ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं समलैंगिकता
रोमियो 1 : 26 – 27
26 इसलिये परमेश्वर ने उन्हें नीच कामनाओं के वश में छोड़ दिया; यहां तक कि उन की स्त्रियों ने भी स्वाभाविक व्यवहार को, उस से जो स्वभाव के विरूद्ध है, बदल डाला।
27 वैसे ही पुरूष भी स्त्रियों के साथ स्वाभाविक व्यवहार छोड़कर आपस में कामातुर होकर जलने लगे, और पुरूषों ने पुरूषों के साथ निर्लज्ज़ काम करके अपने भ्रम का ठीक फल पाया॥
रोमियो 1 : 24 – 32
24 इस कारण परमेश्वर ने उन्हें उन के मन के अभिलाषाओं के अुनसार अशुद्धता के लिये छोड़ दिया, कि वे आपस में अपने शरीरों का अनादर करें।
25 क्योंकि उन्होंने परमेश्वर की सच्चाई को बदलकर झूठ बना डाला, और सृष्टि की उपासना और सेवा की, न कि उस सृजनहार की जो सदा धन्य है। आमीन॥
26 इसलिये परमेश्वर ने उन्हें नीच कामनाओं के वश में छोड़ दिया; यहां तक कि उन की स्त्रियों ने भी स्वाभाविक व्यवहार को, उस से जो स्वभाव के विरूद्ध है, बदल डाला।
27 वैसे ही पुरूष भी स्त्रियों के साथ स्वाभाविक व्यवहार छोड़कर आपस में कामातुर होकर जलने लगे, और पुरूषों ने पुरूषों के साथ निर्लज्ज़ काम करके अपने भ्रम का ठीक फल पाया॥
28 और जब उन्होंने परमेश्वर को पहिचानना न चाहा, इसलिये परमेश्वर ने भी उन्हें उन के निकम्मे मन पर छोड़ दिया; कि वे अनुचित काम करें।
29 सो वे सब प्रकार के अधर्म, और दुष्टता, और लोभ, और बैरभाव, से भर गए; और डाह, और हत्या, और झगड़े, और छल, और ईर्षा से भरपूर हो गए, और चुगलखोर,
30 बदनाम करने वाले, परमेश्वर के देखने में घृणित, औरों का अनादर करने वाले, अभिमानी, डींगमार, बुरी बुरी बातों के बनाने वाले, माता पिता की आज्ञा न मानने वाले।
31 निर्बुद्धि, विश्वासघाती, मायारिहत और निर्दय हो गए।
32 वे तो परमेश्वर की यह विधि जानते हैं, कि ऐसे ऐसे काम करने वाले मुत्यु के दण्ड के योग्य हैं, तौभी न केवल आप ही ऐसे काम करते हैं, वरन करने वालों से प्रसन्न भी होते हैं॥
रोमियो 1 : 26
26 इसलिये परमेश्वर ने उन्हें नीच कामनाओं के वश में छोड़ दिया; यहां तक कि उन की स्त्रियों ने भी स्वाभाविक व्यवहार को, उस से जो स्वभाव के विरूद्ध है, बदल डाला।
रोमियो 1 : 24 – 27
24 इस कारण परमेश्वर ने उन्हें उन के मन के अभिलाषाओं के अुनसार अशुद्धता के लिये छोड़ दिया, कि वे आपस में अपने शरीरों का अनादर करें।
25 क्योंकि उन्होंने परमेश्वर की सच्चाई को बदलकर झूठ बना डाला, और सृष्टि की उपासना और सेवा की, न कि उस सृजनहार की जो सदा धन्य है। आमीन॥
26 इसलिये परमेश्वर ने उन्हें नीच कामनाओं के वश में छोड़ दिया; यहां तक कि उन की स्त्रियों ने भी स्वाभाविक व्यवहार को, उस से जो स्वभाव के विरूद्ध है, बदल डाला।
27 वैसे ही पुरूष भी स्त्रियों के साथ स्वाभाविक व्यवहार छोड़कर आपस में कामातुर होकर जलने लगे, और पुरूषों ने पुरूषों के साथ निर्लज्ज़ काम करके अपने भ्रम का ठीक फल पाया॥
1 कुरिन्थियों 6 : 9 – 10
9 क्या तुम नहीं जानते, कि अन्यायी लोग परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे? धोखा न खाओ, न वेश्यागामी, न मूर्तिपूजक, न परस्त्रीगामी, न लुच्चे, न पुरूषगामी।
10 न चोर, न लोभी, न पियक्कड़, न गाली देने वाले, न अन्धेर करने वाले परमेश्वर के राज्य के वारिस होंगे।
लैव्यवस्था 20 : 13
13 और यदि कोई जिस रीति स्त्री से उसी रीति पुरूष से प्रसंग करे, तो वे दोनों घिनौना काम करने वाले ठहरेंगे; इस कारण वे निश्चय मार डाले जाएं, उनका खून उन्हीं के सिर पर पड़ेगा।
Leave a Reply