ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं विधवाओं की मदद करना
याकूब 1 : 27
27 हमारे परमेश्वर और पिता के निकट शुद्ध और निर्मल भक्ति यह है, कि अनाथों और विधवाओं के क्लेश में उन की सुधि लें, और अपने आप को संसार से निष्कलंक रखें॥
यिर्मयाह 5 : 28
28 वे मोटे और चिकने हो गए हैं। बुरे कामों में वे सीमा को लांघ गए हैं; वे न्याय, विशेष कर के अनाथों का न्याय नहीं चुकाते; इस से उनका काम सफल नहीं होता: वे कंगालों का हक़ भी नहीं दिलाते।
1 तीमुथियुस 5 : 16
16 यदि किसी विश्वासिनी के यहां विधवाएं हों, तो वही उन की सहायता करे, कि कलीसिया पर भार न हो ताकि वह उन की सहायता कर सके, जो सचमुच में विधवाएं हैं॥
1 तीमुथियुस 5 : 8
8 पर यदि कोई अपनों की और निज करके अपने घराने की चिन्ता न करे, तो वह विश्वास से मुकर गया है, और अविश्वासी से भी बुरा बन गया है।
यशायाह 58 : 10
10 उदारता से भूखे की सहायता करे और दीन दु:खियों को सन्तुष्ट करे, तब अन्धियारे में तेरा प्रकाश चमकेगा, और तेरा घोर अन्धकार दोपहर का सा उजियाला हो जाएगा।
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