दयालुता

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं दयालुता

लैव्यवस्था 19 : 34
34 जो परदेशी तुम्हारे संग रहे वह तुम्हारे लिये देशी के समान हो, और उससे अपने ही समान प्रेम रखना; क्योंकि तुम भी मिस्र देश में परदेशी थे; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।

व्यवस्थाविवरण 22 : 4
4 तू अपने भाई के गदहे वा बैल को मार्ग पर गिरा हुआ देखकर अनदेखी न करना; उसके उठाने में अवश्य उसकी सहायता करना॥

भजन संहिता 112 : 5
5 जो पुरूष अनुग्रह करता और उधार देता है, उसका कल्याण होता है, वह न्याय में अपने मुकद्दमें को जीतेगा।

नीतिवचन 14 : 21
21 जो अपने पड़ोसी को तुच्छ जानता, वह पाप करता है, परन्तु जो दीन लोगों पर अनुग्रह करता, वह धन्य होता है।

नीतिवचन 19 : 22
22 मनुष्य कृपा करने के अनुसार चाहने योग्य होता है, और निर्धन जन झूठ बोलने वाले से उत्तम है।

नीतिवचन 31 : 26
26 वह बुद्धि की बात बोलती है, और उस के वचन कृपा की शिक्षा के अनुसार होते हैं।

यशायाह 11 : 13
13 एप्रैम फिर डाह न करेगा और यहूदा के तंग करने वाले काट डाले जाएंगे; न तो एप्रैम यहूदा से डाह करेगा और न यहूदा एप्रैम को तंग करेगा।

जकर्याह 7 : 10
10 न तो विधवा पर अन्धेर करना, न अनाथों पर, न परदेशी पर, और न दीन जन पर ; और न अपने अपने मन में एक दूसरे की हानि की कल्पना करना।

मत्ती 5 : 7
7 धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी।

मत्ती 5 : 42
42 जो कोई तुझ से मांगे, उसे दे; और जो तुझ से उधार लेना चाहे, उस से मुंह न मोड़॥

लूका 6 : 30
30 जो कोई तुझ से मांगे, उसे दे; और जो तेरी वस्तु छीन ले, उस से न मांग।

मत्ती 25 : 36
36 मैं नंगा था, तुम ने मुझे कपड़े पहिनाए; मैं बीमार था, तुम ने मेरी सुधि ली, मैं बन्दीगृह में था, तुम मुझ से मिलने आए।

लूका 6 : 35
35 वरन अपने शत्रुओं से प्रेम रखो, और भलाई करो: और फिर पाने की आस न रखकर उधार दो; और तुम्हारे लिये बड़ा फल होगा; और तुम परमप्रधान के सन्तान ठहरोगे, क्योंकि वह उन पर जो धन्यवाद नहीं करते और बुरों पर भी कृपालु है।

प्रेरितों के काम 20 : 35
35 मैं ने तुम्हें सब कुछ करके दिखाया, कि इस रीति से परिश्रम करते हुए निर्बलों को सम्भालना, और प्रभु यीशु की बातें स्मरण रखना अवश्य है, कि उस ने आप ही कहा है; कि लेने से देना धन्य है॥

रोमियो 12 : 15
15 आनन्द करने वालों के साथ आनन्द करो; और रोने वालों के साथ रोओ।

रोमियो 15 : 2
2 हम में से हर एक अपने पड़ोसी को उस की भलाई के लिये सुधारने के निमित प्रसन्न करे।

रोमियो 15 : 5
5 और धीरज, और शान्ति का दाता परमेश्वर तुम्हें यह वरदान दे, कि मसीह यीशु के अनुसार आपस में एक मन रहो।

1 कुरिन्थियों 13 : 7
7 वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है।

गलातियों 6 : 2
2 तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो।

गलातियों 6 : 10
10 इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष करके विश्वासी भाइयों के साथ॥

इफिसियों 4 : 32
32 और एक दूसरे पर कृपाल, और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो॥

कुलुस्सियों 3 : 12
12 इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो।

कुलुस्सियों 3 : 14
14 और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्ध है बान्ध लो।

1 तीमुथियुस 5 : 10
10 और भले काम में सुनाम रही हो, जिस ने बच्चों का पालन-पोषण किया हो; पाहुनों की सेवा की हो, पवित्र लोगों के पांव धोए हो, दुखियों की सहायता की हो, और हर एक भले काम में मन लगाया हो।

इब्रानियों 5 : 2
2 और वह अज्ञानों, और भूले भटकों के साथ नर्मी से व्यवहार कर सकता है इसलिये कि वह आप भी निर्बलता से घिरा है।

1 पतरस 3 : 9
9 बुराई के बदले बुराई मत करो; और न गाली के बदले गाली दो; पर इस के विपरीत आशीष ही दो: क्योंकि तुम आशीष के वारिस होने के लिये बुलाए गए हो।

1 पतरस 4 : 8
8 और सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो; क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढांप देता है।

2 पतरस 1 : 7
7 और भक्ति पर भाईचारे की प्रीति, और भाईचारे की प्रीति पर प्रेम बढ़ाते जाओ।

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