ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं गवाही देना
मरकुस 5 : 19
19 परन्तु उस ने उसे आज्ञा न दी, और उस से कहा, अपने घर जाकर अपने लोगों को बता, कि तुझ पर दया करके प्रभु ने तेरे लिये कैसे बड़े काम किए हैं।
प्रकाशित वाक्य 12 : 11
11 और वे मेम्ने के लोहू के कारण, और अपनी गवाही के वचन के कारण, उस पर जयवन्त हुए, और उन्होंने अपने प्राणों को प्रिय न जाना, यहां तक कि मृत्यु भी सह ली।
1 यूहन्ना 5 : 10
10 जो परमेश्वर के पुत्र पर विश्वास करता है, वह अपने ही में गवाही रखता है; जिस ने परमेश्वर को प्रतीति नहीं की, उस ने उसे झूठा ठहराया; क्योंकि उस ने उस गवाही पर विश्वास नहीं किया, जो परमेश्वर ने अपने पुत्र के विषय में दी है।
यूहन्ना 8 : 14
14 यीशु ने उन को उत्तर दिया; कि यदि मैं अपनी गवाही आप देता हूं, तौभी मेरी गवाही ठीक है, क्योंकि मैं जानता हूं, कि मैं कहां से आया हूं और कहां को जाता हूं परन्तु तुम नहीं जानते कि मैं कहां से आता हूं या कहां को जाता हूं।
फिलिप्पियों 1 : 27 – 30
27 केवल इतना करो कि तुम्हारा चाल-चलन मसीह के सुसमाचार के योग्य हो कि चाहे मैं आकर तुम्हें देखूं, चाहे न भी आऊं, तुम्हारे विषय में यह सुनूं, कि तुम एक ही आत्मा में स्थिर हो, और एक चित्त होकर सुसमाचार के विश्वास के लिये परिश्रम करते रहते हो।
28 और किसी बात में विरोधियों से भय नहीं खाते यह उन के लिये विनाश का स्पष्ट चिन्ह है, परन्तु तुम्हारे लिये उद्धार का, और यह परमेश्वर की ओर से है।
29 क्योंकि मसीह के कारण तुम पर यह अनुग्रह हुआ कि न केवल उस पर विश्वास करो पर उसके लिये दुख भी उठाओ।
30 और तुम्हें वैसा ही परिश्रम करना है, जैसा तुम ने मुझे करते देखा है, और अब भी सुनते हो, कि मैं वैसा ही करता हूं॥
1 यूहन्ना 5 : 5 – 8
5 संसार पर जय पाने वाला कौन है केवल वह जिस का यह विश्वास है, कि यीशु, परमेश्वर का पुत्र है।
6 यही है वह, जो पानी और लोहू के द्वारा आया था; अर्थात यीशु मसीह: वह न केवल पानी के द्वारा, वरन पानी और लोहू दोनों के द्वारा आया था।
7 और जो गवाही देता है, वह आत्मा है; क्योंकि आत्मा सत्य है।
8 और गवाही देने वाले तीन हैं; आत्मा, और पानी, और लोहू; और तीनों एक ही बात पर सहमत हैं।
यूहन्ना 15 : 27
27 और तुम भी गवाह हो क्योंकि तुम आरम्भ से मेरे साथ रहे हो॥
यूहन्ना 15 : 26
26 परन्तु जब वह सहायक आएगा, जिसे मैं तुम्हारे पास पिता की ओर से भेजूंगा, अर्थात सत्य का आत्मा जो पिता की ओर से निकलता है, तो वह मेरी गवाही देगा।
कुलुस्सियों 3 : 23
23 और जो कुछ तुम करते हो, तन मन से करो, यह समझ कर कि मनुष्यों के लिये नहीं परन्तु प्रभु के लिये करते हो।
1 यूहन्ना 1 : 8 – 10
8 यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं: और हम में सत्य नहीं।
9 यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है।
10 यदि कहें कि हम ने पाप नहीं किया, तो उसे झूठा ठहराते हैं, और उसका वचन हम में नहीं है॥
याकूब 5 : 11
11 देखो, हम धीरज धरने वालों को धन्य कहते हैं: तुम ने अय्यूब के धीरज के विषय में तो सुना ही है, और प्रभु की ओर से जो उसका प्रतिफल हुआ उसे भी जान लिया है, जिस से प्रभु की अत्यन्त करूणा और दया प्रगट होती है।
1 यूहन्ना 5 : 7
7 और जो गवाही देता है, वह आत्मा है; क्योंकि आत्मा सत्य है।
याकूब 1 : 5
5 पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उस को दी जाएगी।
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