ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं परमेश्वर द्वारा बुलाया गया भविष्यद्वक्ता
प्रकाशित वाक्य 2 : 1 – 29
1 इफिसुस की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, जो सातों तारे अपने दाहिने हाथ में लिए हुए है, और सोने की सातों दीवटों के बीच में फिरता है, वह यह कहता है कि
2 मै तेरे काम, और परिश्रम, और तेरा धीरज जानता हूं; और यह भी, कि तू बुरे लोगों को तो देख नहीं सकता; और जो अपने आप को प्रेरित कहते हैं, और हैं नहीं, उन्हें तू ने परख कर झूठा पाया।
3 और तू धीरज धरता है, और मेरे नाम के लिये दु:ख उठाते उठाते थका नहीं।
4 पर मुझे तेरे विरूद्ध यह कहना है कि तू ने अपना पहिला सा प्रेम छोड़ दिया है।
5 सो चेत कर, कि तू कहां से गिरा है, और मन फिरा और पहिले के समान काम कर; और यदि तू मन न फिराएगा, तो मै तेरे पास आकर तेरी दीवट को उस स्थान से हटा दूंगा।
6 पर हां तुझ में यह बात तो है, कि तू नीकुलइयों के कामों से घृणा करता है, जिन से मैं भी घृणा करता हूं।
7 जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है: जो जय पाए, मैं उसे उस जीवन के पेड़ में से जो परमेश्वर के स्वर्गलोक में है, फल खाने को दूंगा॥
8 और स्मुरना की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, जो प्रथम और अन्तिम है; जो मर गया था और अब जीवित हो गया है, वह यह कहता है कि।
9 मैं तेरे क्लेश और दरिद्रता को जानता हूं; (परन्तु तू धनी है); और जो लोग अपने आप को यहूदी कहते हैं और हैं नहीं, पर शैतान की सभा हैं, उन की निन्दा को भी जानता हूं।
10 जो दु:ख तुझ को झेलने होंगे, उन से मत डर: क्योंकि देखो, शैतान तुम में से कितनों को जेलखाने में डालने पर है ताकि तुम परखे जाओ; और तुम्हें दस दिन तक क्लेश उठाना होगा: प्राण देने तक विश्वासी रह; तो मैं तुझे जीवन का मुकुट दूंगा।
11 जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है: जो जय पाए, उस को दूसरी मृत्यु से हानि न पहुंचेगी॥
12 और पिरगमुन की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, जिस के पास दोधारी और चोखी तलवार है, वह यह कहता है, कि।
13 मैं यह तो जानता हूं, कि तू वहां रहता है जहां शैतान का सिंहासन है, और मेरे नाम पर स्थिर रहता है; और मुझ पर विश्वास करने से उन दिनों में भी पीछे नहीं हटा जिन में मेरा विश्वासयोग्य साक्षी अन्तिपास, तुम में उस स्थान पर घात किया गया जहां शैतान रहता है।
14 पर मुझे तेरे विरूद्ध कुछ बातें कहनी हैं, क्योंकि तेरे यहां कितने तो ऐसे हैं, जो बिलाम की शिक्षा को मानते हैं, जिस ने बालाक को इस्त्राएलियों के आगे ठोकर का कारण रखना सिखाया, कि वे मूरतों के बलिदान खाएं, और व्यभिचार करें।
15 वैसे ही तेरे यहां कितने तो ऐसे हैं, जो नीकुलइयों की शिक्षा को मानते हैं।
16 सो मन फिरा, नहीं तो मैं तेरे पास शीघ्र ही आकर, अपने मुख की तलवार से उन के साथ लडूंगा।
17 जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है; जो जय पाए, उस को मैं गुप्त मन्ना में से दूंगा, और उसे एक श्वेत पत्थर भी दूंगा; और उस पत्थर पर एक नाम लिखा हुआ होगा, जिसे उसके पाने वाले के सिवाय और कोई न जानेगा॥
18 और थूआतीरा की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, परमेश्वर का पुत्र जिस की आंखे आग की ज्वाला की नाईं, और जिस के पांव उत्तम पीतल के समान हैं, यह कहता है, कि
19 मैं तेरे कामों, और प्रेम, और विश्वास, और सेवा, और धीरज को जानता हूं, और यह भी कि तेरे पिछले काम पहिलों से बढ़ कर हैं।
20 पर मुझे तेरे विरूद्ध यह कहना है, कि तू उस स्त्री इजेबेल को रहने देता है जो अपने आप को भविष्यद्वक्तिन कहती है, और मेरे दासों को व्यभिचार करने, और मूरतों के आगे के बलिदान खाने को सिखला कर भरमाती है।
21 मैं ने उस को मन फिराने के लिये अवसर दिया, पर वह अपने व्यभिचार से मन फिराना नहीं चाहती।
22 देख, मैं उसे खाट पर डालता हूं; और जो उसके साथ व्यभिचार करते हैं यदि वे भी उसके से कामों से मन न फिराएंगे तो उन्हें बड़े क्लेश में डांलूगा।
23 और मैं उसके बच्चों को मार डालूंगा; और तब सब कलीसियाएं जान लेंगी कि हृदय और मन का परखने वाला मैं ही हूं: और मैं तुम में से हर एक को उसके कामों के अनुसार बदला दूंगा।
