मजाक

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं मजाक

भजन संहिता 1 : 1
1 क्या ही धन्य है वह पुरूष जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता; और न ठट्ठा करने वालों की मण्डली में बैठता है!

2 पतरस 3 : 3 – 7
3 और यह पहिले जान लो, कि अन्तिम दिनों में हंसी ठट्ठा करने वाले आएंगे, जो अपनी ही अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे।
4 और कहेंगे, उसके आने की प्रतिज्ञा कहां गई? क्योंकि जब से बाप-दादे सो गए हैं, सब कुछ वैसा ही है, जैसा सृष्टि के आरम्भ से था?
5 वे तो जान बूझ कर यह भूल गए, कि परमेश्वर के वचन के द्वारा से आकाश प्राचीन काल से वर्तमान है और पृथ्वी भी जल में से बनी और जल में स्थिर है।
6 इन्हीं के द्वारा उस युग का जगत जल में डूब कर नाश हो गया।
7 पर वर्तमान काल के आकाश और पृथ्वी उसी वचन के द्वारा इसलिये रखे हैं, कि जलाए जाएं; और वह भक्तिहीन मनुष्यों के न्याय और नाश होने के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे॥

याकूब 1 : 5
5 पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उस को दी जाएगी।

इब्रानियों 1 : 1 – 14
1 पूर्व युग में परमेश्वर ने बाप दादों से थोड़ा थोड़ा करके और भांति भांति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें कर के।
2 इन दिनों के अन्त में हम से पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उस ने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उस ने सारी सृष्टि रची है।
3 वह उस की महिमा का प्रकाश, और उसके तत्व की छाप है, और सब वस्तुओं को अपनी सामर्थ के वचन से संभालता है: वह पापों को धोकर ऊंचे स्थानों पर महामहिमन के दाहिने जा बैठा।
4 और स्वर्गदूतों से उतना ही उत्तम ठहरा, जितना उस ने उन से बड़े पद का वारिस होकर उत्तम नाम पाया।
5 क्योंकि स्वर्गदूतों में से उस ने कब किसी से कहा, कि तू मेरा पुत्र है, आज तू मुझ से उत्पन्न हुआ? और फिर यह, कि मैं उसका पिता हूंगा, और वह मेरा पुत्र होगा?
6 और जब पहिलौठे को जगत में फिर लाता है, तो कहता है, कि परमेश्वर के सब स्वर्गदूत उसे दण्डवत करें।
7 और स्वर्गदूतों के विषय में यह कहता है, कि वह अपने दूतों को पवन, और अपने सेवकों को धधकती आग बनाता है।
8 परन्तु पुत्र से कहता है, कि हे परमेश्वर तेरा सिंहासन युगानुयुग रहेगा: तेरे राज्य का राजदण्ड न्याय का राजदण्ड है।
9 तू ने धर्म से प्रेम और अधर्म से बैर रखा; इस कारण परमेश्वर तेरे परमेश्वर ने तेरे साथियों से बढ़कर हर्ष रूपी तेल से तुझे अभिषेक किया।
10 और यह कि, हे प्रभु, आदि में तू ने पृथ्वी की नेव डाली, और स्वर्ग तेरे हाथों की कारीगरी है।
11 वे तो नाश हो जाएंगे; परन्तु तू बना रहेगा: और वे सब वस्त्र की नाईं पुराने हो जाएंगे।
12 और तू उन्हें चादर की नाईं लपेटेगा, और वे वस्त्र की नाईं बदल जाएंगे: पर तू वही है और तेरे वर्षों का अन्त न होगा।
13 और स्वर्गदूतों में से उसने किस से कब कहा, कि तू मेरे दाहिने बैठ, जब कि मैं तेरे बैरियों को तेरे पांवों के नीचे की पीढ़ी न कर दूं?
14 क्या वे सब सेवा टहल करने वाली आत्माएं नहीं; जो उद्धार पाने वालों के लिये सेवा करने को भेजी जाती हैं?

मत्ती 13 : 24 – 30
24 उस ने उन्हें एक और दृष्टान्त दिया कि स्वर्ग का राज्य उस मनुष्य के समान है जिस ने अपने खेत में अच्छा बीज बोया।
25 पर जब लोग सो रहे थे तो उसका बैरी आकर गेहूं के बीच जंगली बीज बोकर चला गया।
26 जब अंकुर निकले और बालें लगीं, तो जंगली दाने भी दिखाई दिए।
27 इस पर गृहस्थ के दासों ने आकर उस से कहा, हे स्वामी, क्या तू ने अपने खेत में अच्छा बीज न बोया था फिर जंगली दाने के पौधे उस में कहां से आए?
28 उस ने उन से कहा, यह किसी बैरी का काम है। दासों ने उस से कहा क्या तेरी इच्छा है, कि हम जाकर उन को बटोर लें?
29 उस ने कहा, ऐसा नहीं, न हो कि जंगली दाने के पौधे बटोरते हुए उन के साथ गेहूं भी उखाड़ लो।
30 कटनी तक दोनों को एक साथ बढ़ने दो, और कटनी के समय मैं काटने वालों से कहूंगा; पहिले जंगली दाने के पौधे बटोरकर जलाने के लिये उन के गट्ठे बान्ध लो, और गेहूं को मेरे खत्ते में इकट्ठा करो॥

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