ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं मौसम विज्ञान और खगोलीय घटनाएँ
उत्पत्ति 2 : 6
6 तौभी कोहरा पृथ्वी से उठता था जिस से सारी भूमि सिंच जाती थी
उत्पत्ति 27 : 39
39 उसके पिता इसहाक ने उससे कहा, सुन, तेरा निवास उपजाऊ भूमि पर हो, और ऊपर से आकाश की ओस उस पर पड़े॥
अय्यूब 9 : 7
7 उसकी आज्ञा बिना सूर्य उदय होता ही नहीं; और वह तारों पर मुहर लगाता है;
अय्यूब 26 : 8
8 वह जल को अपनी काली घटाओं में बान्ध रखता, और बादल उसके बोझ से नहीं फटता।
अय्यूब 26 : 11
11 उसकी घुड़की से आकाश के खम्भे थरथरा कर चकित होते हैं।
अय्यूब 27 : 21
21 पुरवाई उसे ऐसा उड़ा ले जाएगी, और वह जाता रहेगा और उसको उसके स्थान से उड़ा ले जाएगी।
अय्यूब 28 : 27
27 तब उसने बुद्धि को देखकर उसका बखान भी किया, और उसको सिद्ध कर के उसका पूरा भेद बूझ लिया।
अय्यूब 29 : 19
19 मेरी जड़ जल की ओर फैली, और मेरी डाली पर ओस रात भर पड़ी,
अय्यूब 36 : 33
33 इसकी कड़क उसी का समाचार देती है पशु भी प्रगट करते हैं कि अन्धड़ चढ़ा आता है।
अय्यूब 37 : 22
22 उत्तर दिशा से सुनहली ज्योति आती है ईश्वर भययोग्य तेज से आभूषित है।
अय्यूब 38 : 11
11 यहीं तक आ, और आगे न बढ़, और तेरी उमंडने वाली लहरें यहीं थम जाएं?
अय्यूब 38 : 22
22 फिर क्या तू कभी हिम के भणडार में पैठा, वा कभी ओलों के भणडार को तू ने देखा है,
अय्यूब 38 : 29
29 किस के गर्भ से बर्फ निकला है, और आकाश से गिरे हुए पाले को कौन उत्पन्न करता है?
अय्यूब 38 : 35
35 क्या तू बिजली को आज्ञा दे सकता है, कि वह जाए, और तुझ से कहे, मैं उपस्थित हूँ?
अय्यूब 38 : 37
37 कौन बुद्धि से बादलों को गिन सकता है? और कौन आकाश के कुप्पों को उण्डेल सकता है,
भजन संहिता 18 : 15
15 तब जल के नाले देख पड़े, और जगत की नेवें प्रगट हुई, यह तो यहोवा तेरी डांट से, और तेरे नथनों की सांस की झोंक से हुआ॥
भजन संहिता 19 : 6
6 वह आकाश की एक छोर से निकलता है, और वह उसकी दूसरी छोर तक चक्कर मारता है; और उसकी गर्मी सब को पहुंचती है॥
भजन संहिता 29 : 10
10 जलप्रलय के समय यहोवा विराजमान था; और यहोवा सर्वदा के लिये राजा होकर विराजमान रहता है।
भजन संहिता 65 : 12
12 वे जंगल की चराइयों में पाए जाते हैं; और पहाड़ियां हर्ष का फेंटा बान्धे हुए है॥
भजन संहिता 104 : 3
3 जो अपनी अटारियों की कड़ियां जल में धरता है, और मेघों को अपना रथ बनाता है, और पवन के पंखों पर चलता है,
भजन संहिता 104 : 7
7 तेरी घुड़की से वह भाग गया; तेरे गरजने का शब्द सुनते ही, वह उतावली करके बह गया।
भजन संहिता 104 : 13
13 तू अपनी अटारियों में से पहाड़ों को सींचता है तेरे कामों के फल से पृथ्वी तृप्त रहती है॥
भजन संहिता 104 : 20
20 तू अन्धकार करता है, तब रात हो जाती है; जिस में वन के सब जीव जन्तु घूमते फिरते हैं।
भजन संहिता 147 : 8
8 वह आकाश को मेघों से छा देता है, और पृथ्वी के लिये मेंह की तैयारी करता है, और पहाड़ों पर घास उगाता है।
भजन संहिता 148 : 8
8 हे अग्नि और ओलो, हे हिम और कुहरे, हे उसका वचन मानने वाली प्रचण्ड बयार!
नीतिवचन 25 : 23
23 जैसे उत्तरीय वायु वर्षा को लाती है, वैसे ही चुगली करने से मुख पर क्रोध छा जाता है।
Leave a Reply