24 पर तुम थूआतीरा के बाकी लोगों से, जितने इस शिक्षा को नहीं मानते, और उन बातों को जिन्हें शैतान की गहिरी बातें कहते हैं नहीं जानते, यह कहता हूं, कि मैं तुम पर और बोझ न डालूंगा।
25 पर हां, जो तुम्हारे पास है उस को मेरे आने तक थामें रहो।
26 जो जय पाए, और मेरे कामों के अनुसार अन्त तक करता रहे, मैं उसे जाति जाति के लोगों पर अधिकार दूंगा।
27 और वह लोहे का राजदण्ड लिये हुए उन पर राज्य करेगा, जिस प्रकार कुम्हार के मिट्टी के बरतन चकनाचूर हो जाते है: जैसे कि मै ने भी ऐसा ही अधिकार अपने पिता से पाया है।
28 और मैं उसे भोर का तारा दूंगा।
29 जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है॥
व्यवस्थाविवरण 18 : 20
20 परन्तु जो नबी अभिमान करके मेरे नाम से कोई ऐसा वचन कहे जिसकी आज्ञा मैं ने उसे न दी हो, वा पराए देवताओं के नाम से कुछ कहे, वह नबी मार डाला जाए।
1 पतरस 1 : 20
20 उसका ज्ञान तो जगत की उत्पत्ति के पहिले ही से जाना गया था, पर अब इस अन्तिम युग में तुम्हारे लिये प्रगट हुआ।
1 कुरिन्थियों 2 : 14
14 परन्तु शारीरिक मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की बातें ग्रहण नहीं करता, क्योंकि वे उस की दृष्टि में मूर्खता की बातें हैं, और न वह उन्हें जान सकता है क्योंकि उन की जांच आत्मिक रीति से होती है।
यशायाह 7 : 14
14 इस कारण प्रभु आप ही तुम को एक चिन्ह देगा। सुनो, एक कुमारी गर्भवती होगी और पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानूएल रखेगी।
2 तीमुथियुस 3 : 16
16 हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है।
मत्ती 16 : 24
24 तब यीशु ने अपने चेलों से कहा; यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले।
2 राजा 3 : 1 – 2
1 यहूदा के राजा यहोशापात के अठारहवें वर्ष में अहाब का पुत्र यहोराम शिमरोन में राज्य करने लगा, और बारह पर्ष तक राज्य करता रहा।
2 उसने वह किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है तौभी उसने अपने माता-पिता के बराबर नहीं किया वरन अपने पिता की बनवाई हुई बाल की लाठ को दूर किया।
योना 3 : 1 – 10
1 तब यहोवा का यह वचन दूसरी बार योना के पास पहुंचा,
2 उठ कर उस बड़े नगर नीनवे को जा, और जो बात मैं तुझ से कहूंगा, उसका उस में प्रचार कर।
3 तब योना यहोवा के वचन के अनुसार नीनवे को गया। नीनवे एक बहुत बड़ा नगर था, वह तीन दिन की यात्रा का था।
4 और योना ने नगर में प्रवेश कर के एक दिन की यात्रा पूरी की, और यह प्रचार करता गया, अब से चालीस दिन के बीतने पर नीनवे उलट दिया जाएगा।
5 तब नीनवे के मनुष्यों ने परमेश्वर के वचन की प्रतीति की; और उपवास का प्रचार किया गया और बड़े से ले कर छोटे तक सभों ने टाट ओढ़ा।
6 तब यह समाचार नीनवे के राजा के कान में पहुंचा; और उसने सिंहासन पर से उठ, अपना राजकीय ओढ़ना उतार कर टाट ओढ़ लिया, और राख पर बैठ गया।
7 और राजा ने प्रधानों से सम्मति ले कर नीनवे में इस आज्ञा का ढींढोरा पिटवाया, कि क्या मनुष्य, क्या गाय-बैल, क्या भेड़-बकरी, या और पशु, कोई कुछ भी न खाएं; वे ने खांए और न पानी पीवें।
8 और मनुष्य और पशु दोनों टाट ओढ़ें, और वे परमेश्वर की दोहाई चिल्ला-चिल्ला कर दें; और अपने कुमार्ग से फिरें; और उस उपद्रव से, जो वे करते हैं, पश्चाताप करें।
9 सम्भव है, परमेश्वर दया करे और अपनी इच्छा बदल दे, और उसका भड़का हुआ कोप शान्त हो जाए और हम नाश होने से बच जाएं॥
10 जब परमेश्वर ने उनके कामों को देखा, कि वे कुमार्ग से फिर रहे हैं, तब परमेश्वर ने अपनी इच्छा बदल दी, और उनकी जो हानि करने की ठानी थी, उसको न किया॥
2 तीमुथियुस 3 : 16 – 17
16 हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है।
17 ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्पर हो जाए॥
इफिसियों 3 : 17 – 19
17 और विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में बसे कि तुम प्रेम में जड़ पकड़ कर और नेव डाल कर।
18 सब पवित्र लोगों के साथ भली भांति समझने की शक्ति पाओ; कि उसकी चौड़ाई, और लम्बाई, और ऊंचाई, और गहराई कितनी है।
19 और मसीह के उस प्रेम को जान सको जो ज्ञान से परे है, कि तुम परमेश्वर की सारी भरपूरी तक परिपूर्ण हो जाओ॥
रोमियो 12 : 2
2 और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो॥
याकूब 1 : 5
5 पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उस को दी जाएगी।
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