इसके बारे में बाइबल क्या कहता है उदासी – बाइबल की सभी आयतें उदासी

ये बाइबल की वे आयतें हैं जो इस बारे में बात करती हैं उदासी

भजन संहिता 34 : 18
18 यहोवा टूटे मन वालों के समीप रहता है, और पिसे हुओं का उद्धार करता है॥

यूहन्ना 14 : 1
1 तुम्हारा मन व्याकुल न हो, तुम परमेश्वर पर विश्वास रखते हो मुझ पर भी विश्वास रखो।

भजन संहिता 55 : 22
22 अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा॥

भजन संहिता 18 : 2
2 यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का सींग, और मेरा ऊँचा गढ़ है।

यिर्मयाह 29 : 11
11 क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानी की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा।

याकूब 5 : 13
13 यदि तुम में कोई दुखी हो तो वह प्रार्थना करे: यदि आनन्दित हो, तो वह स्तुति के भजन गाए।

भजन संहिता 48 : 14
14 क्योंकि वह परमेश्वर सदा सर्वदा हमारा परमेश्वर है, वह मृत्यु तक हमारी अगुवाई करेगा॥

यूहन्ना 10 : 29
29 मेरा पिता, जिस ने उन्हें मुझ को दिया है, सब से बड़ा है, और कोई उन्हें पिता के हाथ से छीन नहीं सकता।

यूहन्ना 15 : 7
7 यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।

1 यूहन्ना 1 : 9
9 यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है।

यूहन्ना 14 : 18
18 मैं तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं।

यूहन्ना 17 : 15
15 मैं यह बिनती नहीं करता, कि तू उन्हें जगत से उठा ले, परन्तु यह कि तू उन्हें उस दुष्ट से बचाए रख।

1 पतरस 5 : 7
7 और अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उस को तुम्हारा ध्यान है।

यूहन्ना 20 : 26 – 29
26 आठ दिन के बाद उस के चेले फिर घर के भीतर थे, और थोमा उन के साथ था, और द्वार बन्द थे, तब यीशु ने आकर और बीच में खड़ा होकर कहा, तुम्हें शान्ति मिले।
27 तब उस ने थोमा से कहा, अपनी उंगली यहां लाकर मेरे हाथों को देख और अपना हाथ लाकर मेरे पंजर में डाल और अविश्वासी नहीं परन्तु विश्वासी हो।
28 यह सुन थोमा ने उत्तर दिया, हे मेरे प्रभु, हे मेरे परमेश्वर!
29 यीशु ने उस से कहा, तू ने तो मुझे देखकर विश्वास किया है, धन्य वे हैं जिन्हों ने बिना देखे विश्वास किया॥

भजन संहिता 91 : 1 – 2
1 जो परमप्रधान के छाए हुए स्थान में बैठा रहे, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पाएगा।
2 मैं यहोवा के विषय कहूंगा, कि वह मेरा शरणस्थान और गढ़ है; वह मेरा परमेश्वर है, मैं उस पर भरोसा रखूंगा।

यूहन्ना 14 : 16
16 और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे।

यशायाह 53 : 4
4 निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा।

रोमियो 8 : 34
34 फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है।

नीतिवचन 15 : 13 – 14
13 मन आनन्दित होने से मुख पर भी प्रसन्नता छा जाती है, परन्तु मन के दु:ख से आत्मा निराश होती है।
14 समझने वाले का मन ज्ञान की खोज में रहता है, परन्तु मूर्ख लोग मूढ़ता से पेट भरते हैं।

यूहन्ना 15 : 1 – 7
1 सच्ची दाखलता मैं हूं; और मेरा पिता किसान है।
2 जो डाली मुझ में है, और नहीं फलती, उसे वह काट डालता है, और जो फलती है, उसे वह छांटता है ताकि और फले।
3 तुम तो उस वचन के कारण जो मैं ने तुम से कहा है, शुद्ध हो।
4 तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में: जैसे डाली यदि दाखलता में बनी न रहे, तो अपने आप से नहीं फल सकती, वैसे ही तुम भी यदि मुझ में बने न रहो तो नहीं फल सकते।
5 मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।
6 यदि कोई मुझ में बना न रहे, तो वह डाली की नाईं फेंक दिया जाता, और सूख जाता है; और लोग उन्हें बटोरकर आग में झोंक देते हैं, और वे जल जाती हैं।
7 यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *