ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं मज़ा करना
सभोपदेशक 2 : 24
24 मनुष्य के लिये खाने-पीने और परिश्रम करते हुए अपने जीव को सुखी रखने के सिवाय और कुछ भी अच्छा नहीं। मैं ने देखा कि यह भी परमेश्वर की ओर से मिलता है।
सभोपदेशक 3 : 13
13 और यह भी परमेश्वर का दान है कि मनुष्य खाए-पीए और अपने सब परिश्रम में सुखी रहे।
सभोपदेशक 3 : 1 – 8
1 हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है।
2 जन्म का समय, और मरन का भी समय; बोने का समय; और बोए हुए को उखाड़ने का भी समय है;
3 घात करने का समय, और चंगा करने का भी समय; ढा देने का समय, और बनाने का भी समय है;
4 रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है;
5 पत्थर फेंकने का समय, और पत्थर बटोरने का भी समय; गल लगाने का समय, और गल लगाने से रूकने का भी समय है;
6 ढूंढ़ने का समय, और खो देने का भी समय; बचा रखने का समय, और फेंक देने का भी समय है;
7 फाड़ने का समय, और सीने का भी समय; चुप रहने का समय, और बोलने का भी समय है;
8 प्रेम का समय, और बैर करने का भी समय; लड़ाई का समय, और मेल का भी समय है।
सभोपदेशक 11 : 9
9 हे जवान, अपनी जवानी में आनन्द कर, और अपनी जवानी के दिनों के मगन रह; अपनी मनमानी कर और अपनी आंखों की दृष्टि के अनुसार चल। परन्तु यह जान रख कि इन सब बातों के विषय में परमेश्वर तेरा न्याय करेगा॥
व्यवस्थाविवरण 12 : 7
7 और वहीं तुम अपने परमेश्वर यहोवा के साम्हने भोजन करना, और अपने अपने घराने समेत उन सब कामों पर, जिन में तुम ने हाथ लगाया हो, और जिन पर तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की आशीष मिली हो, आनन्द करना।
नीतिवचन 15 : 13
13 मन आनन्दित होने से मुख पर भी प्रसन्नता छा जाती है, परन्तु मन के दु:ख से आत्मा निराश होती है।
सभोपदेशक 8 : 15
15 तब मैं ने आनन्द को सराहा, क्योंकि सूर्य के नीचे मनुष्य के लिये खाने-पीने और आनन्द करने को छोड़ और कुछ भी अच्छा नहीं, क्योंकि यही उसके जीवन भर जो परमेश्वर उसके लिये धरती पर ठहराए, उसके परिश्रम में उसके संग बना रहेगा॥
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