ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं एक दूसरे की सेवा करना
1 पतरस 4 : 10
10 जिस को जो वरदान मिला है, वह उसे परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्डारियों की नाईं एक दूसरे की सेवा में लगाए।
गलातियों 5 : 13
13 हे भाइयों, तुम स्वतंत्र होने के लिये बुलाए गए हो परन्तु ऐसा न हो, कि यह स्वतंत्रता शारीरिक कामों के लिये अवसर बने, वरन प्रेम से एक दूसरे के दास बनो।
1 थिस्सलुनीकियों 5 : 11
11 इस कारण एक दूसरे को शान्ति दो, और एक दूसरे की उन्नति के कारण बनो, निदान, तुम ऐसा करते भी हो॥
कुलुस्सियों 3 : 13
13 और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो।
रोमियो 12 : 10
10 भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो।
मरकुस 10 : 42 – 45
42 और यीशु ने उन को पास बुला कर उन से कहा, तुम जानते हो, कि जो अन्यजातियों के हाकिम समझे जाते हैं, वे उन पर प्रभुता करते हैं; और उन में जो बड़ें हैं, उन पर अधिकार जताते हैं।
43 पर तुम में ऐसा नहीं है, वरन जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने।
44 और जो कोई तुम में प्रधान होना चाहे, वह सब का दास बने।
45 क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे॥
1 यूहन्ना 4 : 7
7 हे प्रियों, हम आपस में प्रेम रखें; क्योंकि प्रेम परमेश्वर से है: और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है।
फिलिप्पियों 2 : 3
3 विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो।
गलातियों 6 : 2
2 तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो।
1 पतरस 2 : 21
21 और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुख उठा कर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्ह पर चलो।
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