भगवान का वचन बोलना

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं भगवान का वचन बोलना

इब्रानियों 4 : 12
12 क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव, और आत्मा को, और गांठ गांठ, और गूदे गूदे को अलग करके, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है।

2 तीमुथियुस 3 : 16 – 17
16 हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है।
17 ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्पर हो जाए॥

मत्ती 7 : 21 – 23
21 जो मुझ से, हे प्रभु, हे प्रभु कहता है, उन में से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है।
22 उस दिन बहुतेरे मुझ से कहेंगे; हे प्रभु, हे प्रभु, क्या हम ने तेरे नाम से भविष्यद्वाणी नहीं की, और तेरे नाम से दुष्टात्माओं को नहीं निकाला, और तेरे नाम से बहुत अचम्भे के काम नहीं किए?
23 तब मैं उन से खुलकर कह दूंगा कि मैं ने तुम को कभी नहीं जाना, हे कुकर्म करने वालों, मेरे पास से चले जाओ।

प्रकाशित वाक्य 11 : 3
3 और मैं अपने दो गवाहों को यह अधिकार दूंगा, कि टाट ओढे हुए एक हजार दो सौ साठ दिन तक भविष्यद्ववाणी करें।

लूका 16 : 19 – 31
19 एक धनवान मनुष्य था जो बैंजनी कपड़े और मलमल पहिनता और प्रति दिन सुख-विलास और धूम-धाम के साथ रहता था।
20 और लाजर नाम का एक कंगाल घावों से भरा हुआ उस की डेवढ़ी पर छोड़ दिया जाता था।
21 और वह चाहता था, कि धनवान की मेज पर की जूठन से अपना पेट भरे; वरन कुत्ते भी आकर उसके घावों को चाटते थे।
22 और ऐसा हुआ कि वह कंगाल मर गया, और स्वर्गदूतों ने उसे लेकर इब्राहीम की गोद में पहुंचाया; और वह धनवान भी मरा; और गाड़ा गया।
23 और अधोलोक में उस ने पीड़ा में पड़े हुए अपनी आंखें उठाई, और दूर से इब्राहीम की गोद में लाजर को देखा।
24 और उस ने पुकार कर कहा, हे पिता इब्राहीम, मुझ पर दया करके लाजर को भेज दे, ताकि वह अपनी उंगुली का सिरा पानी में भिगो कर मेरी जीभ को ठंडी करे, क्योंकि मैं इस ज्वाला में तड़प रहा हूं।
25 परन्तु इब्राहीम ने कहा; हे पुत्र स्मरण कर, कि तू अपने जीवन में अच्छी वस्तुएं ले चुका है, और वैसे ही लाजर बुरी वस्तुएं: परन्तु अब वह यहां शान्ति पा रहा है, और तू तड़प रहा है।
26 और इन सब बातों को छोड़ हमारे और तुम्हारे बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया है कि जो यहां से उस पार तुम्हारे पास जाना चाहें, वे न जा सकें, और न कोई वहां से इस पार हमारे पास आ सके।
27 उस ने कहा; तो हे पिता मैं तुझ से बिनती करता हूं, कि तू उसे मेरे पिता के घर भेज।
28 क्योंकि मेरे पांच भाई हैं, वह उन के साम्हने इन बातों की गवाही दे, ऐसा न हो कि वे भी इस पीड़ा की जगह में आएं।
29 इब्राहीम ने उस से कहा, उन के पास तो मूसा और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकें हैं, वे उन की सुनें।
30 उस ने कहा; नहीं, हे पिता इब्राहीम; पर यदि कोई मरे हुओं में से उन के पास जाए, तो वे मन फिराएंगे।
31 उस ने उस से कहा, कि जब वे मूसा और भविष्यद्वक्ताओं की नहीं सुनते, तो यदि मरे हुओं में से कोई भी जी उठे तौभी उस की नहीं मानेंगे॥

2 पतरस 1 : 20 – 21
20 पर पहिले यह जान लो कि पवित्र शास्त्र की कोई भी भविष्यद्वाणी किसी के अपने ही विचारधारा के आधार पर पूर्ण नहीं होती।
21 क्योंकि कोई भी भविष्यद्वाणी मनुष्य की इच्छा से कभी नहीं हुई पर भक्त जन पवित्र आत्मा के द्वारा उभारे जाकर परमेश्वर की ओर से बोलते थे॥

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