यीशु का दूसरा आगमन

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं यीशु का दूसरा आगमन

1 थिस्सलुनीकियों 4 : 16 – 17
16 क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा; उस समय ललकार, और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा, और परमेश्वर की तुरही फूंकी जाएगी, और जो मसीह में मरे हैं, वे पहिले जी उठेंगे।
17 तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे, उन के साथ बादलों पर उठा लिए जाएंगे, कि हवा में प्रभु से मिलें, और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे।

इब्रानियों 9 : 28
28 वैसे ही मसीह भी बहुतों के पापों को उठा लेने के लिये एक बार बलिदान हुआ और जो लोग उस की बाट जोहते हैं, उन के उद्धार के लिये दूसरी बार बिना पाप के दिखाई देगा॥

2 पतरस 3 : 10
10 परन्तु प्रभु का दिन चोर की नाईं आ जाएगा, उस दिन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट के शब्द से जाता रहेगा, और तत्व बहुत ही तप्त होकर पिघल जाएंगे, और पृथ्वी और उस पर के काम जल जाऐंगे।

प्रकाशित वाक्य 1 : 7
7 देखो, वह बादलों के साथ आने वाला है; और हर एक आंख उसे देखेगी, वरन जिन्हों ने उसे बेधा था, वे भी उसे देखेंगे, और पृथ्वी के सारे कुल उसके कारण छाती पीटेंगे। हां। आमीन॥

यूहन्ना 14 : 3
3 और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो।

यूहन्ना 14 : 1 – 3
1 तुम्हारा मन व्याकुल न हो, तुम परमेश्वर पर विश्वास रखते हो मुझ पर भी विश्वास रखो।
2 मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं।
3 और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो।

मत्ती 24 : 44
44 इसलिये तुम भी तैयार रहो, क्योंकि जिस घड़ी के विषय में तुम सोचते भी नहीं हो, उसी घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा।

प्रेरितों के काम 1 : 10 – 11
10 और उसके जाते समय जब वे आकाश की ओर ताक रहे थे, तो देखो, दो पुरूष श्वेत वस्त्र पहिने हुए उन के पास आ खड़े हुए।
11 और कहने लगे; हे गलीली पुरूषों, तुम क्यों खड़े स्वर्ग की ओर देख रहे हो? यही यीशु, जो तुम्हारे पास से स्वर्ग पर उठा लिया गया है, जिस रीति से तुम ने उसे स्वर्ग को जाते देखा है उसी रीति से वह फिर आएगा॥

मत्ती 24 : 36
36 उस दिन और उस घड़ी के विषय में कोई नहीं जानता, न स्वर्ग के दूत, और न पुत्र, परन्तु केवल पिता।

मत्ती 25 : 1 – 13
1 तब स्वर्ग का राज्य उन दस कुंवारियों के समान होगा जो अपनी मशालें लेकर दूल्हे से भेंट करने को निकलीं।
2 उन में पांच मूर्ख और पांच समझदार थीं।
3 मूर्खों ने अपनी मशालें तो लीं, परन्तु अपने साथ तेल नहीं लिया।
4 परन्तु समझदारों ने अपनी मशालों के साथ अपनी कुप्पियों में तेल भी भर लिया।
5 जब दुल्हे के आने में देर हुई, तो वे सब ऊंघने लगीं, और सो गई।
6 आधी रात को धूम मची, कि देखो, दूल्हा आ रहा है, उस से भेंट करने के लिये चलो।
7 तब वे सब कुंवारियां उठकर अपनी मशालें ठीक करने लगीं।
8 और मूर्खों ने समझदारों से कहा, अपने तेल में से कुछ हमें भी दो, क्योंकि हमारी मशालें बुझी जाती हैं।
9 परन्तु समझदारों ने उत्तर दिया कि कदाचित हमारे और तुम्हारे लिये पूरा न हो; भला तो यह है, कि तुम बेचने वालों के पास जाकर अपने लिये मोल ले लो।
10 जब वे मोल लेने को जा रही थीं, तो दूल्हा आ पहुंचा, और जो तैयार थीं, वे उसके साथ ब्याह के घर में चलीं गई और द्वार बन्द किया गया।
11 इसके बाद वे दूसरी कुंवारियां भी आकर कहने लगीं, हे स्वामी, हे स्वामी, हमारे लिये द्वार खोल दे।
12 उस ने उत्तर दिया, कि मैं तुम से सच कहता हूं, मैं तुम्हें नहीं जानता।
13 इसलिये जागते रहो, क्योंकि तुम न उस दिन को जानते हो, न उस घड़ी को॥

