ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं बच्चों को दंडित करना
नीतिवचन 23 : 13 – 14
13 लड़के की ताड़ना न छोड़ना; क्योंकि यदि तू उसका छड़ी से मारे, तो वह न मरेगा।
14 तू उसका छड़ी से मार कर उसका प्राण अधोलोक से बचाएगा।
नीतिवचन 22 : 15
15 लड़के के मन में मूढ़ता की गाँठ बन्धी रहती है, परन्तु छड़ी की ताड़ना के द्वारा वह उस से दूर की जाती है।
नीतिवचन 29 : 15
15 छड़ी और डांट से बुद्धि प्राप्त होती है, परन्तु जो लड़का यों ही छोड़ा जाता है वह अपनी माता की लज्जा का कारण होता है।
नीतिवचन 22 : 6
6 लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उस को चलना चाहिये, और वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा।
नीतिवचन 13 : 24
24 जो बेटे पर छड़ी नहीं चलाता वह उसका बैरी है, परन्तु जो उस से प्रेम रखता, वह यत्न से उस को शिक्षा देता है।
इफिसियों 6 : 4
4 और हे बच्चे वालों अपने बच्चों को रिस न दिलाओ परन्तु प्रभु की शिक्षा, और चितावनी देते हुए, उन का पालन-पोषण करो॥
निर्गमन 21 : 17
17 जो अपने पिता वा माता को श्राप दे वह भी निश्चय मार डाला जाए॥
नीतिवचन 29 : 17
17 अपने बेटे की ताड़ना कर, तब उस से तुझे चैन मिलेगा; और तेरा मन सुखी हो जाएगा।
व्यवस्थाविवरण 6 : 6 – 7
6 और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें;
7 और तू इन्हें अपने बाल-बच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना।
व्यवस्थाविवरण 21 : 18 – 21
18 यदि किसी के हठीला और दंगैत बेटा हो, जो अपने माता-पिता की बात न माने, किन्तु ताड़ना देने पर भी उनकी न सुने,
19 तो उसके माता-पिता उसे पकड़कर अपने नगर से बाहर फाटक के निकट नगर के सियानों के पास ले जाएं,
20 और वे नगर के सियानों से कहें, कि हमारा यह बेटा हठीला और दंगैत है, यह हमारी नहीं सुनता; यह उड़ाऊ और पियक्कड़ है।
21 तब उस नगर के सब पुरूष उसको पत्थरवाह करके मार डाले, यों तू अपने मध्य में से ऐसी बुराई को दूर करना, तब सारे इस्राएली सुनकर भय खाएंगे।
दानिय्येल 9 : 24 – 27
24 तेरे लोगों और तेरे पवित्र नगर के लिये सत्तर सप्ताह ठहराए गए हैं कि उनके अन्त तक अपराध का होना बन्द हो, और पापों को अन्त और अधर्म का प्रायश्चित्त किया जाए, और युगयुग की धामिर्कता प्रगट होए; और दर्शन की बात पर और भविष्यवाणी पर छाप दी जाए, और परमपवित्र का अभिषेक किया जाए।
25 सो यह जान और समझ ले, कि यरूशलेम के फिर बसाने की आज्ञा के निकलने से ले कर अभिषिक्त प्रधान के समय तक सात सप्ताह बीतेंगे। फिर बासठ सप्ताहों के बीतने पर चौक और खाई समेत वह नगर कष्ट के समय में फिर बसाया जाएगा।
26 और उन बासठ सप्ताहों के बीतने पर अभिषिक्त पुरूष काटा जाएगा: और उसके हाथ कुछ न लगेगा; और आने वाले प्रधान की प्रजा नगर और पवित्रस्थान को नाश तो करेगी। परन्तु उस प्रधान का अन्त ऐसा होगा जैसा बाढ़ से होता है; तौभी उसके अन्त तक लड़ाई होती रहेगी; क्योंकि उसका उजड़ जाना निश्चय ठाना गया है।
27 और वह प्रधान एक सप्ताह के लिये बहुतों के संग दृढ़ वाचा बान्धेगा, परन्तु आधे सप्ताह के बीतने पर वह मेलबलि और अन्नबलि को बन्द करेगा; और कंगूरे पर उजाड़ने वाली घृणित वस्तुएं दिखाई देंगी और निश्चय से ठनी हुई बात के समाप्त होने तक परमेश्वर का क्रोध उजाड़ने वाले पर पड़ा रहेगा॥
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