ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं राजमिस्त्री
2 कुरिन्थियों 11 : 13
13 क्योंकि ऐसे लोग झूठे प्रेरित, और छल से काम करने वाले, और मसीह के प्रेरितों का रूप धरने वाले हैं।
1 इतिहास 14 : 1
1 और सोर के राजा हीराम ने दाऊद के पास दूत भेजे, और उसका भवन बनाने को देवदारु की लकड़ी और राज और बढ़ई भेजे।
2 कुरिन्थियों 11 : 14
14 और यह कुछ अचम्भे की बात नहीं क्योंकि शैतान आप भी ज्योतिमर्य स्वर्गदूत का रूप धारण करता है।
यहेजकेल 17 : 1 – 16
1 यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
2 हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल के घराने से यह पहेली और दृष्टान्त कह; प्रभू यहोवा यों कहता है,
3 एक लम्बे पंख वाले, परों से भरे और रंग बिरंगे बड़े उकाब पड़ी ने लबानोन जा कर एक देवदार की फुनगी नोच ली।
4 तब उसने उस फुनगी की सब से ऊपर की पतली टहनी को तोड़ लिया, और उसे लेन देन करने वालों के देश में ले जा कर व्योपारियों के एक नगर में लगाया।
5 तब उसने देश का कुछ बीज ले कर एक उपजाऊ खेत में बोया, और उसे बहुत जल भरे स्थान में मजनू की नाईं लगाया।
6 और वह उगकर छोटी फैलने वाली अंगूर की लता हो गई जिसकी डालियां उसकी ओर झुकीं, और उसकी सोर उसके नीचे फैलीं; इस प्रकार से वह अंगूर की लता हो कर कनखा फोड़ने और पत्तों से भरने लगी।
7 फिर और एक लम्बे पंख वाला और परों से भरा हुआ बड़ा उकाब पक्षी था; और वह अंगूर की लता उस स्थान से जहां वह लगाई गई थी, उस दूसरे उकाब की ओर अपनी सोर फैलाने और अपनी डालियां झुकाने लगी कि वह उसे खींचा करे।
8 परन्तु वह तो इसलिये अच्छी भूमि में बहुत जल के पास लगाई गई थी, कि कनखएं फोड़े, और फले, और उत्तम अंगूर की लता बने।
9 सो तू यह कह, कि प्रभु यहोवा यों पूछता है, क्या वह फूले फलेगी? क्या वह उसको जड़ से न उखाड़ेगा, और उसके फलों को न झाड़ डालेगा कि वह अपनी सब हरी नई पत्तियों समेत सूख जाए? इसे जड़ से उखाड़ने के लिये अधिक बल और बहुत से मनुष्यों की आवश्यकता न होगी।
10 चाहे, वह लगी भी रहे, तौभी क्या वह फूले फलेगी? जब पुरवाई उसे लगे, तब क्या वह बिलकुल सूख न जाएगी? वह तो जहां उगी है उसी क्यारी में सूख जाएगी।
11 फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, उस बलवा करने वाले घराने से कह,
12 क्या तुम इन बातों का अर्थ नहीं समझते? फिर उन से कह, बाबुल के राजा ने यरूशलेम को जा कर उसके राजा और और प्रधानों को ले कर अपने यहां बाबुल में पहुंचाया।
13 तब राजवंश में से एक पुरुष को ले कर उस से वाचा बान्धी, और उसको वश में रहने की शपथ खिलाई, और देश के सामथीं पुरुषों को ले गया
14 कि वह राज्य निर्बल रहे और सिर न उठा सके, वरन वाचा पालने से स्थिर रहे।
15 तौभी इस ने घोड़े और बड़ी सेना मांगने को अपने दूत मिस्र में भेज कर उस से बलवा किया। क्या वह फूले फलेगा? क्या ऐसे कामों का करने वाला बचेगा? क्या वह अपनी वाचा तोड़ने पर भी बच जाएगा?
