शपथ

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं शपथ

मत्ती 5 : 33 – 37
33 फिर तुम सुन चुके हो, कि पूर्वकाल के लोगों से कहा गया था कि झूठी शपथ न खाना, परन्तु प्रभु के लिये अपनी शपथ को पूरी करना।
34 परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि कभी शपथ न खाना; न तो स्वर्ग की, क्योंकि वह परमेश्वर का सिंहासन है।
35 न धरती की, क्योंकि वह उसके पांवों की चौकी है; न यरूशलेम की, क्योंकि वह महाराजा का नगर है।
36 अपने सिर की भी शपथ न खाना क्योंकि तू एक बाल को भी न उजला, न काला कर सकता है।
37 परन्तु तुम्हारी बात हां की हां, या नहीं की नहीं हो; क्योंकि जो कुछ इस से अधिक होता है वह बुराई से होता है॥

याकूब 5 : 12
12 पर हे मेरे भाइयों, सब से श्रेष्ठ बात यह है, कि शपथ न खाना; न स्वर्ग की न पृथ्वी की, न किसी और वस्तु की, पर तुम्हारी बातचीत हां की हां, और नहीं की नहीं हो, कि तुम दण्ड के योग्य न ठहरो॥

गिनती 30 : 2
2 कि जब कोई पुरूष यहोवा की मन्नत माने, वा अपने आप को वाचा से बान्धने के लिये शपथ खाए, तो वह अपना वचन न टाले; जो कुछ उसके मुंह से निकला हो उसके अनुसार वह करे।

इब्रानियों 6 : 13
13 और परमेश्वर ने इब्राहीम को प्रतिज्ञा देते समय जब कि शपथ खाने के लिये किसी को अपने से बड़ा न पाया, तो अपनी ही शपथ खाकर कहा।

इब्रानियों 6 : 17
17 इसलिये जब परमेश्वर ने प्रतिज्ञा के वारिसों पर और भी साफ रीति से प्रगट करना चाहा, कि उसकी मनसा बदल नहीं सकती तो शपथ को बीच में लाया।

भजन संहिता 15 : 4
4 वह जिसकी दृष्टि में निकम्मा मनुष्य तुच्छ है, और जो यहोवा के डरवैयों का आदर करता है, जो शपथ खाकर बदलता नहीं चाहे हानि उठानी पड़े;

प्रेरितों के काम 23 : 12 – 14
12 जब दिन हुआ, तो यहूदियों ने एका किया, और शपथ खाई कि जब तक हम पौलुस को मार न डालें, तब तक खांए या पीएं तो हम पर धिक्कार।
13 जिन्हों ने आपस में यह शपथ खाई थी, वे चालीस जनों के ऊपर थे।
14 उन्होंने महायाजकों और पुरनियों के पास आकर कहा, हम ने यह ठाना है; कि जब तक हम पौलुस को मार न डालें, तब तक यदि कुछ चखें भी, तो हम पर धिक्कार पर है।

मत्ती 23 : 18 – 22
18 फिर कहते हो कि यदि कोई वेदी की शपथ खाए तो कुछ नहीं, परन्तु जो भेंट उस पर है, यदि कोई उस की शपथ खाए तो बन्ध जाएगा।
19 हे अन्धों, कौन बड़ा है, भेंट या वेदी: जिस से भेंट पवित्र होता है?
20 इसलिये जो वेदी की शपथ खाता है, वह उस की, और जो कुछ उस पर है, उस की भी शपथ खाता है।
21 और जो मन्दिर की शपथ खाता है, वह उस की और उस में रहने वालों की भी शपथ खाता है।
22 और जो स्वर्ग की शपथ खाता है, वह परमेश्वर के सिहांसन की और उस पर बैठने वाले की भी शपथ खाता है॥

इब्रानियों 7 : 28
28 क्योंकि व्यवस्था तो निर्बल मनुष्यों को महायाजक नियुक्त करती है; परन्तु उस शपथ का वचन जो व्यवस्था के बाद खाई गई, उस पुत्र को नियुक्त करता है जो युगानुयुग के लिये सिद्ध किया गया है॥

इब्रानियों 3 : 11
11 तब मैं ने क्रोध में आकर शपथ खाई, कि वे मेरे विश्राम में प्रवेश करने न पाएंगे।

इब्रानियों 3 : 18
18 और उस ने किन से शपथ खाई, कि तुम मेरे विश्राम में प्रवेश करने न पाओगे? केवल उन से जिन्हों ने आज्ञा न मानी?