लूका 21 : 34 – 36
34 इसलिये सावधान रहो, ऐसा न हो कि तुम्हारे मन खुमार और मतवालेपन, और इस जीवन की चिन्ताओं से सुस्त हो जाएं, और वह दिन तुम पर फन्दे की नाईं अचानक आ पड़े।
35 क्योंकि वह सारी पृथ्वी के सब रहने वालों पर इसी प्रकार आ पड़ेगा।
36 इसलिये जागते रहो और हर समय प्रार्थना करते रहो कि तुम इन सब आने वाली घटनाओं से बचने, और मनुष्य के पुत्र के साम्हने खड़े होने के योग्य बनो॥

प्रेरितों के काम 1 : 11
11 और कहने लगे; हे गलीली पुरूषों, तुम क्यों खड़े स्वर्ग की ओर देख रहे हो? यही यीशु, जो तुम्हारे पास से स्वर्ग पर उठा लिया गया है, जिस रीति से तुम ने उसे स्वर्ग को जाते देखा है उसी रीति से वह फिर आएगा॥

प्रकाशित वाक्य 20 : 11 – 15
11 फिर मैं ने एक बड़ा श्वेत सिंहासन और उस को जो उस पर बैठा हुआ है, देखा, जिस के साम्हने से पृथ्वी और आकाश भाग गए, और उन के लिये जगह न मिली।
12 फिर मैं ने छोटे बड़े सब मरे हुओं को सिंहासन के साम्हने खड़े हुए देखा, और पुस्तकें खोली गई; और फिर एक और पुस्तक खोली गई; और फिर एक और पुस्तक खोली गई, अर्थात जीवन की पुस्तक; और जैसे उन पुस्तकों में लिखा हुआ था, उन के कामों के अनुसार मरे हुओं का न्याय किया गया।
13 और समुद्र ने उन मरे हुओं को जो उस में थे दे दिया, और मृत्यु और अधोलोक ने उन मरे हुओं को जो उन में थे दे दिया; और उन में से हर एक के कामों के अनुसार उन का न्याय किया गया।
14 और मृत्यु और अधोलोक भी आग की झील में डाले गए; यह आग की झील तो दूसरी मृत्यु है।
15 और जिस किसी का नाम जीवन की पुस्तक में लिखा हुआ न मिला, वह आग की झील में डाला गया॥

यूहन्ना 6 : 39 – 40
39 और मेरे भेजने वाले की इच्छा यह है कि जो कुछ उस ने मुझे दिया है, उस में से मैं कुछ न खोऊं परन्तु उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊं।
40 क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊंगा।

प्रकाशित वाक्य 14 : 6 – 15
6 फिर मैं ने एक और स्वर्गदूत को आकाश के बीच में उड़ते हुए देखा जिस के पास पृथ्वी पर के रहने वालों की हर एक जाति, और कुल, और भाषा, और लोगों को सुनाने के लिये सनातन सुसमाचार था।
7 और उस ने बड़े शब्द से कहा; परमेश्वर से डरो; और उस की महिमा करो; क्योंकि उसके न्याय करने का समय आ पहुंचा है, और उसका भजन करो, जिस ने स्वर्ग और पृथ्वी और समुद्र और जल के सोते बनाए॥
8 फिर इस के बाद एक और दूसरा स्वर्गदूत यह कहता हुआ आया, कि गिर पड़ा, वह बड़ा बाबुल गिर पड़ा जिस ने अपने व्यभिचार की कोपमय मदिरा सारी जातियों को पिलाई है॥
9 फिर इन के बाद एक और स्वर्गदूत बड़े शब्द से यह कहता हुआ आया, कि जो कोई उस पशु और उस की मूरत की पूजा करे, और अपने माथे या अपने हाथ पर उस की छाप ले।
10 तो वह परमेश्वर का प्रकोप की निरी मदिरा जो उसके क्रोध के कटोरे में डाली गई है, पीएगा और पवित्र स्वर्गदूतों के साम्हने, और मेम्ने के साम्हने आग और गन्धक की पीड़ा में पड़ेगा।
11 और उन की पीड़ा का धुआं युगानुयुग उठता रहेगा, और जो उस पशु और उस की मूरत की पूजा करते हैं, और जो उसके नाम की छाप लेते हैं, उन को रात दिन चैन न मिलेगा।
12 पवित्र लोगों का धीरज इसी में है, जो परमेश्वर की आज्ञाओं को मानते, और यीशु पर विश्वास रखते हैं॥
13 और मैं ने स्वर्ग से यह शब्द सुना, कि लिख; जो मुरदे प्रभु में मरते हैं, वे अब से धन्य हैं, आत्मा कहता है, हां क्योंकि वे अपने परिश्र्मों से विश्राम पाएंगे, और उन के कार्य उन के साथ हो लेते हैं॥
14 और मैं ने दृष्टि की, और देखो, एक उजला बादल है, और उस बादल पर मनुष्य के पुत्र सरीखा कोई बैठा है, जिस के सिर पर सोने का मुकुट और हाथ में चोखा हंसुआ है।
15 फिर एक और स्वर्गदूत ने मन्दिर में से निकल कर, उस से जो बादल पर बैठा था, बड़े शब्द से पुकार कर कहा, कि अपना हंसुआ लगा कर लवनी कर, क्योंकि लवने का समय आ पंहुचा है, इसलिये कि पृथ्वी की खेती पक चुकी है।