16 प्रभु यहोवा यों कहता है, मेरे जीवन की सौगन्ध, जिस राजा की खिलाई हुई शपथ उसने तुच्छ जानी, और जिसकी वाचा उसने तोड़ी, उसके यहां जिसने उसे राजा बनाया था, अर्थात बाबुल में ही वह उसके पास ही मर जाएगा।
2 राजा 12 : 12
12 और लकड़ी और गढ़े हुए पत्थर मोल लेने में, वरन जो कुछ भवन के टूटे फूटे की मरम्मत में खर्च होता था, उस में लगाया।
यूहन्ना 8 : 12
12 तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा।
2 यूहन्ना 1 : 9 – 11
9 जो कोई आगे बढ़ जाता है, और मसीह की शिक्षा में बना नहीं रहता, उसके पास परमेश्वर नहीं: जो कोई उस की शिक्षा में स्थिर रहता है, उसके पास पिता भी है, और पुत्र भी।
10 यदि कोई तुम्हारे पास आए, और यही शिक्षा न दे, उसे न तो घर मे आने दो, और न नमस्कार करो।
11 क्योंकि जो कोई ऐसे जन को नमस्कार करता है, वह उस के बुरे कामों में साझी होता है॥
नीतिवचन 20 : 12
12 सुनने के लिये कान और देखने के लिये जो आंखें हैं, उन दोनों को यहोवा ने बनाया है।
2 शमूएल 5 : 11
11 और सोर के राजा हीराम ने दाऊद के पास दूत, और देवदारू की लकड़ी, और बढ़ई, और राजमिस्त्री भेजे, और उन्होंने दाऊद के लिये एक भवन बनाया।
यूहन्ना 1 : 3
3 सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न न हुई।
गिनती 3 : 1 – 51
1 जिस समय यहोवा ने सीनै पर्वत के पास मूसा से बातें की उस समय हारून और मूसा की यह वंशावली थी।
2 हारून के पुत्रों के नाम ये हैं: नादाब जो उसका जेठा था, और अबीहू, एलीआजार और ईतामार;
3 हारून के पुत्र, जो अभिषिक्त याजक थे, और उनका संस्कार याजक का काम करने के लिये हुआ था उनके नाम ये ही हैं।
4 नादाब और अबीहू जिस समय सीनै के जंगल में यहोवा के सम्मुख ऊपरी आग ले गए उसी समय यहोवा के साम्हने मर गए थे; और वे पुत्रहीन भी थे। एलीआजर और ईतामार अपने पिता हारून के साम्हने याजक का काम करते रहे॥
5 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
6 लेवी गोत्र वालों को समीप ले आकर हारून याजक के साम्हने खड़ा कर, कि वे उसकी सेवा टहल करें।
7 और जो कुछ उसकी ओर से और सारी मण्डली की ओर से उन्हें सौंपा जाए उसकी रक्षा वे मिलापवाले तम्बू के सामहने करें, इस प्रकार वे तम्बू की सेवा करें;
8 वे मिलापवाले तम्बू के कुल सामान की और इस्त्राएलियों की सौंपी हुई वस्तुओं की भी रक्षा करें, इस प्रकार वे तम्बू की सेवा करें।
9 और तू लेवियों को हारून और उसके पुत्रों को सौंप दे; और वे इस्त्राएलियों की ओर से हारून को सम्पूर्ण रीति से अर्पण किए हुए हों।
10 और हारून और उसके पुत्रों को याजक के पद पर नियुक्त कर, और वे अपने याजकपद की रक्षा किया करें; और यदि अन्य मनुष्य समीप आए, तो वह मार डाला जाए॥
11 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
12 सुन इस्त्राएली स्त्रियों के सब पहिलौठों की सन्ती मैं इस्त्राएलियों में से लेवियों को ले लेता हूं; सो लेवीय मेरे ही हों।
13 सब पहिलौठे मेरे हैं; क्योंकि जिस दिन मैं ने मिस्र देश में के सब पहिलौठों को मारा, उसी दिन मैं ने क्या मनुष्य क्या पशु इस्त्राएलियों के सब पहिलौठों को अपने लिये पवित्र ठहराया; इसलिये वे मेरे ही ठहरेंगे; मैं यहोवा हूं॥
14 फिर यहोवा ने सीनै के जंगल में मूसा से कहा,
15 लेवियों में से जितने पुरूष एक महीने वा उससे अधिक अवस्था के हों उन को उनके पितरों के घरानों और उनके कुलों के अनुसार गिन ले।
16 यह आज्ञा पाकर मूसा ने यहोवा के कहे के अनुसार उन को गिन लिया।
17 लेवी के पुत्रों के नाम ये हैं, अर्थात गेर्शोन, कहात, और मरारी।
18 और गेर्शोन के पुत्र जिन से उसके कुल चले उनके नाम ये हैं, अर्थात लिब्नी और शिमी।
