ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं महाद्वीपों
उत्पत्ति 1 : 10
10 और परमेश्वर ने सूखी भूमि को पृथ्वी कहा; तथा जो जल इकट्ठा हुआ उसको उसने समुद्र कहा: और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है।
अय्यूब 26 : 7
7 वह उत्तर दिशा को निराधार फैलाए रहता है, और बिना टेक पृथ्वी को लटकाए रखता है।
अय्यूब 26 : 10
10 उजियाले और अन्धियारे के बीच जहां सिवाना बंधा है, वहां तक उसने जलनिधि का सिवाना ठहरा रखा है।
अय्यूब 28 : 11
11 वह नदियों को ऐसा रोक देता है, कि उन से एक बूंद भी पानी नहीं टपकता और जो कुछ छिपा है उसे वह उजियाले में निकालता है।
अय्यूब 38 : 18
18 क्या तू ने पृथ्वी की चौड़ाई को पूरी रीति से समझ लिया है? यदि तू यह सब जानता है, तो बतला दे।
भजन संहिता 95 : 5
5 समुद्र उसका है, और उसी ने उसको बनाया, और स्थल भी उसी के हाथ का रचा है॥
भजन संहिता 104 : 9
9 तू ने एक सिवाना ठहराया जिस को वह नहीं लांघ सकता है, और न फिरकर स्थल को ढांप सकता है॥
भजन संहिता 136 : 6
6 उसने पृथ्वी को जल के ऊपर फैलाया है, उसकी करूणा सदा की है।
नीतिवचन 8 : 29
29 जब उस ने समुद्र का सिवाना ठहराया, कि जल उसकी आज्ञा का उल्लंघन न कर सके, और जब वह पृथ्वी की नेव की डोरी लगाता था,
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