ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं रोग
3 यूहन्ना 1 : 2
2 हे प्रिय, मेरी यह प्रार्थना है; कि जैसे तू आत्मिक उन्नति कर रहा है, वैसे ही तू सब बातों मे उन्नति करे, और भला चंगा रहे।
रोमियो 5 : 3 – 4
3 केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज।
4 ओर धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है।
यिर्मयाह 29 : 11
11 क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानी की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा।
प्रकाशित वाक्य 21 : 4
4 और वह उन की आंखोंसे सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं।
2 कुरिन्थियों 4 : 17
17 क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है।
यूहन्ना 9 : 1 – 7
1 फिर जाते हुए उस ने एक मनुष्य को देखा, जो जन्म का अन्धा था।
2 और उसके चेलों ने उस से पूछा, हे रब्बी, किस ने पाप किया था कि यह अन्धा जन्मा, इस मनुष्य ने, या उसके माता पिता ने?
3 यीशु ने उत्तर दिया, कि न तो इस ने पाप किया था, न इस के माता पिता ने: परन्तु यह इसलिये हुआ, कि परमेश्वर के काम उस में प्रगट हों।
4 जिस ने मुझे भेजा है; हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है: वह रात आनेवाली है जिस में कोई काम नहीं कर सकता।
5 जब तक मैं जगत में हूं, तब तक जगत की ज्योति हूं।
6 यह कहकर उस ने भूमि पर थूका और उस थूक से मिट्टी सानी, और वह मिट्टी उस अन्धे की आंखों पर लगाकर।
7 उस से कहा; जा शीलोह के कुण्ड में धो ले, (जिस का अर्थ भेजा हुआ है) सो उस ने जाकर धोया, और देखता हुआ लौट आया।
1 पतरस 2 : 24
24 वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिए हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए।
रोमियो 1 : 11 – 12
11 क्योंकि मैं तुम से मिलने की लालसा करता हूं, कि मैं तुम्हें कोई आत्मिक वरदान दूं जिस से तुम स्थिर हो जाओ।
12 अर्थात यह, कि मैं तुम्हारे बीच में होकर तुम्हारे साथ उस विश्वास के द्वारा जो मुझ में, और तुम में है, शान्ति पाउं।
यशायाह 40 : 29 – 31
29 वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है।
30 तरूण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं;
31 परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे॥
लूका 10 : 9
9 वहां के बीमारों को चंगा करो: और उन से कहो, कि परमेश्वर का राज्य तुम्हारे निकट आ पहुंचा है।
मत्ती 4 : 24
24 और सारे सूरिया में उसका यश फैल गया; और लोग सब बीमारों को, जो नाना प्रकार की बीमारियों और दुखों में जकड़े हुए थे, और जिन में दुष्टात्माएं थीं और मिर्गी वालों और झोले के मारे हुओं को उसके पास लाए और उस ने उन्हें चंगा किया।
लूका 9 : 1
1 फिर उस ने बारहों को बुलाकर उन्हें सब दुष्टात्माओं और बिमारियों को दूर करने की सामर्थ और अधिकार दिया।
निर्गमन 4 : 10 – 12
10 मूसा ने यहोवा से कहा, हे मेरे प्रभु, मैं बोलने में निपुण नहीं, न तो पहिले था, और न जब से तू अपने दास से बातें करने लगा; मैं तो मुंह और जीभ का भद्दा हूं।
11 यहोवा ने उससे कहा, मनुष्य का मुंह किस ने बनाया है? और मनुष्य को गूंगा, वा बहिरा, वा देखने वाला, वा अन्धा, मुझ यहोवा को छोड़ कौन बनाता है?
12 अब जा, मैं तेरे मुख के संग हो कर जो तुझे कहना होगा वह तुझे सिखलाता जाऊंगा।
याकूब 5 : 14 – 15
14 यदि तुम में कोई रोगी हो, तो कलीसिया के प्राचीनों को बुलाए, और वे प्रभु के नाम से उस पर तेल मल कर उसके लिये प्रार्थना करें।
15 और विश्वास की प्रार्थना के द्वारा रोगी बच जाएगा और प्रभु उस को उठा कर खड़ा करेगा; और यदि उस ने पाप भी किए हों, तो उन की भी क्षमा हो जाएगी।
यशायाह 53 : 5
5 परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं।
मत्ती 4 : 23
23 और यीशु सारे गलील में फिरता हुआ उन की सभाओं में उपदेश करता और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और लोगों की हर प्रकार की बीमारी और दुर्बल्ता को दूर करता रहा।
मत्ती 8 : 16
16 जब संध्या हुई तब वे उसके पास बहुत से लोगों को लाए जिन में दुष्टात्माएं थीं और उस ने उन आत्माओं को अपने वचन से निकाल दिया, और सब बीमारों को चंगा किया।
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