इसके बारे में बाइबल क्या कहता है आँखें – बाइबल की सभी आयतें आँखें

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं आँखें

मत्ती 6 : 22
22 शरीर का दिया आंख है: इसलिये यदि तेरी आंख निर्मल हो, तो तेरा सारा शरीर भी उजियाला होगा।

1 शमूएल 16 : 7
7 परन्तु यहोवा ने शमूएल से कहा, न तो उसके रूप पर दृष्टि कर, और न उसके डील की ऊंचाई पर, क्योंकि मैं ने उसे अयोग्य जाना है; क्योंकि यहोवा का देखना मनुष्य का सा नहीं है; मनुष्य तो बाहर का रूप देखता है, परन्तु यहोवा की दृष्टि मन पर रहती है।

लूका 11 : 33 – 36
33 कोई मनुष्य दीया बार के तलघरे में, या पैमाने के नीचे नहीं रखता, परन्तु दीवट पर रखता है कि भीतर आने वाले उजियाला पाएं।
34 तेरे शरीर का दीया तेरी आंख है, इसलिये जब तेरी आंख निर्मल है, तो तेरा सारा शरीर भी उजियाला है; परन्तु जब वह बुरी है, तो तेरा शरीर भी अन्धेरा है।
35 इसलिये चौकस रहना, कि जो उजियाला तुझ में है वह अन्धेरा न हो जाए।
36 इसलिये यदि तेरा सारा शरीर उजियाला हो, ओर उसका कोई भाग अन्धेरा न रहे, तो सब का सब ऐसा उलियाला होगा, जैसा उस समय होता है, जब दीया अपनी चमक से तुझे उजाला देता है॥

मत्ती 5 : 28
28 परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि जो कोई किसी स्त्री पर कुदृष्टि डाले वह अपने मन में उस से व्यभिचार कर चुका।

नीतिवचन 21 : 4
4 चढ़ी आंखें, घमण्डी मन, और दुष्टों की खेती, तीनों पापमय हैं।

भजन संहिता 101 : 3
3 मैं किसी ओछे काम पर चित्त न लगाऊंगा॥ मैं कुमार्ग पर चलने वालों के काम से घिन रखता हूं; ऐसे काम में मैं न लगूंगा।

इफिसियों 1 : 16 – 21
16 तुम्हारे लिये धन्यवाद करना नहीं छोड़ता, और अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हें स्मरण किया करता हूं।
17 कि हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमेश्वर जो महिमा का पिता है, तुम्हें अपनी पहचान में, ज्ञान और प्रकाश का आत्मा दे।
18 और तुम्हारे मन की आंखें ज्योतिर्मय हों कि तुम जान लो कि उसके बुलाने से कैसी आशा होती है, और पवित्र लोगों में उस की मीरास की महिमा का धन कैसा है।
19 और उस की सामर्थ हमारी ओर जो विश्वास करते हैं, कितनी महान है, उस की शक्ति के प्रभाव के उस कार्य के अनुसार।
20 जो उस ने मसीह के विषय में किया, कि उस को मरे हुओं में से जिलाकर स्वर्गीय स्यानोंमें अपनी दाहिनी ओर।
21 सब प्रकार की प्रधानता, और अधिकार, और सामर्थ, और प्रभुता के, और हर एक नाम के ऊपर, जो न केवल इस लोक में, पर आने वाले लोक में भी लिया जाएगा, बैठाया।

1 कुरिन्थियों 10 : 13
13 तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्चा है: वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको॥

नीतिवचन 20 : 12
12 सुनने के लिये कान और देखने के लिये जो आंखें हैं, उन दोनों को यहोवा ने बनाया है।

2 राजा 6 : 17
17 तब एलीशा ने यह प्रार्थना की, हे यहोवा, इसकी आंखें खोल दे कि यह देख सके। तब यहोवा ने सेवक की आंखें खोल दीं, और जब वह देख सका, तब क्या देखा, कि एलीशा के चारों ओर का पहाड़ अग्निमय घोड़ों और रथों से भरा हुआ है।

मरकुस 8 : 25
25 तब उस ने फिर दोबारा उस की आंखों पर हाथ रखे, और उस ने ध्यान से देखा, और चंगा हो गया, और सब कुछ साफ साफ देखने लगा।

1 कुरिन्थियों 6 : 18
18 व्यभिचार से बचे रहो: जितने और पाप मनुष्य करता है, वे देह के बाहर हैं, परन्तु व्यभिचार करने वाला अपनी ही देह के विरूद्ध पाप करता है।

निर्गमन 21 : 22 – 25
22 यदि मनुष्य आपस में मारपीट करके किसी गभिर्णी स्त्री को ऐसी चोट पहुचाए, कि उसका गर्भ गिर जाए, परन्तु और कुछ हानि न हो, तो मारने वाले से उतना दण्ड लिया जाए जितना उस स्त्री का पति पंच की सम्मति से ठहराए।
23 परन्तु यदि उसको और कुछ हानि पहुंचे, तो प्राण की सन्ती प्राण का,
24 और आंख की सन्ती आंख का, और दांत की सन्ती दांत का, और हाथ की सन्ती हाथ का, और पांव की सन्ती पांव का,
25 और दाग की सन्ती दाग का, और घाव की सन्ती घाव का, और मार की सन्ती मार का दण्ड हो॥

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