19 कहात के पुत्र जिन से उसके कुल चले उनके नाम ये हैं, अर्थात अम्राम, यिसहार, हेब्रोन, और उज्जीएल।
20 और मरारी के पुत्र जिन से उसके कुल चले उनके नाम ये हैं, अर्थात महली और मूशी। ये लेवियों के कुल अपने पितरों के घरानों के अनुसार हैं॥
21 गेर्शोन से लिब्नियों और शिमियों के कुल चले; गेर्शोनवंशियों के कुल ये ही हैं।
22 इन में से जितने पुरूषों की अवस्था एक महीने की वा उससे अधिक थी, उन सभों की गिनती साढ़े सात हजार थी।
23 गेर्शोन वाले कुल निवास के पीछे पच्छिम की ओर अपने डेरे डाला करें;
24 और गेर्शोनियों के मूलपुरूष से घराने का प्रधान लाएल का पुत्र एल्यासाप हो।
25 और मिलापवाले तम्बू की जो वस्तुएं गेर्शोनवंशियों को सौंपी जाएं वे ये हों, अर्थात निवास और तम्बू, और उसका ओहार, और मिलापवाले तम्बू से द्वार का पर्दा,
26 और जो आंगन निवास और वेदी की चारों ओर है उसके पर्दे, और उसके द्वार का पर्दा, और सब डोरियां जो उस में काम आती हैं॥
27 फिर कहात से अम्रामियों, यिसहारियों, हेब्रोनियों, और उज्जीएलियों के कुल चले; कहातियों के कुल ये ही हैं।
28 उन में से जितने पुरूषों की अवस्था एक महीने की वा उससे अधिक थी उनकी गिनती आठ हजार छ: सौ थी। वे पवित्र स्थान की रक्षा के उत्तरदायी थे।
29 कहातियों के कुल निवास की उस अलंग पर अपने डेरे डाला करें जो दक्खिन की ओर है;
30 और कहात वाले कुलों से मूलपुरूष के घराने का प्रधान उज्जीएल का पुत्र एलीसापान हो।
31 और जो वस्तुएं उन को सौंपी जाएं वे सन्दूक, मेज़, दीवट, वेदियां, और पवित्रस्थान का वह सामान जिस से सेवा टहल होती है, और पर्दा; निदान पवित्रस्थान में काम में आने वाला सारा सामान हो।
32 और लेवियों के प्रधानों का प्रधान हारून याजक का पुत्र एलीआजार हो, और जो लोग पवित्रस्थान की सौंपी हुई वस्तुओं की रक्षा करेंगे उन पर वही मुखिया ठहरे॥
33 फिर मरारी से महलियों और मूशियों के कुल चले; मरारी के कुल ये ही हैं।
34 इन में से जितने पुरूषों की अवस्था एक महीने की वा उससे अधिक थी उन सभों की गिनती छ: हजार दो सौ थी।
35 और मरारी के कुलों के मूलपुरूष के घराने का प्रधान अबीहैल का पुत्र सूरीएल हो; ये लोग निवास के उत्तर की ओर अपने डेरे खड़े करें।
36 और जो वस्तुएं मरारीवंशियों को सौंपी जाएं कि वे उनकी रक्षा करें, वे निवास के तख्ते, बेंड़े, खम्भे, कुसिर्यां, और सारा सामान; निदान जो कुछ उसके बरतने में काम आए;
37 और चारों ओर के आंगन के खम्भे, और उनकी कुसिर्यां, खूंटे और डोरियां हों।
38 और जो मिलापवाले तम्बू के साम्हने, अर्थात निवास के साम्हने, पूरब की ओर जहां से सूर्योदय होता है, अपने डेरे डाला करें, वे मूसा और हारून और उसके पुत्रों के डेरे हों, और पवित्रस्थान की रखवाली इस्त्राएलियों के बदले वे ही किया करें, और दूसरा जो कोई उसके समीप आए वह मार डाला जाए।
39 यहोवा की इस आज्ञा को पाकर एक महीने की वा उससे अधिक अवस्था वाले जितने लेवीय पुरूषों को मूसा और हारून ने उनके कुलों के अनुसार गिन लिया, वे सब के सब बाईस हजार थे॥
40 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, इस्त्राएलियों के जितने पहिलौठे पुरूषों की अवस्था एक महीने की वा उससे अधिक है, उन सभों को नाम ले ले कर गिन ले।
41 और मेरे लिये इस्त्राएलियों के सब पहिलौठों की सन्ती लेवियों को, और इस्त्राएलियों के पशुओं के सब पहिलौठों की सन्ती लेवियों के पशुओं को ले; मैं यहोवा हूं।
42 यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार मूसा ने इस्त्राएलियों के सब पहिलौठों को गिन लिया।
