ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं हम जो संगीत सुनते हैं
फिलिप्पियों 4 : 8
8 निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्हीं पर ध्यान लगाया करो।
1 थिस्सलुनीकियों 5 : 22
22 सब प्रकार की बुराई से बचे रहो॥
रोमियो 10 : 17
17 सो विश्वास सुनने से, और सुनना मसीह के वचन से होता है।
भजन संहिता 121 : 1 – 8
1 मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर लगाऊंगा। मुझे सहायता कहां से मिलेगी?
2 मुझे सहायता यहोवा की ओर से मिलती है, जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है॥
3 वह तेरे पांव को टलने न देगा, तेरा रक्षक कभी न ऊंघेगा।
4 सुन, इस्राएल का रक्षक, न ऊंघेगा और न सोएगा॥
5 यहोवा तेरा रक्षक है; यहोवा तेरी दाहिनी ओर तेरी आड़ है।
6 न तो दिन को धूप से, और न रात को चांदनी से तेरी कुछ हानि होगी॥
7 यहोवा सारी विपत्ति से तेरी रक्षा करेगा; वह तेरे प्राण की रक्षा करेगा।
8 यहोवा तेरे आने जाने में तेरी रक्षा अब से ले कर सदा तक करता रहेगा॥
1 थिस्सलुनीकियों 4 : 16 – 18
16 क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा; उस समय ललकार, और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा, और परमेश्वर की तुरही फूंकी जाएगी, और जो मसीह में मरे हैं, वे पहिले जी उठेंगे।
17 तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे, उन के साथ बादलों पर उठा लिए जाएंगे, कि हवा में प्रभु से मिलें, और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे।
18 सो इन बातों से एक दूसरे को शान्ति दिया करो॥
2 तीमुथियुस 3 : 16
16 हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है।
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