माता-पिता और बच्चे

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं माता-पिता और बच्चे

इफिसियों 6 : 1 – 4
1 हे बालकों, प्रभु में अपने माता पिता के आज्ञाकारी बनो, क्योंकि यह उचित है।
2 अपनी माता और पिता का आदर कर (यह पहिली आज्ञा है, जिस के साथ प्रतिज्ञा भी है)।
3 कि तेरा भला हो, और तू धरती पर बहुत दिन जीवित रहे।
4 और हे बच्चे वालों अपने बच्चों को रिस न दिलाओ परन्तु प्रभु की शिक्षा, और चितावनी देते हुए, उन का पालन-पोषण करो॥

इफिसियों 6 : 4
4 और हे बच्चे वालों अपने बच्चों को रिस न दिलाओ परन्तु प्रभु की शिक्षा, और चितावनी देते हुए, उन का पालन-पोषण करो॥

नीतिवचन 22 : 6
6 लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उस को चलना चाहिये, और वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा।

कुलुस्सियों 3 : 21
21 हे बच्चे वालो, अपने बालकों को तंग न करो, न हो कि उन का साहस टूट जाए।

भजन संहिता 127 : 3
3 देखे, लड़के यहोवा के दिए हुए भाग हैं, गर्भ का फल उसकी ओर से प्रतिफल है।

नीतिवचन 29 : 15
15 छड़ी और डांट से बुद्धि प्राप्त होती है, परन्तु जो लड़का यों ही छोड़ा जाता है वह अपनी माता की लज्जा का कारण होता है।

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