ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं जहाज
उत्पत्ति 6 : 22
22 परमेश्वर की इस आज्ञा के अनुसार नूह ने किया।
1 राजा 9 : 26
26 फिर राजा सुलैमान ने एस्योनगेबेर में जो एदोम देश मे लाल समुद्र के तीर एलोत के पास है, जहाज बनाए।
2 इतिहास 8 : 17
17 तब सुलैमान एस्योनगेबेर और एलोत को गया, जो एदोम के देश में समुद्र के तीर पर हैं।
1 राजा 22 : 48
48 फिर यहोशापात ने तशींश के जहाज सोना लाने के लिये ओपीर जाने को बनवा लिए, परन्तु वे एश्योनगेबेर में टूट गए, इसलिये वहां न जा सके।
2 इतिहास 20 : 36
36 अर्थात उसने उसके साथ इसलिये मेल किया कि तशींश जाने को जहाज बनवाए, और उन्होंने ऐसे जहाज एस्योनगेबेर में बनवाए।
उत्पत्ति 6 : 14
14 इसलिये तू गोपेर वृक्ष की लकड़ी का एक जहाज बना ले, उस में कोठरियां बनाना, और भीतर बाहर उस पर राल लगाना।
यहेजकेल 27 : 5
5 तेरी सब पटरियां सनीर पर्वत के सनौवर की लकड़ी की बनी हैं; तेरे मस्तूल के लिये लबानोन के देवदार लिए गए हैं।
यशायाह 18 : 2
2 और समुद्र पर दूतों को नरकट की नावों में बैठा कर जल के मार्ग से यह कहके भेजता है, हे फुर्तीले दूतो, उस जाति के पास जाओ जिसके लोग बलिष्ट और सुन्दर हैं, जो आदि से अब तक डरावने हैं, जो मापने और रौंदने वाला भी हैं, और जिनका देश नदियों से विभाजित किया हुआ है॥
उत्पत्ति 6 : 15
15 और इस ढंग से उसको बनाना: जहाज की लम्बाई तीन सौ हाथ, चौड़ाई पचास हाथ, और ऊंचाई तीस हाथ की हो।
याकूब 3 : 4
4 देखो, जहाज भी, यद्यपि ऐसे बड़े होते हैं, और प्रचण्ड वायु से चलाए जाते हैं, तौभी एक छोटी सी पतवार के द्वारा मांझी की इच्छा के अनुसार घुमाए जाते हैं।
प्रेरितों के काम 27 : 40
40 तब उन्होंने लंगरों को खोलकर समुद्र में छोड़ दिया और उसी समय पतवारों के बन्धन खोल दिए, और हवा के साम्हने अगला पाल चढ़ाकर किनारे की ओर चले।
यशायाह 33 : 23
23 तेरी रस्सियां ढीली हो गईं, वे मस्तूल की जड़ को दृढ़ न रख सकीं, और न पाल को तान सकीं॥ तब बड़ी लूट छीनकर बांटी गई, लंगड़े लोग भी लूट के भागी हुए।
प्रेरितों के काम 27 : 19
19 और तीसरे दिन उन्होंने अपने हाथों से जहाज का सामान फेंक दिया।
यशायाह 33 : 23
23 तेरी रस्सियां ढीली हो गईं, वे मस्तूल की जड़ को दृढ़ न रख सकीं, और न पाल को तान सकीं॥ तब बड़ी लूट छीनकर बांटी गई, लंगड़े लोग भी लूट के भागी हुए।
प्रेरितों के काम 27 : 1
1 जब यह ठहराया गया, कि हम जहाज पर इतालिया को जाएं, तो उन्होंने पौलुस और कितने और बन्धुओं को भी यूलियुस नाम औगुस्तुस की पलटन के एक सूबेदार के हाथ सौंप दिया।
प्रेरितों के काम 27 : 9
9 जब बहुत दिन बीत गए, और जल यात्रा में जोखिम इसलिये होती थी कि उपवास के दिन अब बीत चुके थे, तो पौलुस ने उन्हें यह कहकर समझाया।
प्रेरितों के काम 27 : 17
17 मल्लाहों ने उसे उठाकर, अनेक उपाय करके जहाज को नीचे से बान्धा, और सुरितस के चोरबालू पर टिक जाने के भय से पाल और सामान उतार कर, बहते हुए चले गए।
प्रेरितों के काम 27 : 40
40 तब उन्होंने लंगरों को खोलकर समुद्र में छोड़ दिया और उसी समय पतवारों के बन्धन खोल दिए, और हवा के साम्हने अगला पाल चढ़ाकर किनारे की ओर चले।
यहेजकेल 27 : 7
7 तेरे जहाज़ों के पाल मिस्र से लाए हुए बूटेदार सन के कपड़े के बने कि तेरे लिये झण्डे का काम दें; तेरी चांदनी एलीशा के द्वीपों से लाए हुए नीले और बैंजनी रंग के कपड़ों की बनी।
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