अपने जीवन में ईश्वर और कार्य के बीच संतुलन प्राप्त करना

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं अपने जीवन में ईश्वर और कार्य के बीच संतुलन प्राप्त करना

1 तीमुथियुस 4 : 8
8 क्योंकि देह की साधना से कम लाभ होता है, पर भक्ति सब बातों के लिये लाभदायक है, क्योंकि इस समय के और आने वाले जीवन की भी प्रतिज्ञा इसी के लिये है।

1 तीमुथियुस 4 : 7
7 पर अशुद्ध और बूढिय़ों की सी कहानियों से अलग रह; और भक्ति के लिये अपना साधन कर।

रोमियो 7 : 18
18 क्योंकि मैं जानता हूं, कि मुझ में अर्थात मेरे शरीर में कोई अच्छी वस्तु वास नहीं करती, इच्छा तो मुझ में है, परन्तु भले काम मुझ से बन नहीं पड़ते।

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