43 और सब पहिलौठे पुरूष जिनकी अवस्था एक महीने की वा उससे अधिक थी, उनके नामों की गिनती बाईस हजार दो सौ तिहत्तर थी॥
44 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
45 इस्त्राएलियों के सब पहिलौठों की सन्ती लेवियों को, और उनके पशुओं की सन्ती लेवियों के पशुओं को ले; और लेवीय मेरे ही हों; मैं यहोवा हूं।
46 और इस्त्राएलियों के पहिलौठों मे से जो दो सौ तिहत्तर गिनती में लेवियों से अधिक हैं, उनके छुड़ाने के लिये,
47 पुरूष पीछे पांच शेकेल ले; वे पवित्रस्थान के शेकेल के हिसाब से हों, अर्थात बीस गेरा का शेकेल हो।
48 और जो रूपया उन अधिक पहिलौठों की छुडौती का होगा उसे हारून और उसके पुत्रों को दे देना।
49 और जो इस्त्राएली पहिलौठे लेवियों के द्वारा छुड़ाए हुओं से अधिक थे उनके हाथ से मूसा ने छुड़ौती का रूपया लिया।
50 और एक हजार तीन सौ पैंसठ शैकेल रूपया पवित्रस्थान के शेकेल के हिसाब से वसूल हुआ।
51 और यहोवा की आज्ञा के अनुसार मूसा ने छुड़ाए हुओं का रूपया हारून और उसके पुत्रों को दे दिया॥
यूहन्ना 14 : 6
6 यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।
गलातियों 1 : 6 – 9
6 मुझे आश्चर्य होता है, कि जिस ने तुम्हें मसीह के अनुग्रह से बुलाया उस से तुम इतनी जल्दी फिर कर और ही प्रकार के सुसमाचार की ओर झुकने लगे।
7 परन्तु वह दूसरा सुसमाचार है ही नहीं: पर बात यह है, कि कितने ऐसे हैं, जो तुम्हें घबरा देते, और मसीह के सुसमाचार को बिगाड़ना चाहते हैं।
8 परन्तु यदि हम या स्वर्ग से कोई दूत भी उस सुसमाचार को छोड़ जो हम ने तुम को सुनाया है, कोई और सुसमाचार तुम्हें सुनाए, तो श्रापित हो।
9 जैसा हम पहिले कह चुके हैं, वैसा ही मैं अब फिर कहता हूं, कि उस सुसमाचार को छोड़ जिसे तुम ने ग्रहण किया है, यदि कोई और सुसमाचार सुनाता है, तो श्रापित हो। अब मैं क्या मनुष्यों को मनाता हूं या परमेश्वर को? क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता हूं?
यूहन्ना 3 : 16
16 क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।
2 कुरिन्थियों 6 : 14 – 18
14 अविश्वासियों के साथ असमान जूए में न जुतो, क्योंकि धामिर्कता और अधर्म का क्या मेल जोल? या ज्योति और अन्धकार की क्या संगति?
15 और मसीह का बलियाल के साथ क्या लगाव? या विश्वासी के साथ अविश्वासी का क्या नाता?
16 और मूरतों के साथ परमेश्वर के मन्दिर का क्या सम्बन्ध? क्योंकि हम तो जीवते परमेश्वर का मन्दिर हैं; जैसा परमेश्वर ने कहा है कि मैं उन में बसूंगा और उन में चला फिरा करूंगा; और मैं उन का परमेश्वर हूंगा, और वे मेरे लोग होंगे।
17 इसलिये प्रभु कहता है, कि उन के बीच में से निकलो और अलग रहो; और अशुद्ध वस्तु को मत छूओ, तो मैं तुम्हें ग्रहण करूंगा।
18 और तुम्हारा पिता हूंगा, और तुम मेरे बेटे और बेटियां होगे: यह सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर का वचन है॥
1 यूहन्ना 2 : 22 – 23
22 झूठा कौन है? केवल वह, जो यीशु के मसीह होने का इन्कार करता है; और मसीह का विरोधी वही है, जो पिता का और पुत्र का इन्कार करता है।
23 जो कोई पुत्र का इन्कार करता है उसके पास पिता भी नहीं: जो पुत्र को मान लेता है, उसके पास पिता भी है।
यूहन्ना 1 : 1 – 5
1 आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।
2 यही आदि में परमेश्वर के साथ था।
3 सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न न हुई।
4 उस में जीवन था; और वह जीवन मुनष्यों की ज्योति थी।
5 और ज्योति अन्धकार में चमकती है; और अन्धकार ने उसे ग्रहण न किया।
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