यशायाह 1 : 1 – 31
1 आमोस के पुत्र यशायाह का दर्शन, जिस को उसने यहूदा और यरूशलेम के विषय में उज्जियाह, योताम, आहाज, और हिजकिय्याह नाम यहूदा के राजाओं के दिनों में पाया।
2 हे स्वर्ग सुन, और हे पृथ्वी कान लगा; क्योंकि यहोवा कहता है: मैं ने बाल-बच्चों का पालन पोषण किया, और उन को बढ़ाया भी, परन्तु उन्होंने मुझ से बलवा किया।
3 बैल तो अपने मालिक को और गदहा अपने स्वामी की चरनी को पहिचानता है, परन्तु इस्राएल मुझें नहीं जानता, मेरी प्रजा विचार नहीं करती॥
4 हाय, यह जाति पाप से कैसी भरी है! यह समाज अधर्म से कैसा लदा हुआ है! इस वंश के लोग कैसे कुकर्मी हैं, ये लड़के-बाले कैसे बिगड़े हुए हैं! उन्होंने यहोवा को छोड़ दिया, उन्होंने इस्राएल के पवित्र को तुच्छ जाना है! वे पराए बनकर दूर हो गए हैं॥
5 तुम बलवा कर कर के क्यों अधिक मार खाना चाहते हो? तुम्हारा सिर घावों से भर गया, और तुम्हारा हृदय दु:ख से भरा है।
6 नख से सिर तक कहीं भी कुछ आरोग्यता नहीं, केवल चोट और कोड़े की मार के चिन्ह और सड़े हुए घाव हैं जो न दबाये गए, न बान्धे गए, न तेल लगा कर नरमाये गए हैं॥
7 तुम्हारा देश उजड़ा पड़ा है, तुम्हारे नगर भस्म हो गए हैं; तुम्हारे खेतों को परदेशी लोग तुम्हारे देखते ही निगल रहे हैं; वह परदेशियों से नाश किए हुए देश के समान उजाड़ है।
8 और सिय्योन की बेटी दाख की बारी में की झोंपड़ी की नाईं छोड़ दी गई है, वा ककड़ी के खेत में की छपरिया या घिरे हुए नगर के समान अकेली खड़ी है।
9 यदि सेनाओं का यहोवा हमारे थोड़े से लोगों को न बचा रखता, तो हम सदोम के समान हो जाते, और अमोरा के समान ठहरते॥
10 हे सदोम के न्याइयों, यहोवा का वचन सुनो! हे अमोरा की प्रजा, हमारे परमेश्वर की शिक्षा पर कान लगा।
11 यहोवा यह कहता है, तुम्हारे बहुत से मेलबलि मेरे किस काम के हैं? मैं तो मेढ़ों के होमबलियों से और पाले हुए पशुओं की चर्बी से अघा गया हूं;
12 मैं बछड़ों वा भेड़ के बच्चोंवा बकरों के लोहू से प्रसन्न नहीं होता॥ तुम जब अपने मुंह मुझे दिखाने के लिये आते हो, तब यह कौन चाहता है कि तुम मेरे आंगनों को पांव से रौंदो?
13 व्यर्थ अन्नबलि फिर मत लाओ; धूप से मुझे घृणा है। नये चांद और विश्रामदिन का मानना, और सभाओं का प्रचार करना, यह मुझे बुरा लगता है। महासभा के साथ ही साथ अनर्थ काम करना मुझ से सहा नहीं जाता।
14 तुम्हारे नये चांदों और नियत पर्वों के मानने से मैं जी से बैर रखता हूं; वे सब मुझे बोझ से जान पड़ते हैं, मैं उन को सहते सहते उकता गया हूं।
