मुश्किलें

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं मुश्किलें

याकूब 1 : 12
12 धन्य है वह मनुष्य, जो परीक्षा में स्थिर रहता है; क्योंकि वह खरा निकल कर जीवन का वह मुकुट पाएगा, जिस की प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम करने वालों को दी है।

भजन संहिता 34 : 17 – 20
17 धर्मी दोहाई देते हैं और यहोवा सुनता है, और उन को सब विपत्तियों से छुड़ाता है।
18 यहोवा टूटे मन वालों के समीप रहता है, और पिसे हुओं का उद्धार करता है॥
19 धर्मी पर बहुत सी विपत्तियां पड़ती तो हैं, परन्तु यहोवा उसको उन सब से मुक्त करता है।
20 वह उसकी हड्डी हड्डी की रक्षा करता है; और उन में से एक भी टूटने नहीं पाती।

2 कुरिन्थियों 1 : 4
4 वह हमारे सब क्लेशों में शान्ति देता है; ताकि हम उस शान्ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्लेश में हों।

फिलिप्पियों 4 : 19
19 और मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा।

भजन संहिता 34 : 1 – 22
1 मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा करूंगा; उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी।
2 मैं यहोवा पर घमण्ड करूंगा; नम्र लोग यह सुनकर आनन्दित होंगे।
3 मेरे साथ यहोवा की बड़ाई करो, और आओ हम मिलकर उसके नाम की स्तुति करें।
4 मैं यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया।
5 जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की उन्होंने ज्योति पाई; और उनका मुंह कभी काला न होने पाया।
6 इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया॥
7 यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत छावनी किए हुए उन को बचाता है।
8 परखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है।
9 हे यहोवा के पवित्र लोगो, उसका भय मानो, क्योंकि उसके डरवैयों को किसी बात की घटी नहीं होती!
10 जवान सिंहों तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं; परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होवेगी॥
11 हे लड़कों, आओ, मेरी सुनो, मैं तुम को यहोवा का भय मानना सिखाऊंगा।
12 वह कौन मनुष्य है जो जीवन की इच्छा रखता, और दीर्घायु चाहता है ताकि भलाई देखे?
13 अपनी जीभ को बुराई से रोक रख, और अपने मुंह की चौकसी कर कि उससे छल की बात न निकले।
14 बुराई को छोड़ और भलाई कर; मेल को ढूंढ और उसी का पीछा कर॥
15 यहोवा की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान भी उसकी दोहाई की ओर लगे रहते हैं।
16 यहोवा बुराई करने वालों के विमुख रहता है, ताकि उनका स्मरण पृथ्वी पर से मिटा डाले।
17 धर्मी दोहाई देते हैं और यहोवा सुनता है, और उन को सब विपत्तियों से छुड़ाता है।
18 यहोवा टूटे मन वालों के समीप रहता है, और पिसे हुओं का उद्धार करता है॥
19 धर्मी पर बहुत सी विपत्तियां पड़ती तो हैं, परन्तु यहोवा उसको उन सब से मुक्त करता है।
20 वह उसकी हड्डी हड्डी की रक्षा करता है; और उन में से एक भी टूटने नहीं पाती।
21 दुष्ट अपनी बुराई के द्वारा मारा जाएगा; और धर्मी के बैरी दोषी ठहरेंगे।
22 यहोवा अपने दासों का प्राण मोल लेकर बचा लेता है; और जितने उसके शरणागत हैं उन में से कोई भी दोषी न ठहरेगा॥

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