ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं पानी को शराब में बदलना
यूहन्ना 2 : 1 – 11
1 फिर तीसरे दिन गलील के काना में किसी का ब्याह था, और यीशु की माता भी वहां थी।
2 और यीशु और उसके चेले भी उस ब्याह में नेवते गए थे।
3 जब दाखरस घट गया, तो यीशु की माता ने उस से कहा, कि उन के पास दाखरस नहीं रहा।
4 यीशु ने उस से कहा, हे महिला मुझे तुझ से क्या काम? अभी मेरा समय नहीं आया।
5 उस की माता ने सेवकों से कहा, जो कुछ वह तुम से कहे, वही करना।
6 वहां यहूदियों के शुद्ध करने की रीति के अनुसार पत्थर के छ: मटके धरे थे, जिन में दो दो, तीन तीन मन समाता था।
7 यीशु ने उन से कहा, मटकों में पानी भर दो: सो उन्हों ने मुँहामुँह भर दिया।
8 तब उस ने उन से कहा, अब निकालकर भोज के प्रधान के पास ले आओ।
9 वे ले गए, जब भोज के प्रधान ने वह पानी चखा, जो दाखरस बन गया था, और नहीं जानता था, कि वह कहां से आया हे, ( परन्तु जिन सेवकों ने पानी निकाला था, वे जानते थे) तो भोज के प्रधान ने दूल्हे को बुलाकर, उस से कहा।
10 हर एक मनुष्य पहिले अच्छा दाखरस देता है और जब लोग पीकर छक जाते हैं, तब मध्यम देता है; परन्तु तू ने अच्छा दाखरस अब तक रख छोड़ा है।
11 यीशु ने गलील के काना में अपना यह पहिला चिन्ह दिखाकर अपनी महिमा प्रगट की और उसके चेलों ने उस पर विश्वास किया॥
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