ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं अवमानना
उत्पत्ति 19 : 1 – 13
1 सांझ को वे दो दूत सदोम के पास आए: और लूत सदोम के फाटक के पास बैठा था: सो उन को देख कर वह उन से भेंट करने के लिये उठा; और मुंह के बल झुक कर दण्डवत कर कहा;
2 हे मेरे प्रभुओं, अपने दास के घर में पधारिए, और रात भर विश्राम कीजिए, और अपने पांव धोइये, फिर भोर को उठ कर अपने मार्ग पर जाइए। उन्होंने कहा, नहीं; हम चौक ही में रात बिताएंगे।
3 और उसने उन से बहुत बिनती करके उन्हें मनाया; सो वे उसके साथ चल कर उसके घर में आए; और उसने उनके लिये जेवनार तैयार की, और बिना खमीर की रोटियां बनाकर उन को खिलाई।
4 उनके सो जाने के पहिले, उस सदोम नगर के पुरूषों ने, जवानों से ले कर बूढ़ों तक, वरन चारों ओर के सब लोगों ने आकर उस घर को घेर लिया;
5 और लूत को पुकार कर कहने लगे, कि जो पुरूष आज रात को तेरे पास आए हैं वे कहां हैं? उन को हमारे पास बाहर ले आ, कि हम उन से भोग करें।
6 तब लूत उनके पास द्वार के बाहर गया, और किवाड़ को अपने पीछे बन्द करके कहा,
7 हे मेरे भाइयों, ऐसी बुराई न करो।
8 सुनो, मेरी दो बेटियां हैं जिन्होंने अब तक पुरूष का मुंह नहीं देखा, इच्छा हो तो मैं उन्हें तुम्हारे पास बाहर ले आऊं, और तुम को जैसा अच्छा लगे वैसा व्यवहार उन से करो: पर इन पुरूषों से कुछ न करो; क्योंकि ये मेरी छत के तले आए हैं।
9 उनहोंने कहा, हट जा। फिर वे कहने लगे, तू एक परदेशी हो कर यहां रहने के लिये आया पर अब न्यायी भी बन बैठा है: सो अब हम उन से भी अधिक तेरे साथ बुराई करेंगे। और वे उस पुरूष लूत को बहुत दबाने लगे, और किवाड़ तोड़ने के लिये निकट आए।
10 तब उन पाहुनों ने हाथ बढ़ाकर, लूत को अपने पास घर में खींच लिया, और किवाड़ को बन्द कर दिया।
11 और उन्होंने क्या छोटे, क्या बड़े, सब पुरूषों को जो घर के द्वार पर थे अन्धा कर दिया, सो वे द्वार को टटोलते टटोलते थक गए।
12 फिर उन पाहुनों ने लूत से पूछा, यहां तेरे और कौन कौन हैं? दामाद, बेटे, बेटियां, वा नगर में तेरा जो कोई हो, उन सभों को ले कर इस स्थान से निकल जा।
13 क्योंकि हम यह स्थान नाश करने पर हैं, इसलिये कि उसकी चिल्लाहट यहोवा के सम्मुख बढ़ गई है; और यहोवा ने हमें इसका सत्यनाश करने के लिये भेज दिया है।
1 कुरिन्थियों 6 : 9 – 10
9 क्या तुम नहीं जानते, कि अन्यायी लोग परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे? धोखा न खाओ, न वेश्यागामी, न मूर्तिपूजक, न परस्त्रीगामी, न लुच्चे, न पुरूषगामी।
10 न चोर, न लोभी, न पियक्कड़, न गाली देने वाले, न अन्धेर करने वाले परमेश्वर के राज्य के वारिस होंगे।
गलातियों 5 : 16
16 पर मैं कहता हूं, आत्मा के अनुसार चलो, तो तुम शरीर की लालसा किसी रीति से पूरी न करोगे।
1 कुरिन्थियों 6 : 12
12 सब वस्तुएं मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुएं लाभ की नहीं, सब वस्तुएं मेरे लिये उचित हैं, परन्तु मैं किसी बात के आधीन न हूंगा।
गलातियों 5 : 22
22 पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज,
1 कुरिन्थियों 15 : 51
51 देखे, मैं तुम से भेद की बात कहता हूं: कि हम सब तो नहीं सोएंगे, परन्तु सब बदल जाएंगे।
गलातियों 5 : 23
23 और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं।
2 कुरिन्थियों 5 : 17
17 सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं।
1 शमूएल 13 : 13
13 शमूएल ने शाऊल से कहा, तू ने मूर्खता का काम किया है; तू ने अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा को नहीं माना; नहीं तो यहोवा तेरा राज्य इस्राएलियों के ऊपर सदा स्थिर रखता।
Leave a Reply