15 जब तुम मेरी ओर हाथ फैलाओ, तब मैं तुम से मुंह फेर लूंगा; तुम कितनी ही प्रार्थना क्यों न करो, तौभी मैं तुम्हारी न सुनूंगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से भरे हैं।
16 अपने को धोकर पवित्र करो: मेरी आंखों के साम्हने से अपने बुरे कामों को दूर करो; भविष्य में बुराई करना छोड़ दो,
17 भलाई करना सीखो; यत्न से न्याय करो, उपद्रवी को सुधारो; अनाथ का न्याय चुकाओ, विधवा का मुकद्दमा लड़ो॥
18 यहोवा कहता है, आओ, हम आपस में वादविवाद करें: तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तौभी वे हिम की नाईं उजले हो जाएंगे; और चाहे अर्गवानी रंग के हों, तौभी वे ऊन के समान श्वेत हो जाएंगे।
19 यदि तुम आज्ञाकारी हो कर मेरी मानो,
20 तो इस देश के उत्तम से उत्तम पदार्थ खाओगे; और यदि तुम ना मानो और बलवा करो, तो तलवार से मारे जाओगे; यहोवा का यही वचन है॥
21 जो नगरी सती थी सो क्योंकर व्यभिचारिन हो गई! वह न्याय से भरी थी और उस में धर्म पाया जाता था, परन्तु अब उस में हत्यारे ही पाए जाते हैं। तेरी चान्दी घातु का मैल हो गई,
22 तेरे दाखमधु में पानी मिल गया है।
23 तेरे हाकिम हठीले और चोरों से मिले हैं। वे सब के सब घूस खाने वाले और भेंट के लालची हैं। वे अनाथ का न्याय नहीं करते, और न विधवा का मुकद्दमा अपने पास आने देते हैं।
24 इस कारण प्रभु सेनाओं के यहोवा, इस्राएल के शक्तिमान की यह वाणी है: सुनो, मैं अपने शत्रुओं को दूर कर के शान्ति पाऊंगा, और अपने बैरियों से पलटा लूंगा।
25 और मैं तुम पर हाथ बढ़ाकर तुम्हारा धातु का मैल पूरी रीति से भस्म करूंगा, और तुम्हारा रांग पूरी रीति से दूर करूंगा।
26 और मैं तुम में पहिले की नाईं न्यायी और आदि काल के समान मंत्री फिर नियुक्त करूंगा। उसके बाद तू धर्मपुरी और सती नगरी कहलाएगी॥
27 सिय्योन न्याय के द्वारा, और जो उस में फिरेंगे वे धर्म के द्वारा छुड़ा लिए जाएंगे।
28 परन्तु बलवाइयों और पापियों का एक संग नाश होगा, और जिन्होंने यहोवा को त्यागा है, उनका अन्त हो जाएगा।
29 क्योंकि जिन बांज वृक्षों से तुम प्रीति रखते थे, उन से वे लज्जित होंगे, और जिन बारियों से तुम प्रसन्न रहते थे, उसके कारण तुम्हारे मुंह काले होंगे।
30 क्योंकि तुम पत्ते मुर्झाए हुए बांजवृझ के, और बिना जल की बारी के समान हो जाओगे।
31 और बलवान तो सन और उसका काम चिंगारी बनेगा, और दोनों एक साथ जलेंगे, और कोई बुझाने वाला न होगा॥

