मानव अधिकार

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं मानव अधिकार

नीतिवचन 31 : 8 – 9
8 गूंगे के लिये अपना मुंह खोल, और सब अनाथों का न्याय उचित रीति से किया कर।
9 अपना मुंह खोल और धर्म से न्याय कर, और दीन दरिद्रों का न्याय कर।

भजन संहिता 82 : 3
3 कंगाल और अनाथों का न्याय चुकाओ, दीन दरिद्र का विचार धर्म से करो।

यशायाह 1 : 17
17 भलाई करना सीखो; यत्न से न्याय करो, उपद्रवी को सुधारो; अनाथ का न्याय चुकाओ, विधवा का मुकद्दमा लड़ो॥

गलातियों 3 : 28
28 अब न कोई यहूदी रहा और न यूनानी; न कोई दास, न स्वतंत्र; न कोई नर, न नारी; क्योंकि तुम सब मसीह यीशु में एक हो।

मीका 6 : 8
8 हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है; और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले?

उत्पत्ति 1 : 26
26 फिर परमेश्वर ने कहा, हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगने वाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें।

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