उपदेश देती महिला

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं उपदेश देती महिला

प्रेरितों के काम 18 : 26
26 वह आराधनालय में निडर होकर बोलने लगा, पर प्रिस्किल्ला और अक्विला उस की बातें सुनकर, उसे अपने यहां ले गए और परमेश्वर का मार्ग उस को और भी ठीक ठीक बताया।

प्रेरितों के काम 2 : 17
17 कि परमेश्वर कहता है, कि अन्त कि दिनों में ऐसा होगा, कि मैं अपना आत्मा सब मनुष्यों पर उंडेलूंगा और तुम्हारे बेटे और तुम्हारी बेटियां भविष्यद्वाणी करेंगी और तुम्हारे जवान दर्शन देखेंगे, और तुम्हारे पुरिनए स्वप्न देखेंगे।

न्यायियों 4 : 4
4 उस समय लप्पीदोत की स्त्री दबोरा जो नबिया थी इस्राएलियों का न्याय करती थी।

मीका 6 : 4
4 मेरे विरुद्ध साक्षी दे! मैं तो तुझे मिस्र देश से निकाल ले आया, और दासत्व के घर में से तुझे छुड़ा लाया; और तेरी अगुवाई करने को मूसा, हारून और मरियम को भेज दिया।

भजन संहिता 68 : 11
11 प्रभु आज्ञा देता है, तब शुभ समाचार सुनाने वालियों की बड़ी सेना हो जाती है।

2 राजा 22 : 14
14 हिलकिय्याह याजक और अहीकाम, अकबोर, शापान और असाया ने हुल्दा नबिया के पास जा कर उस से बातें की, वह उस शल्लूम की पत्नी थी जो तिकवा का पुत्र और हर्हस का पोता और वस्त्रों का रखवाला था, ( और वह स्त्री यरूशलेम के नये टोले में रहती थी )।

प्रेरितों के काम 21 : 8 – 9
8 दूसरे दिन हम वहां से चलकर कैसरिया में आए, और फिलेप्पुस सुसमाचार प्रचारक के घर में जो सातों में से एक था, जाकर उसके यहां रहे।
9 उस की चार कुंवारी पुत्रियां थीं; जो भविष्यद्वाणी करती थीं।

कुलुस्सियों 4 : 15
15 लौदीकिया के भाइयों को और तुमफास और उन के घर की कलीसिया को नमस्कार कहना।

योएल 2 : 28 – 29
28 उन बातों के बाद मैं सब प्राणियों पर अपना आत्मा उण्डेलूंगा; तुम्हारे बेटे-बेटियां भविष्यद्वाणी करेंगी, और तुम्हारे पुरनिये स्वप्न देखेंगे, और तुम्हारे जवान दर्शन देखेंगे।
29 तुम्हारे दास और दासियों पर भी मैं उन दिनों में अपना आत्मा उण्डेलूंगा॥

1 तीमुथियुस 2 : 11 – 15
11 और स्त्री को चुपचाप पूरी आधीनता में सीखना चाहिए।
12 और मैं कहता हूं, कि स्त्री न उपदेश करे, और न पुरूष पर आज्ञा चलाए, परन्तु चुपचाप रहे।
13 क्योंकि आदम पहिले, उसके बाद हव्वा बनाई गई।
14 और आदम बहकाया न गया, पर स्त्री बहकाने में आकर अपराधिनी हुई।
15 तौभी बच्चे जनने के द्वारा उद्धार पाएंगी, यदि वे संयम सहित विश्वास, प्रेम, और पवित्रता में स्थिर रहें॥

1 कुरिन्थियों 14 : 34 – 35
34 स्त्रियां कलीसिया की सभा में चुप रहें, क्योंकि उन्हें बातें करने की आज्ञा नहीं, परन्तु आधीन रहने की आज्ञा है: जैसा व्यवस्था में लिखा भी है।
35 और यदि वे कुछ सीखना चाहें, तो घर में अपने अपने पति से पूछें, क्योंकि स्त्री का कलीसिया में बातें करना लज्ज़ा की बात है।

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *