इसके बारे में बाइबल क्या कहता है आँख – बाइबल की सभी आयतें आँख

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं आँख

भजन संहिता 33 : 19
19 कि वह उनके प्राण को मृत्यु से बचाए, और अकाल के समय उन को जीवित रखे॥

भजन संहिता 34 : 15
15 यहोवा की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान भी उसकी दोहाई की ओर लगे रहते हैं।

भजन संहिता 121 : 5
5 यहोवा तेरा रक्षक है; यहोवा तेरी दाहिनी ओर तेरी आड़ है।

यशायाह 1 : 15
15 जब तुम मेरी ओर हाथ फैलाओ, तब मैं तुम से मुंह फेर लूंगा; तुम कितनी ही प्रार्थना क्यों न करो, तौभी मैं तुम्हारी न सुनूंगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से भरे हैं।

यशायाह 3 : 8
8 यरूशलेम तो डगमगाया और यहूदा गिर गया है; क्योंकि उनके वचन और उनके काम यहोवा के विरुद्ध हैं, जो उसकी तेजोमय आंखों के साम्हने बलवा करने वाले ठहरे हैं॥

नीतिवचन 27 : 20
20 जैसे अधोलोक और विनाशलोक, वैसे ही मनुष्य की आंखें भी तृप्त नहीं होती।

सभोपदेशक 1 : 8
8 सब बातें परिश्रम से भरी हैं; मनुष्य इसका वर्णन नहीं कर सकता; न तो आंखें देखने से तृप्त होती हैं, और न कान सुनने से भरते हैं।

1 यूहन्ना 2 : 16
16 क्योंकि जो कुछ संसार में है, अर्थात शरीर की अभिलाषा, और आंखों की अभिलाषा और जीविका का घमण्ड, वह पिता की ओर से नहीं, परन्तु संसार ही की ओर से है।

मत्ती 5 : 29
29 यदि तेरी दाहिनी आंख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर अपने पास से फेंक दे; क्योंकि तेरे लिये यही भला है कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए।

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