ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं जब जीवन शुरू होता है
यिर्मयाह 1 : 5
5 गर्भ में रचने से पहिले ही मैं ने तुझ पर चित्त लगाया, और उत्पन्न होने से पहिले ही मैं ने तुझे अभिषेक किया; मैं ने तुझे जातियों का भविष्यद्वक्ता ठहराया।
निर्गमन 21 : 22 – 25
22 यदि मनुष्य आपस में मारपीट करके किसी गभिर्णी स्त्री को ऐसी चोट पहुचाए, कि उसका गर्भ गिर जाए, परन्तु और कुछ हानि न हो, तो मारने वाले से उतना दण्ड लिया जाए जितना उस स्त्री का पति पंच की सम्मति से ठहराए।
23 परन्तु यदि उसको और कुछ हानि पहुंचे, तो प्राण की सन्ती प्राण का,
24 और आंख की सन्ती आंख का, और दांत की सन्ती दांत का, और हाथ की सन्ती हाथ का, और पांव की सन्ती पांव का,
25 और दाग की सन्ती दाग का, और घाव की सन्ती घाव का, और मार की सन्ती मार का दण्ड हो॥
भजन संहिता 139 : 13 – 16
13 मेरे मन का स्वामी तो तू है; तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा।
14 मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं।
15 जब मैं गुप्त में बनाया जाता, और पृथ्वी के नीचे स्थानों में रचा जाता था, तब मेरी हडि्डयां तुझ से छिपी न थीं।
16 तेरी आंखों ने मेरे बेडौल तत्व को देखा; और मेरे सब अंग जो दिन दिन बनते जाते थे वे रचे जाने से पहिले तेरी पुस्तक में लिखे हुए थे।
उत्पत्ति 2 : 7
7 और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया; और आदम जीवता प्राणी बन गया।
भजन संहिता 139 : 13
13 मेरे मन का स्वामी तो तू है; तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा।
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