थीं।
16 तेरी आंखों ने मेरे बेडौल तत्व को देखा; और मेरे सब अंग जो दिन दिन बनते जाते थे वे रचे जाने से पहिले तेरी पुस्तक में लिखे हुए थे।

उत्पत्ति 1 : 28
28 और परमेश्वर ने उन को आशीष दी: और उन से कहा, फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगने वाले सब जन्तुओ पर अधिकार रखो।

इफिसियों 1 : 18
18 और तुम्हारे मन की आंखें ज्योतिर्मय हों कि तुम जान लो कि उसके बुलाने से कैसी आशा होती है, और पवित्र लोगों में उस की मीरास की महिमा का धन कैसा है।

भजन संहिता 127 : 3 – 5
3 देखे, लड़के यहोवा के दिए हुए भाग हैं, गर्भ का फल उसकी ओर से प्रतिफल है।
4 जैसे वीर के हाथ में तीर, वैसे ही जवानी के लड़के होते हैं।
5 क्या ही धन्य है वह पुरूष जिसने अपने तर्कश को उन से भर लिया हो! वह फाटक के पास शत्रुओं से बातें करते संकोच न करेगा॥

उत्पत्ति 1 : 27
27 तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की।

मत्ती 7 : 13 – 14
13 सकेत फाटक से प्रवेश करो, क्योंकि चौड़ा है वह फाटक और चाकल है वह मार्ग जो विनाश को पहुंचाता है; और बहुतेरे हैं जो उस से प्रवेश करते हैं।
14 क्योंकि सकेत है वह फाटक और सकरा है वह मार्ग जो जीवन को पहुंचाता है, और थोड़े हैं जो उसे पाते हैं॥

इफिसियों 1 : 1 – 23
1 पौलुस की ओर से जो परमेश्वर की इच्छा से यीशु मसीह का प्रेरित है, उन पवित्र और मसीह यीशु में विश्वासी लोगों के नाम जो इफिसुस में हैं॥
2 हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे॥
3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, कि उस ने हमें मसीह में स्वर्गीय स्थानों में सब प्रकार की आशीष दी है।
4 जैसा उस ने हमें जगत की उत्पति से पहिले उस में चुन लिया, कि हम उसके निकट प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों।
5 और अपनी इच्छा की सुमति के अनुसार हमें अपने लिये पहिले से ठहराया, कि यीशु मसीह के द्वारा हम उसके लेपालक पुत्र हों,
6 कि उसके उस अनुग्रह की महिमा की स्तुति हो, जिसे उस ने हमें उस प्यारे में सेंत मेंत दिया।
7 हम को उस में उसके लोहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है।
8 जिसे उस ने सारे ज्ञान और समझ सहित हम पर बहुतायत से किया।
9 कि उस ने अपनी इच्छा का भेद उस सुमति के अनुसार हमें बताया जिसे उस ने अपने आप में ठान लिया था।
10 कि समयों के पूरे होने का ऐसा प्रबन्ध हो कि जो कुछ स्वर्ग में है, और जो कुछ पृथ्वी पर है, सब कुछ वह मसीह में एकत्र करे।
11 उसी में जिस में हम भी उसी की मनसा से जो अपनी इच्छा के मत के अनुसार सब कुछ करता है, पहिले से ठहराए जाकर मीरास बने।
12 कि हम जिन्हों ने पहिले से मसीह पर आशा रखी थी, उस की महिमा की स्तुति के कारण हों।
13 और उसी में तुम पर भी जब तुम ने सत्य का वचन सुना, जो तुम्हारे उद्धार का सुसमाचार है, और जिस पर तुम ने विश्वास किया, प्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा की छाप लगी।
14 वह उसके मोल लिए हुओं के छुटकारे के लिये हमारी मीरास का बयाना है, कि उस की महिमा की स्तुति हो॥
15 इस कारण, मैं भी उस विश्वास का समाचार सुनकर जो तुम लोगों में प्रभु यीशु पर है और सब पवित्र लोगों पर प्रगट है।
16 तुम्हारे लिये धन्यवाद करना नहीं छोड़ता, और अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हें स्मरण किया करता हूं।
17 कि हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमेश्वर जो महिमा का पिता है, तुम्हें अपनी पहचान में, ज्ञान और प्रकाश का आत्मा दे।
18 और तुम्हारे मन की आंखें ज्योतिर्मय हों कि तुम जान लो कि उसके बुलाने से कैसी आशा होती है, और पवित्र लोगों में उस की मीरास की महिमा का धन कैसा है।
19 और उस की सामर्थ हमारी ओर जो विश्वास करते हैं, कितनी महान है, उस की शक्ति के प्रभाव के उस कार्य के अनुसार।
20 जो उस ने मसीह के विषय में किया, कि उस को मरे हुओं में से जिलाकर स्वर्गीय स्यानोंमें अपनी दाहिनी ओर।
21 सब प्रकार की प्रधानता, और अधिकार, और सामर्थ, और प्रभुता के, और हर एक नाम के ऊपर, जो न केवल इस लोक में, पर आने वाले लोक में भी लिया जाएगा, बैठाया।
22 और सब कुछ उसके पांवों तले कर दिया: और उसे सब वस्तुओं पर शिरोमणि ठहराकर कलीसिया को दे दिया।
23 यह उसकी देह है, और उसी की परिपूर्णता है, जो सब में सब कुछ पूर्ण करता है॥

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