ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं कृषि
उत्पत्ति 2 : 15
15 तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को ले कर अदन की वाटिका में रख दिया, कि वह उस में काम करे और उसकी रक्षा करे,
उत्पत्ति 3 : 19
19 और अपने माथे के पसीने की रोटी खाया करेगा, और अन्त में मिट्टी में मिल जाएगा; क्योंकि तू उसी में से निकाला गया है, तू मिट्टी तो है और मिट्टी ही में फिर मिल जाएगा।
उत्पत्ति 3 : 23
23 तब यहोवा परमेश्वर ने उसको अदन की बाटिका में से निकाल दिया कि वह उस भूमि पर खेती करे जिस में से वह बनाया गया था।
उत्पत्ति 4 : 2
2 फिर वह उसके भाई हाबिल को भी जन्मी, और हाबिल तो भेड़-बकरियों का चरवाहा बन गया, परन्तु कैन भूमि की खेती करने वाला किसान बना।
उत्पत्ति 9 : 20
20 और नूह किसानी करने लगा, और उसने दाख की बारी लगाई।
1 राजा 19 : 19
19 तब वह वहां से चल दिया, और शापात का पुत्र एलीशा उसे मिला जो बारह जोड़ी बैल अपने आगे किए हुए आप बारहवीं के साथ हो कर हल जोत रहा था। उसके पास जा कर एलिय्याह ने अपनी चद्दर उस पर डाल दी।
1 इतिहास 27 : 31
31 और भैड़-बकरियों का अधिकारी हग्री याजीज था। ये ही सब राजा दाऊद के धन सम्पत्ति के अधिकारी थे।
2 इतिहास 26 : 10
10 और उसके बहुत जानवर थे इसलिये उसने जंगल में और नीचे के देश और चौरस देश में गुम्मट बनवाए और बहुत से हौद खुदवाए, और पहाड़ों पर और कर्म्मेल में उसके किसान और दाख की बारियों के माली थे, क्योंकि वह खेती किसानी करने वाला था।
सभोपदेशक 2 : 6
6 मैं ने अपने लिये कुण्ड खुदवा लिए कि उन से वह वन सींचा जाए जिस में पौधे लगाए जाते थे।
यिर्मयाह 5 : 24
24 वे मन में इतना भी नहीं सोचते कि हमारा परमेश्वर यहोवा तो बरसात के आरम्भ और अन्त दोनों समयों का जल समय पर बरसाता है, और कटनी के नियत सप्ताहों को हमारे लिये रखता है, इसलिये हम उसका भय मानें।
होशे 2 : 8
8 वह यह नहीं जानती थी, कि अन्न, नया दाखमधु और तेल मैं ही उसे देता था, और उसके लिये वह चान्दी सोना जिस को वे बाल देवता के काम में ले आते हैं, मैं ही बढ़ाता था।
यशायाह 28 : 26
26 क्योंकि उसका परमेश्वर उसको ठीक ठीक काम करना सिखलाता और बतलाता है॥
नीतिवचन 27 : 23
23 अपनी भेड़-बकरियों की दशा भली-भांति मन लगा कर जान ले, और अपने सब पशुओं के झुण्डों की देखभाल उचित रीति से कर;
नीतिवचन 27 : 27
27 और बकरियों का इतना दूध होगा कि तू अपने घराने समेत पेट भर के पिया करेगा, और तेरी लौण्डियों का भी जीवन निर्वाह होता रहेगा॥
सभोपदेशक 11 : 6
6 भोर को अपना बीज बो, और सांझ को भी अपना हाथ न रोक; क्योंकि तू नहीं जानता कि कौन सफल होगा, यह वा वह वा दोनों के दोनों अच्छे निकलेंगे।
याकूब 5 : 7
7 सो हे भाइयों, प्रभु के आगमन तक धीरज धरो, देखो, गृहस्थ पृथ्वी के बहुमूल्य फल की आशा रखता हुआ प्रथम और अन्तिम वर्षा होने तक धीरज धरता है।
2 तीमुथियुस 2 : 6
6 जो गृहस्थ परिश्रम करता है, फल का अंश पहिले उसे मिलना चाहिए।
2 इतिहास 26 : 10
10 और उसके बहुत जानवर थे इसलिये उसने जंगल में और नीचे के देश और चौरस देश में गुम्मट बनवाए और बहुत से हौद खुदवाए, और पहाड़ों पर और कर्म्मेल में उसके किसान और दाख की बारियों के माली थे, क्योंकि वह खेती किसानी करने वाला था।
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