मत्ती 16 : 27
27 मनुष्य का पुत्र अपने स्वर्गदूतों के साथ अपने पिता की महिमा में आएगा, और उस समय वह हर एक को उसके कामों के अनुसार प्रतिफल देगा।

तीतुस 2 : 13
13 और उस धन्य आशा की अर्थात अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने की बाट जोहते रहें।

प्रकाशित वाक्य 1 : 1 – 232

1 यीशु मसीह का प्रकाशितवाक्य जो उसे परमेश्वर ने इसलिये दिया, कि अपने दासों को वे बातें, जिन का शीघ्र होना अवश्य है, दिखाए: और उस ने अपने स्वर्गदूत को भेज कर उसके द्वारा अपने दास यूहन्ना को बताया।
2 जिस ने परमेश्वर के वचन और यीशु मसीह की गवाही, अर्थात जो कुछ उस ने देखा था उस की गवाही दी।
3 धन्य है वह जो इस भविष्यद्वाणी के वचन को पढ़ता है, और वे जो सुनते हैं और इस में लिखी हुई बातों को मानते हैं, क्योंकि समय निकट आया है॥
4 यूहन्ना की ओर से आसिया की सात कलीसियाओं के नाम: उस की ओर से जो है, और जो था, और जो आने वाला है; और उन सात आत्माओं की ओर से, जो उसके सिंहासन के साम्हने हैं।
5 और यीशु मसीह की ओर से, जो विश्वासयोग्य साक्षी और मरे हुओं में से जी उठने वालों में पहिलौठा, और पृथ्वी के राजाओं का हाकिम है, तुम्हें अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे: जो हम से प्रेम रखता है, और जिस ने अपने लोहू के द्वारा हमें पापों से छुड़ाया है।
6 और हमें एक राज्य और अपने पिता परमेश्वर के लिये याजक भी बना दिया; उसी की महिमा और पराक्रम युगानुयुग रहे। आमीन।
7 देखो, वह बादलों के साथ आने वाला है; और हर एक आंख उसे देखेगी, वरन जिन्हों ने उसे बेधा था, वे भी उसे देखेंगे, और पृथ्वी के सारे कुल उसके कारण छाती पीटेंगे। हां। आमीन॥
8 प्रभु परमेश्वर वह जो है, और जो था, और जो आने वाला है; जो सर्वशक्तिमान है: यह कहता है, कि मैं ही अल्फा और ओमेगा हूं॥
9 मैं यूहन्ना जो तुम्हारा भाई, और यीशु के क्लेश, और राज्य, और धीरज में तुम्हारा सहभागी हूं, परमेश्वर के वचन, और यीशु की गवाही के कारण पतमुस नाम टापू में था।
10 कि मैं प्रभु के दिन आत्मा में आ गया, और अपने पीछे तुरही का सा बड़ा शब्द यह कहते सुना।
11 कि जो कुछ तू देखता है, उसे पुस्तक में लिख कर सातों कलीसियाओं के पास भेज दे, अर्थात इफिसुस और स्मुरना, और पिरगमुन, और थुआतीरा, और सरदीस, और फिलेदिलफिया, और लौदीकिया में।
12 और मैं ने उसे जो मुझ से बोल रहा था; देखने के लिये अपना मुंह फेरा; और पीछे घूम कर मैं ने सोने की सात दीवटें देखीं।
13 और उन दीवटों के बीच में मनुष्य के पुत्र सरीखा एक पुरूष को देखा, जो पांवों तक का वस्त्र पहिने, और छाती पर सुनहला पटुका बान्धे हुए था।
14 उसके सिर और बाल श्वेत ऊन वरन पाले के से उज्ज़वल थे; और उस की आंखे आग की ज्वाला की नाईं थी।
15 और उसके पांव उत्तम पीतल के समान थे जो मानो भट्टी में तपाए गए हों; और उसका शब्द बहुत जल के शब्द की नाईं था।
16 और वह अपने दाहिने हाथ में सात तारे लिए हुए था: और उसके मुख से चोखी दोधारी तलवार निकलती थी; और उसका मुंह ऐसा प्रज्वलित था, जैसा सूर्य कड़ी धूप के समय चमकता है।
17 जब मैं ने उसे देखा, तो उसके पैरों पर मुर्दा सा गिर पड़ा और उस ने मुझ पर अपना दाहिना हाथ रख कर यह कहा, कि मत डर; मैं प्रथम और अन्तिम और जीवता हूं।
18 मैं मर गया था, और अब देख; मैं युगानुयुग जीवता हूं; और मृत्यु और अधोलोक की कुंजियां मेरे ही पास हैं।
19 इसलिये जो बातें तू ने देखीं हैं और जो बातें हो रही हैं; और जो इस के बाद होने वाली हैं, उन सब को लिख ले।
20 अर्थात उन सात तारों का भेद जिन्हें तू ने मेरे दाहिने हाथ में देखा था, और उन सात सोने की दीवटों का भेद: वे सात तारे सातों कलीसियाओं के दूत हैं, और वे सात दीवट सात कलीसियाएं हैं॥

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