*शास्त्र का अध्ययन करें* :1 _यूहन्ना 5:4 क्योंकि जो कुछ परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है, वह संसार पर जय प्राप्त करता है। और वह विजय जिस से संसार पर जय प्राप्त हुई है हमारा विश्वास है। *आपकी जीत का आश्वासन* इस संसार में बहुत सी चीजें की जा सकती हैं या स्थापित की जा सकती हैं, लेकिन बहुत बार जो लोग उन्हें स्थापित करते हैं, वे इस संभावना पर खड़े होते हैं कि क्या वे वास्तव में समय की कसौटी पर खरे उतरेंगे। ये मंत्रालयों से परे आपके जीवन में अन्य चीजों जैसे विवाह, व्यवसाय शुरू करना और बहुत कुछ हो सकता है। जब आप जो जोखिम उठा रहे हैं वह आपकी अपनी बुद्धि है या इस संसार की बुद्धि है, तो शास्त्र आपको यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि वह चीज शुरू हो सकती है लेकिन इसका समर्थन गारंटी नहीं है क्योंकि यह परमेश्वर से पैदा नहीं हुआ है। परमेश्वर के बच्चे, जो कुछ भी परमेश्वर के मन से आता है (परमेश्वर से पैदा हुआ) उसके पास हमेशा सभी स्थिति में बैकअप होता है, जो एक आदमी को गारंटी देता है कि सभी चीजें उसके अच्छे के लिए काम कर रही हैं, भले ही वे विपरीत जा रही हों, वह परमेश्वर से आया वचन है। प्रेरितों के काम 5.38 – _और अब मैं तुमसे कहता हूं, इन पुरुषों से दूर रहो और उन्हें अकेला छोड़ दो; यदि यह योजना या यह कार्य मनुष्यों की ओर से हो तब तो व्यर्थ हो जाएगी।_ .39 – _परन्तु यदि यह परमेश्वर की ओर से हो, तो तुम इसे मिटा नहीं सकते, ऐसा न हो कि तुम परमेश्वर से भी लड़नेवाले ठहरो_ ।” यह गमलिएल की ओर से सलाह थी, जिसे उनके अगुवों ने ज्ञान से पूछा था कि क्या वे यीशु मसीह का प्रचार करने के लिए प्रेरितों को मार डालेंगे, उसने उनसे वही बात कही, यदि प्रेरित जो कर रहे हैं वह मनुष्यों का आविष्कार है, तो यह समय की बात है, यह व्यर्थ हो जाएगा मैं परमेश्वर के मन से जो कुछ करता हूँ, उसे करने का चुनाव करता हूँ, हल्लिलूयाह *आगे का अध्ययन* : प्रेरितों के काम 5:38-39, भजन 73:26 *सोना डला* : यदि यह परमेश्वर की ओर से है, तो विजय अवश्यंभावी है *प्रार्थना* पिता मैं आपको इस सत्य के लिए धन्यवाद देता हूँ, मैं केवल वही करता हूँ जो मैं आपको करते हुए देखता हूँ यीशु के नाम में, आमीन।
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