ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं विनम्रता
व्यवस्थाविवरण 9 : 7
7 इस बात का स्मरण रख और कभी भी न भूलना, कि जंगल में तू ने किस किस रीति से अपने परमेश्वर यहोवा को क्रोधित किया; और जिस देश से तू मिस्र देश से निकला है जब तक तुम इस स्थान पर न पहुँचे तब तक तुम यहोवा से बलवा ही बलवा करते आए हो।
व्यवस्थाविवरण 15 : 15
15 और इस बात को स्मरण रखना कि तू भी मिस्र देश में दास था, और तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे छुड़ा लिया; इस कारण मैं आज तुझे यह आज्ञा सुनाता हूं।
अय्यूब 5 : 11
11 इसी रीति वह नम्र लोगों को ऊंचे स्थान पर बिठाता है, और शोक का पहिरावा पहिने हुए लोग ऊंचे पर पहुँचकर बचते हैं।
अय्यूब 22 : 29
29 चाहे दुर्भाग्य हो तौभी तू कहेगा कि सुभाग्य होगा, क्योंकि वह नम्र मनुष्य को बचाता है।
अय्यूब 25 : 6
6 फिर मनुष्य की क्या गिनती जो कीड़ा है, और आदमी कहां रहा जो केंचुआ है!
भजन संहिता 9 : 12
12 क्योंकि खून का पलटा लेनेवाला उन को स्मरण करता है; वह दीन लोगों की दोहाई को नहीं भूलता॥
भजन संहिता 10 : 17
17 हे यहोवा, तू ने नम्र लोगों की अभिलाषा सुनी है; तू उनका मन तैयार करेगा, तू कान लगाकर सुनेगा
भजन संहिता 22 : 6
6 परन्तु मैं तो कीड़ा हूं, मनुष्य नहीं; मनुष्यों में मेरी नामधराई है, और लोगों में मेरा अपमान होता है।
भजन संहिता 22 : 26
26 नम्र लोग भोजन करके तृप्त होंगे; जो यहोवा के खोजी हैं, वे उसकी स्तुति करेंगे। तुम्हारे प्राण सर्वदा जीवित रहें!
भजन संहिता 25 : 9
9 वह नम्र लोगों को न्याय की शिक्षा देगा, हां वह नम्र लोगों को अपना मार्ग दिखलाएगा।
भजन संहिता 37 : 11
11 परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे।
भजन संहिता 69 : 32
32 नम्र लोग इसे देख कर आनन्दित होंगे, हे परमेश्वर के खोजियों तुम्हारा मन हरा हो जाए।
भजन संहिता 86 : 1
1 हे यहोवा कान लगा कर मेरी सुन ले, क्योंकि मैं दीन और दरिद्र हूं।
भजन संहिता 131 : 2
2 निश्चय मैं ने अपने मन को शान्त और चुप कर दिया है, जैसे दूध छुड़ाया हुआ लड़का अपनी मां की गोद में रहता है, वैसे ही दूध छुड़ाए हुए लड़के के समान मेरा मन भी रहता है॥
भजन संहिता 138 : 6
6 यद्यपि यहोवा महान है, तौभी वह नम्र मनुष्य की ओर दृष्टि करता है; परन्तु अहंकारी को दूर ही से पहिचानता है।
भजन संहिता 147 : 6
6 यहोवा नम्र लोगों को सम्भलता है, और दुष्टों को भूमि पर गिरा देता है॥
भजन संहिता 149 : 4
4 क्योंकि यहोवा अपनी प्रजा से प्रसन्न रहता है; वह नम्र लोगों का उद्धार कर के उन्हें शोभायमान करेगा।
नीतिवचन 3 : 34
34 ठट्ठा करने वालों से वह निश्चय ठट्ठा करता है और दीनों पर अनुग्रह करता है।
नीतिवचन 10 : 8
8 जो बुद्धिमान है, वह आज्ञाओं को स्वीकार करता है, परन्तु जो बकवादी और मूढ़ है, वह पछाड़ खाता है।
नीतिवचन 11 : 2
2 जब अभिमान होता, तब अपमान भी होता है, परन्तु नम्र लोगों में बुद्धि होती है।
नीतिवचन 12 : 15
15 मूढ़ को अपनी ही चाल सीधी जान पड़ती है, परन्तु जो सम्मति मानता, वह बुद्धिमान है।
नीतिवचन 15 : 33
33 यहोवा के भय मानने से शिक्षा प्राप्त होती है, और महिमा से पहिले नम्रता होती है॥
नीतिवचन 18 : 12
12 नाश होने से पहिले मनुष्य के मन में घमण्ड, और महिमा पाने से पहिले नम्रता होती है।
नीतिवचन 16 : 19
19 घमण्डियों के संग लूट बांट लेने से, दीन लोगों के संग नम्र भाव से रहना उत्तम है।
नीतिवचन 22 : 4
4 नम्रता और यहोवा के भय मानने का फल धन, महिमा और जीवन होता है।
नीतिवचन 25 : 7
7 क्योंकि जिस प्रधान का तू ने दर्शन किया हो उसके साम्हने तेरा अपमान न हो, वरन तुझ से यह कहा जाए, आगे बढ़ कर विराज॥
नीतिवचन 27 : 2
2 तेरी प्रशंसा और लोग करें तो करें, परन्तु तू आप न करना; दूसरा तूझे सराहे तो सराहे, परन्तु तू अपनी सराहना न करना।
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