ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं गर्मी
भजन संहिता 74 : 17
17 तू ने तो पृथ्वी के सब सिवानों को ठहराया; धूपकाल और जाड़ा दोनों तू ने ठहराए हैं॥
लूका 21 : 30
30 ज्योंहि उन की कोंपलें निकलती हैं, तो तुम देखकर आप ही जान लेते हो, कि ग्रीष्म काल निकट है।
आमोस 8 : 1
1 परमेश्वर यहोवा ने मुझ को यों दिखाया: कि, धूपकाल के फलों से भरी हुई एक टोकरी है।
भजन संहिता 32 : 4
4 क्योंकि रात दिन मैं तेरे हाथ के नीचे दबा रहा; और मेरी तरावट धूप काल की सी झुर्राहट बनती गई॥
यिर्मयाह 8 : 20
20 कटनी का समय बीत गया, फल तोड़ने की ॠतु भी समाप्त हो गई, और हमारा उद्धार नहीं हुआ।
नीतिवचन 26 : 1
1 जैसा धूपकाल में हिम का, और कटनी के समय जल का पड़ना, वैसा ही मूर्ख की महिमा भी ठीक नहीं होती।
मरकुस 13 : 28
28 अंजीर के पेड़ से यह दृष्टान्त सीखो: जब उस की डाली को मल हो जाती; और पत्ते निकलने लगते हैं; तो तुम जान लेते हो, कि ग्रीष्मकाल निकट है।
याकूब 1 : 17
17 क्योंकि हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिस में न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, ओर न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है।
उत्पत्ति 8 : 22
22 अब से जब तक पृथ्वी बनी रहेगी, तब तक बोने और काटने के समय, ठण्ड और तपन, धूपकाल और शीतकाल, दिन और रात, निरन्तर होते चले जाएंगे॥
नीतिवचन 6 : 6 – 8
6 हे आलसी, च्यूंटियों के पास जा; उनके काम पर ध्यान दे, और बुद्धिमान हो।
7 उन के न तो कोई न्यायी होता है, न प्रधान, और न प्रभुता करने वाला,
8 तौभी वे अपना आहार धूपकाल में संचय करती हैं, और कटनी के समय अपनी भोजन वस्तु बटोरती हैं।
लूका 21 : 29 – 36
29 उस ने उन से एक दृष्टान्त भी कहा कि अंजीर के पेड़ और सब पेड़ों को देखो।
30 ज्योंहि उन की कोंपलें निकलती हैं, तो तुम देखकर आप ही जान लेते हो, कि ग्रीष्म काल निकट है।
31 इसी रीति से जब तुम ये बातें होते देखो, तब जान लो कि परमेश्वर का राज्य निकट है।
32 मैं तुम से सच कहता हूं, कि जब तक ये सब बातें न हो लें, तब तक इस पीढ़ी का कदापि अन्त न होगा।
33 आकाश और पृथ्वी टल जाएंगे, परन्तु मेरी बातें कभी न टलेंगी॥
34 इसलिये सावधान रहो, ऐसा न हो कि तुम्हारे मन खुमार और मतवालेपन, और इस जीवन की चिन्ताओं से सुस्त हो जाएं, और वह दिन तुम पर फन्दे की नाईं अचानक आ पड़े।
35 क्योंकि वह सारी पृथ्वी के सब रहने वालों पर इसी प्रकार आ पड़ेगा।
36 इसलिये जागते रहो और हर समय प्रार्थना करते रहो कि तुम इन सब आने वाली घटनाओं से बचने, और मनुष्य के पुत्र के साम्हने खड़े होने के योग्य बनो॥
मत्ती 24 : 32
32 अंजीर के पेड़ से यह दृष्टान्त सीखो: जब उस की डाली को मल हो जाती और पत्ते निकलने लगते हैं, तो तुम जान लेते हो, कि ग्रीष्म काल निकट है।
नीतिवचन 10 : 5
5 जो बेटा धूपकाल में बटोरता है वह बुद्धि से काम करने वाला है, परन्तु जो बेटा कटनी के समय भारी नींद में पड़ा रहता है, वह लज्जा का कारण होता है।
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