इब्रानियों 7 : 21
21 (क्योंकि वे तो बिना शपथ याजक ठहराए गए पर यह शपथ के साथ उस की ओर से नियुक्त किया गया जिस ने उसके विषय में कहा, कि प्रभु ने शपथ खाई, और वह उस से फिर ने पछताएगा, कि तू युगानुयुग याजक है)।

यूहन्ना 6 : 67 – 71
67 तब यीशु ने उन बारहों से कहा, क्या तुम भी चले जाना चाहते हो?
68 शमौन पतरस ने उस को उत्तर दिया, कि हे प्रभु हम किस के पास जाएं? अनन्त जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं।
69 और हम ने विश्वास किया, और जान गए हैं, कि परमेश्वर का पवित्र जन तू ही है।
70 यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, क्या मैं ने तुम बारहों को नहीं चुन लिया? तौभी तुम में से एक व्यक्ति शैतान है।
71 यह उस ने शमौन इस्करियोती के पुत्र यहूदाह के विषय में कहा, क्योंकि यही जो उन बारहों में से था, उसे पकड़वाने को था॥

व्यवस्थाविवरण 23 : 21 – 23
21 जब तू अपने परमेश्वर यहोवा के लिये मन्नत माने, तो उसके पूरी करने में विलम्ब न करना; क्योंकि तेरा परमेश्वर यहोवा उसे निश्चय तुझ से ले लेगा, और विलम्ब करने से तू पापी ठहरेगा।
22 परन्तु यदि तू मन्नत न माने, तो तेरा कोई पाप नहीं।
23 जो कुछ तेरे मुंह से निकले उसके पूरा करने में चौकसी करना; तू अपने मुंह से वचन देकर अपनी इच्छा से अपने परमेश्वर यहोवा की जैसी मन्नत माने, वैसा ही स्वतंत्रता पूर्वक उसे पूरा करना।

लूका 1 : 73
73 और वह शपथ जो उस ने हमारे पिता इब्राहीम से खाई थी।

मत्ती 14 : 3 – 12
3 क्योंकि हेरोदेस ने अपने भाई फिलेप्पुस की पत्नी हेरोदियास के कारण, यूहन्ना को पकड़कर बान्धा, और जेलखाने में डाल दिया था।
4 क्योंकि यूहन्ना ने उस से कहा था, कि इस को रखना तुझे उचित नहीं है।
5 और वह उसे मार डालना चाहता था, पर लोगों से डरता था, क्योंकि वे उसे भविष्यद्वक्ता जानते थे।
6 पर जब हेरोदेस का जन्म दिन आया, तो हेरोदियास की बेटी ने उत्सव में नाच दिखाकर हेरोदेस को खुश किया।
7 इसलिये उस ने शपथ खाकर वचन दिया, कि जो कुछ तू मांगेगी, मैं तुझे दूंगा।
8 वह अपनी माता की उक्साई हुई बोली, यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले का सिर थाल में यहीं मुझे मंगवा दे।
9 राजा दुखित हुआ, पर अपनी शपथ के, और साथ बैठने वालों के कारण, आज्ञा दी, कि दे दिया जाए।
10 और जेलखाने में लोगों को भेजकर यूहन्ना का सिर कटवा दिया।
11 और उसका सिर थाल में लाया गया, और लड़की को दिया गया; और वह उस को अपनी मां के पास ले गई।
12 और उसके चेलों ने आकर और उस की लोथ को ले जाकर गाढ़ दिया और जाकर यीशु को समाचार दिया॥

इब्रानियों 4 : 3
3 और हम जिन्हों ने विश्वास किया है, उस विश्राम में प्रवेश करते हैं; जैसा उस ने कहा, कि मैं ने अपने क्रोध में शपथ खाई, कि वे मेरे विश्राम में प्रवेश करने न पाएंगे, यद्यपि जगत की उत्पत्ति के समय से उसके काम पूरे हो चुके थे।

इब्रानियों 6 : 16
16 मनुष्य तो अपने से किसी बड़े की शपथ खाया करते हैं और उन के हर एक विवाद का फैसला शपथ से पक्का होता है।

इब्रानियों 6 : 14
14 कि मैं सचमुच तुझे बहुत आशीष दूंगा, और तेरी सन्तान को बढ़ाता जाऊंगा।

गलातियों 1 : 20
20 जो बातें मैं तुम्हें लिखता हूं, देखो परमेश्वर को उपस्थित जानकर कहता हूं, कि वे झूठी नहीं।

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